एनबीएफसी विनियमन – भविष्य पर विचार - एम. राजेश्वर राव | 316 kb |
कौन सी शक्तियाँ समुत्थान का वाहक बन सकती हैं? - शक्तिकांत दास | 337 kb |
बैंकों के लिए गहरे आत्ममंथन का समय: कोविड के बाद बैंकों का पुनरभिमुखीकरण - शक्तिकांत दास | 185 kb |
क्या भारतीय अर्थव्यवस्था में गतिमान परिवर्तन हो रहे हैं?- शक्तिकांत दास | 277 kb |
भारतीय अर्थव्यवस्था निर्णायक मोड़ पर: वित्तीय स्थिरता की दृष्टि से विवेचन – शक्तिकांत दास | 303 kb |
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम: चुनौतिया और भावी दिशा - शक्तिकांत दास | 293 kb |
21 वीं सदी में बैंकिग परिदृश्य - शक्तिकांत दास | 272 kb |
एनआईबीएम स्वर्णजयंती समारोह माननीय राष्ट्रपति - श्री राम नाथ कोविंद | 153 kb |
भारत की मौद्रिक नीति के सात यगु - शक्तिकांत दास | 275 kb |
भारत में समावेशी विकास की ओर यात्रा - शक्तिकांत दास | 246 kb |
$5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था: आकांक्षा से कार्रवाई तक - शक्तिकांत दास | 269 kb |
ग्रामीण और कृषि वित्त: समावेशी और दीर्घकालिक विकास प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी - एम.के.जैन | 219 kb |
वित्तीय समावेशन के अगले दौर में सूक्ष्म वित्त - एम.के.जैन | 226 kb |
चौराहे पर भारतीय बैंकिंग: कुछ विचार - शक्तिकांत दास | 243 kb |
बैंकों में अनुपालन कार्यप्रणाली संबंधी विनियामकीय और पर्यवेक्षी प्रत्याशाएं - एम.के.जैन | 188 kb |
भारत के बाह्य क्षेत्र की सुदृढ़ता के आयाम - शक्तिकान्त दास | 224 kb |
20 वाँ फिम्डा-पीडीएआई वार्षिक सम्मेलन - बी.पी.कानूनगो | 192 kb |
व्यापार युद्ध: क्या उह अवैश्वीकरण की पूर्वपीठिका है? - बी.पी.कानूनगो | 154 kb |
वित्तीय स्थिरता के मार्ग में उभरती चुनौतियाँ - शक्तिकान्त दास | 188 kb |
डिजिटल वित्तीय जगत में उपभोक्ता संरक्षण-की गई पहल और उससे आगे - एम.के.जैन | 209 kb |
पुस्तक विमोचन पर गवर्नर महोदय की टिप्पणी - शक्तिकान्त दास | 162 kb |
व्यवहार्य वित्तीय बाज़ारों का विकास – भारतीय अनुभव – विरल वी. आचार्य | 834 kb |
राज्यपाल का उद्घाटन समारोह - वार्षिक सांख्यिकी दिवस सम्मेलन - शक्तिकान्त दास | 165 kb |
शिकायत प्रबंधन प्रणाली के शुभारंभ पर गवर्नर महोदय का वक्तव्य - शक्तिकान्त दास | 142 kb |
केंद्रीय बैंकों की बढ़ती हुई भूमिका - शक्तिकान्त दास | 226 kb |
बैंकिंग परिदृश्य : वर्तमान स्थिति और भावी दिशा - शक्तिकान्त दास | 228 kb |
वैश्विक पटल पर भारत का बढ़ता महत्व क्या यह लंबे समय तक बना रहेगा और क्या हम इसके लिए तैयार हैं ? – बी.पी. कानूनगो | 221 kb |
17 वाँ सी. डी.देशमुख स्मारक व्याख्यान: उदघाटन उद्बोधन - शक्तिकांत दास | 124 kb |
उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष वैश्विक जोखिम एवं नीतिगत चुनौतियाँ - शक्तिकांत दास | 193 kb |
फिनटेक के अवसर और चुनौतियाँ - शक्तिकांत दास | 228 kb |
राजकोषीय संघवाद (फेडरलिजम) पर कुछ विचार - शक्तिकांत दास | 165 kb |
सूक्ष्म ऋण और कैसे कोई लोक ऋण रजिस्ट्री इसे सुदृढ़ कर सकता है इसके संबंध में कुछ विचार - विरल वी. आचार्य | 370 kb |
भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मोजूद नीतिगत मुद्दों पर चिंतन – शक्तिकांत दास | 260 kb |
क्रेडिट जोखिम और बैंक पूंजी विनियमन पर मेरे विचार - श्री एन.एस. विश्वनाथन, उप गवर्नर द्वारा 29 अक्तूबर 2018 को एक्सएलआरआई, जमशेदपुर में दिया गया भाषण | 548 kb |
स्वतंत्र विनियामकीय संस्थाओं का महत्व – केंद्रीय बैंक का मामला - डॉ. विरल वी. आचार्य, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मुंबई में 26 अक्तूबर 2018 को दिया गया ए. डी. श्रॉफ स्मारक व्याख्यान | 319 kb |
त्वरीत सुधारात्मक कार्रवाई : वित्तीय स्थिरता फ्रेमवर्क का एक अनिवार्य तत्व - डॉ विरल वी आचार्य | 648 kb |
निर्वारक सतर्कता – सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में सुशासन का सर्वप्रमुख साधन – डॉ. उर्जित. आर. पटेल | 208 kb |
राज्य सरकार की बाजार उधारियाँ – मुद्दे और संभावनाएं –बी.पी.कानूनगो | 293 kb |
शहरी सहकारी बैंकों को प्रासंगिक बनाए रखने में सक्षक्त गवर्नेंस और सुरक्षित आईटी परिचालनों का महत्व –एन.एस.विश्वनाथन | 353 kb |
लोक ऋण रजिस्ट्री और माल एवं सेवा कर नेटवर्क : भारत में ऋण को सर्वसुलभ एवं औपचारिक बनाने के लिए लंबे कदम भरना – विरल वी. आचार्य | 466 kb |
खुदरा भुगतानों में नवाचार : डॉ ऊर्जित आर पटेल | 130 kb |
मेघनाद देसाई एकेडमी ऑफ इकोनॉमिक्स में दीक्षांत समारोह के अवसर पर उदघाटन भाषण – डॉ. उर्जित.आर. पटेल | 135 kb |
भुगतान के क्षेत्र में उत्कृष्टता – बी. पी.कानूनगो | 142 kb |
ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं के लिए कारोबार अब सामान्य /पहले जैसा नहीं रहा – एन.एस.विश्वनाथन | 393 kb |
बैंकिंग विनियामकीय शक्तियां स्वामित्व निरपेक्ष होनी चाहिए - उर्जित आर पटेल | 200 kb |
भारत के आर्थिक सुधार: अपूर्ण कार्यक्रमों के संबंध में चिंतन - विजय जोशी | 266 kb |
बैंकों में ब्याज दर जोखिम को समझना और प्रबंध करना - विरल आचार्य | 605 kb |
विनियमन और वित्तीय़ स्थायित्व - एन.एस.विश्वनाथन | 213 kb |
वित्तीय प्रणाली और समष्टि अर्थव्यवस्था पर कैफराल सम्मेलन : उद्घाटन वक्त्व्य - उर्जित आर पटेल | 146 kb |
भारत की मौद्रिक नीति समिति के कार्यकाल का एक वर्ष-माइकल देबब्रत पात्र | 260 kb |