Click here to Visit the RBI’s new website

अधिसूचनाएं

विदेशी संविभाग निवेशकों द्वारा भारत में विदेशी निवेश

भारिबैं/2015 -16/131
एपी (डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 6

16 जुलाई 2015

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदय/ महोदय ,

विदेशी संविभाग निवेशकों द्वारा भारत में विदेशी निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – I (एडी श्रेणी- I) बैंकों का ध्यान दि. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000 – आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) विनियमावली 2000 तथा 3 फरवरी 2015 के एपी (डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 71 तथा 6 फरवरी 2015 के एपी (डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 73 की ओर दिलाया जाता है जिसके अनुसार किसी एफपीआइ द्वारा कॉर्पोरेट बांडों में सीमा के भीतर निवेश के लिए कॉर्पोरेट बांडों में निवेश कम से कम तीन वर्ष की परिपक्वता अवधि के लिए किया जाएगा.

2. रिज़र्व बैंक के पास आस्ति पुनर्गठन कंपनियों (ए आरसी) द्वारा जारी सुरक्षा रसीदों (एस आर) में एफपीआइ द्वारा निवेश पर उक्त निदेशों के लागू होने के संबंध में प्रश्न प्रोत होते रहे हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि तीन वर्ष की परिपक्वता से कम के निवेशों पर यह प्रतिबन्ध एआरसी द्वारा जारी एस आर में एफ पी आइ द्वारा निवेश पर लागू नहीं होगा. तथापि, समय समय पर कॉर्पोरेट बांडों के लिए निर्धारित समग्र सीमा के भीतर होनी चाहिए.

3. उक्त निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. इसके अतिरिक्त दिशानिर्देश, यदि कोई हों, तो सेबी द्वारा जारी किए जाएँगे. ऋण बाज़ार में एफ पी आइ द्वारा निवेश के लिए वर्तमान शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी.

4. एडी श्रेणी – I बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु अपने घटकों और सम्बंधित ग्राहकों की जानकारी में ला सकते हैं.

5. इस परिपत्र में विहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं तथा अन्य किसी कानून के अंतर्गत कोई अनुमति/ अनुमोदन पर लागू नहीं होंगे.

भवदीय ,

(आर. सुब्रमणयन)
मुख्य महा प्रबंधक


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष