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प्रेस प्रकाशनी

रिज़र्व बैंक ने ऑफशोर रुपी मार्केट पर कार्य दल का गठन किया

28 फरवरी 2019

रिज़र्व बैंक ने ऑफशोर रुपी मार्केट पर कार्य दल का गठन किया

रिज़र्व बैंक जो विश्व स्तर पर रुपये के मूल्य निर्धारक के रूप में कार्य करता हैं, को डीप और लिक्विड ऑनशोर वित्तीय बाजारों को विकसित करने के उद्देश्य से निर्देशित किया जाता है । गैर-निवासियों को धीरे-धीरे घरेलू बाजार की ओर लाने के लिए प्रोत्साहित करने, साथ ही ऑनशोर पर हेजिंग गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए बाजार की चलनिधि में सुधार लाने के लिए नीतिगत प्रयासों को केंद्रित किया जाता है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 7 फरवरी 2019 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में ऑफशोर रुपी मार्केट पर कार्य दल के गठन की घोषणा की थी। कार्य दल ऑफशोर रुपी मार्केट से संबंधित मुद्दों की गहराई से जांच करेगा और रुपये के बाहरी मूल्य की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उचित नीतिगत उपायों की सिफारिश करेगा ।

तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने ऑफशोर रुपी मार्केट पर कार्य दल का गठन किया है। कार्य दल की रूपरेखा निम्नानुसार होगी:

  1. श्रीमती उषा थोरात, पूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक - अध्यक्ष

  2. आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के नामिति- सदस्य

  3. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड से नामिति- सदस्य

  4. श्री अजीत रानडे, आदित्य बिड़ला समूह के मुख्य अर्थशास्त्री - सदस्य

  5. श्री साजिद चिनॉय, मुख्य अर्थशास्त्री, भारत, जेपी मॉर्गन- सदस्य

  6. श्री सुरेन्द्र रोशा, सीईओ, भारत, एचएसबीसी - सदस्य

  7. परामर्शदाता, आर्थिक नीति और अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक - सदस्य

  8. मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक - सदस्य सचिव

कार्य दल के विचारार्थ विषय निम्नानुसार है:

  1. ऑफशोर रुपी मार्केट के विकास के कारक कारणों का आकलन करना ;

  2. घरेलू बाजार में रुपया विनिमय दर और बाजार चलनिधि पर ऑफशोर मार्केट के प्रभावों का अध्ययन करना;

  3. ऑफशोर रुपी ट्रेडिंग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं, यदि कोई हो, को दूर करने के लिए उपाय सुझाना;

  4. गैर-निवासियों को घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उपाय प्रस्तावित करना;

  5. समस्याओं को दूर करने में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी), की यदि कोई भूमिका हो, तो उसकी जाँच करना ;

  6. कोई अन्य प्रासंगिक मुद्दा जिसे कार्य दल इस विषय के लिए उचित समझें ।

कार्य दल जून 2019 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। कार्य दल, यदि आवश्यक समझे, तो क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञों को उनके इनपुट्स साझा करने के लिए आमंत्रित कर सकता है।

जोस जे.कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/2066


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