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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

भाषण


मार्च 10, 2022
वित्तीय संस्थानों में अभिशासन और आश्वासन कार्यों का महत्व - एम. के. जैन 291.00 kb
अक्तूबर 22, 2021
चेसींग दी होराईज़न - श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा - 22 अक्तूबर 2021 को - सीआईआई एनबीएफसी शिखर सम्मेलन में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में एनबीएफसी की भूमिका पर दी गई टिप्पणी 285.00 kb
सितंबर 13, 2021
खाता संग्रहक के लिए नियामक ढांचा - आईस्पिरिट द्वारा 2 सितंबर 2021 को आयोजित आभासी कार्यक्रम के दौरान श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर की टिप्पणियाँ 257.00 kb
जून 08, 2019
बैंकिंग परिदृश्य : वर्तमान स्थिति और भावी दिशा - शक्तिकान्त दास 228.00 kb
मई 18, 2016
वित्तीय नवोन्मेष का विनियमन: पी2पी उधार प्लेटफार्म डिजाइन की चुनौतियां - आर गांधी 81.00 kb
फरवरी 05, 2016
वित्तीय स्थिरता- मुद्दे और सरोकार: क्या हम सही स्थान पर लक्ष्य कर रहे हैं?- आर गांधी 95.00 kb
दिसंबर 21, 2015
एनबीएफसी: मध्यावधि परिदृश्य – आर गांधी 145.00 kb
जून 22, 2015
बैंकों में क्षमता निर्माण – आर. गांधी 95.00 kb
नवंबर 24, 2014
गैर बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों के लिए विनियामकीय ढांचे को पुन: बनाना - आर गांधी 162.00 kb
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