15 जून 2023
तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का
बकाया ऋण – मार्च 2023
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, मार्च 2023’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) नामक अपने पोर्टल1 (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=BsrPublications) पर जारी किया। विस्तृत खाता-स्तरीय जानकारी के आधार पर, यह बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं यथा उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते के प्रकार और ब्याज दरों को प्रस्तुत करता है । 89 एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़े, बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए गए हैं2।
मुख्य बातें:
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बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) पिछले एक वर्ष में बढ़ी और मार्च 2023 में 15.9 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 10.7 प्रतिशत) रही।
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2022-23 के दौरान सभी जनसंख्या समूहों ने दो अंकों की ऋण संवृद्धि को बनाए रखा; मार्च 2023 में महानगरीय केंद्रों में स्थित बैंक शाखाओं की कुल ऋण में हिस्सेदारी 62 प्रतिशत थी।
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व्यक्तिगत ऋण खंड हाल के वर्षों में समग्र बैंक ऋण संवृद्धि को संचालित कर रहा है: इसमें मार्च 2023 में 19.7 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 16.5 प्रतिशत) की संवृद्धि दर्ज की गई। कुल ऋण में व्यक्तिगत ऋण की हिस्सेदारी पांच वर्ष पहले के 21.5 प्रतिशत और दस वर्ष पहले के 16.0 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 28.6 प्रतिशत हो गई।
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बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के साथ, औद्योगिक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2023 में एक वर्ष पहले के 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गई; कार्यशील पूंजी ऋण की मांग भी बढ़ी (मार्च 2023 में 18.5 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष संवृद्धि)।
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व्यक्तियों के लिए ऋण के भीतर, महिला उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी उत्तरोत्तर बढ़ रही है: यह मार्च 2023 में 22.9 प्रतिशत (पांच वर्ष पहले 20.6 प्रतिशत) थी।
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2022-23 के दौरान वृद्धिशील ऋणों में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत थी; मार्च 2023 में कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 39.0 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 38.1 प्रतिशत और पांच वर्ष पहले 30.2 प्रतिशत थी।
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राज्यों में, महाराष्ट्र ने कुल बैंक ऋण में सबसे अधिक (28.2 प्रतिशत) हिस्सेदारी बनाए रखी, इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली (10.9 प्रतिशत) और तमिलनाडु (9.1 प्रतिशत) का स्थान रहा।
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जनवरी-मार्च 2023 के दौरान बकाया ऋण पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) में 26 आधार अंकों (बीपीएस) और अप्रैल 2022-मार्च 2023 के दौरान 117 बीपीएस की वृद्धि हुई।
अजीत प्रसाद
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/415
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