5 दिसंबर 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कीर्तना फिन्सर्व लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 दिसंबर 2025 के आदेश द्वारा कीर्तना फिनसर्व लिमिटेड (पूर्ववर्ती कीर्तना फिन्सर्व प्राइवेट लिमिटेड) (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अभिशासन मुद्दे संबंधी कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹3.10 लाख (तीन लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 (5) (एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा कंपनी का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर कंपनी के उत्तर, और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
निदेशक की नियुक्ति करते समय कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व लिखित अनुमति लेने में विफल रही जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर अपने निदेशकों के 30 प्रतिशत से अधिक में परिवर्तन के कारण प्रबंधन में परिवर्तन हुआ।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1649 |