भारिबैं/2021-22/116
विवि.सीआरई.आरईसी.63/21.04.048/2021-22
29 अक्तूबर 2021
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
सभी भुगतान बैंक
महोदया/महोदय,
बैंकों द्वारा चालू खाता खोला जाना - अनुशासन की आवश्यकता
कृपया उक्त विषय पर हमारे दिनांक 6 अगस्त 2020 का परिपत्र विवि.सं.बीपी.बीसी.7/21.04.048/2020-21 और अन्य अनुषंगी परिपत्रों1 को देखें।
2. समीक्षा के आधार पर और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और अन्य हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि बैंक उन उधारकर्ताओं के लिए, नीचे दिए गए प्रावधानों के अनुसार, चालू खाते खोल सकते हैं जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकद ऋण (सीसी)/ ओवरड्राफ्ट (ओडी) की सुविधा ली है:
(i) जिन उधारकर्ताओं के प्रति बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर ₹5 करोड़ से कम है, बैंकों द्वारा चालू खाता खोलने या सीसी/ओडी सुविधा के प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते कि वे ऐसे उधारकर्ताओं से एक वचनबद्धता प्राप्त करें कि वे बैंक (बैंकों) को सूचित करेगा, जब उनके द्वारा बैंकिंग प्रणाली से प्राप्त की गई ऋण सुविधाएं ₹5 करोड़ या उससे अधिक तक पहुंच जाएंगी।
(ii) जिन उधारकर्ताओं के प्रति बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर ₹5 करोड़ या उससे अधिक है, ऐसे उधारकर्ता किसी भी एक बैंक के साथ चालू खाता रख सकते हैं, जिसके पास सीसी/ओडी की सुविधा है, बशर्ते कि बैंक के पास उस उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर में कम से कम 10 प्रतिशत हो।
इसके अलावा, अन्य उधार देने वाले बैंक केवल संग्रह खाते खोल सकते हैं, बशर्ते कि ऐसे संग्रह खातों में जमा की गई धनराशि, ऐसी धनराशि प्राप्त करने के दो कार्य दिवसों के भीतर, ऋण लेने वाले के चालू खातों को बनाए रखने वाले उपर्युक्त बैंक के सीसी/ ओडी खाते में भेज विप्रेषित की जाएगी। यदि किसी भी ऋणदाता के पास उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली का कम से कम 10% एक्सपोजर नहीं है, तो उच्चतम एक्सपोजर वाला बैंक चालू खाता खोल सकता है। उधार न देने वाले बैंकों को चालू खाते खोलने की अनुमति नहीं है।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि बैंकिंग प्रणाली से सीसी/ओडी सुविधा का लाभ नहीं लेने वाले उधारकर्ता अब तक की तरह दिनांक 6 अगस्त 2020 के उक्त परिपत्र के पैरा 1(v) के अनुसार चालू खाते का रखरखाव जारी रखेंगे।
4. इसके अलावा, बैंकों को दिनांक 14 दिसंबर 2020 के डीओआर.सं.बीपी.बीसी.30/21.04.048/2020-21 के पैरा 2 में विनिर्दिष्ट शर्तों को पूरा करने के अधीन, निम्नलिखित खातों को 6 अगस्त 2020 के परिपत्र द्वारा लगाए गए किसी भी प्रतिबंध के बिना खोलने / बनाए रखने की अनुमति है।
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अंतर-बैंक खाते
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अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (एआईएफआई), अर्थात एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी के खाते
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केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के विशिष्ट निर्देशों के तहत खोले गए खाते
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केंद्र या राज्य सरकारों/ विनियामकीय निकाय/ न्यायालयों/ जांच एजेंसियों आदि के आदेश से कुर्की किए खाते जिसमें ग्राहक कोई विवेकाधीन डेबिट नहीं कर सकता है
5. 14 दिसंबर 2020 के परिपत्र के एफएक्यू 18 के संदर्भ में, एफएक्यू 9 के अनुसार, संग्रह खाते रखने वाले बैंकों को उधारकर्ता के एस्क्रो खाते/सीसी/ओडी खाते में धनराशि स्थानांतरित करने से पहले ऐसे खातों से शुल्क/प्रभार डेबिट करने की अनुमति है।
6. एफएक्यू 17 के साथ पठित 14 दिसंबर 2020 के परिपत्र के पैरा 3 के संदर्भ में, यह स्पष्ट किया जाता है कि इन अनुदेशों के अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, विशेष रूप से उधार्कर्ता का बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोज़र के संबंध में और उक्त एक्सपोज़र में बैंक के शेयर के संदर्भ में, बैंक सभी खातों की नियमित रूप से कम से कम अर्धवार्षिक आधार पर निगरानी करेंगे। यदि बैंकों के एक्सपोजर में कोई परिवर्तन होता है या उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली का समग्र एक्सपोजर में परिवर्तन होता है, जो नई बैंकिंग व्यवस्था के कार्यान्वयन की आवश्यकता देता है, तो ऐसे परिवर्तन ऐसी निगरानी की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर लागू करने की आवश्यकता है।
7. बैंक इस परिपत्र की तारीख से एक महीने के भीतर आवश्यक परिवर्तन लागू कर सकते हैं। उसके बाद अनुपालन स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
8. इस विषय पर एक समेकित स्वत:पूर्ण परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा।
9. उक्त परिपत्रों में निहित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीय,
(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक
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