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प्रेस प्रकाशनी

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रिज़र्व बैंक ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण देने सहित डिजिटल उधार पर एक कार्य दल का गठन किया

13 जनवरी 2021

रिज़र्व बैंक ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण देने सहित डिजिटल उधार पर एक
कार्य दल का गठन किया

डिजिटल उधार में वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक पहुँच को अधिक निष्पक्ष, कुशल और समावेशी बनाने की क्षमता है। कुछ वर्ष पहले एक सहायक भूमिका के रूप में फिनटेक द्वारा किए गए नवाचार अब वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के डिजाइन, मूल्य निर्धारण और वितरण की भूमिका में है। जबकि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल तरीकों का प्रवेश एक स्वागत योग्य संवर्धन है, इस तरह के प्रयासों में लाभ और कुछ नकारात्मक जोखिम अक्सर जुड़े होते हैं। एक संतुलित दृष्टिकोण का पालन करने की आवश्यकता है ताकि डाटा सुरक्षा, निजता,गोपनीयता, और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करते हुए नियामक ढांचा नवाचार का समर्थन कर सकें ।

2. हाल ही में ऑनलाइन उधार प्लेटफार्मों / मोबाइल ऋण देने वाले ऐप्स (‘डिजिटल उधार’) के उछाल और लोकप्रियता ने कुछ गंभीर चिंताएं उत्पन्न की हैं जिनमें व्यापक प्रणालीगत निहितार्थ हैं। इस पृष्ठभूमि में, विनियमित वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ अनियमित खिलाड़ियों द्वारा डिजिटल ऋण देने की गतिविधियों के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक कार्य दल (डब्ल्यूजी) का गठन किया जा रहा है ताकि एक उचित नियामक दृष्टिकोण रखा जा सके।

कार्य दल की संरचना (डब्ल्यूजी)

डब्ल्यूजी में आंतरिक और बाहरी दोनों सदस्य शामिल होंगे।

आंतरिक सदस्य

(i) श्री जयंत कुमार दाश, कार्यपालक निदेशक, रिज़र्व बैंक (अध्यक्ष)

(ii) श्री अजय कुमार चौधरी, मुख्य महाप्रबंधक, पर्यवेक्षण विभाग, रिज़र्व बैंक

(iii) श्री पी.वासुदेवन, मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, रिज़र्व बैंक

(iv) श्री मनोरंजन मिश्रा, मुख्य महाप्रबंधक, विनियमन विभाग, रिज़र्व बैंक (सदस्य सचिव)

बाहरी सदस्य

(v) श्री विक्रम मेहता, मोनेक्सो फिनटेक के भूतपूर्व एसोसिएट

(vi) श्री राहुल ससी, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और क्लाउडसेक के संस्थापक

कार्यक्षेत्र की शर्तें

डब्ल्यूजी के लिए कार्यक्षेत्र की शर्तें (टीओआर) निम्नानुसार होंगी:

  • रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में डिजिटल उधार गतिविधियों का मूल्यांकन करना और आउटसोर्स डिजिटल ऋण गतिविधियों की पैठ और मानकों का आकलन करना;

  • वित्तीय स्थिरता, विनियमित संस्थाओं और उपभोक्ताओं को अनियमित डिजिटल ऋण द्वारा उत्पन्न जोखिमों की पहचान करना;

  • डिजिटल ऋण देने की क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विनियामक परिवर्तन, यदि कोई हो, का सुझाव देना;

  • विशिष्ट विनियामक या सांविधिक परिधि के विस्तार के लिए उपाय सुझाना, यदि कोई हो, और विभिन्न नियामक और सरकारी एजेंसियों की भूमिका का सुझाव देना;

  • डिजिटल ऋण देने वाले खिलाड़ियों, आंतरिक स्त्रोत या बाहरी स्त्रोत के लिए एक मजबूत उचित व्यवहार संहिता की सिफारिश करना;

  • उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाना; तथा

  • डिजिटल उधार सेवाओं के नियोजन के लिए मजबूत डाटा प्रशासन, डाटा गोपनीयता और डाटा सुरक्षा मानकों के लिए उपायों की सिफारिश करना।

समय- सीमा

कार्य दल को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सूचित किया गया है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/934


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