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भारतीय रिज़र्व बैंक का शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत बैंकों पर स्पष्टीकरण

5 जून 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक का शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत बैंकों पर स्पष्टीकरण

भारतीय रिज़र्व बैंक को शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे के बारे में सोशल मीडिया सहित मीडिया के कुछ खंडों में परिचालित हो रही कुछ गलत सूचना का पता चला है।

रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पीसीए ढांचे का उद्देश्य सामान्य जनता के लिए बैंकों के सामान्य परिचालनों को प्रतिबंधित करना नहीं है।

आगे स्पष्ट किया गया है कि रिज़र्व बैंक अपने पर्यवेक्षी ढांचे के अंतर्गत बैंकों की अच्छी वित्तीय स्थिति बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों/साधनों का उपयोग करता है। पीसीए ढांचा ऐसे पर्यवेक्षी साधनों में एक है जिसमें शुरुआती समय में चेतावनी कार्रवाई के रूप में बैंकों के कतिपय कार्यनिष्पादन संकेतकों की निगरानी करना शामिल है और इसे पूंजी, आस्ति गुणवत्ता आदि से संबंधित थ्रेशोल्ड का उल्लंघन होने पर शुरू किया जाता है। इसका उद्देश्य बैंकों को अपनी वित्तीय स्थिति को पुनःस्थापित करने के लिए समयबद्ध तरीके में सुधारात्मक उपाय, जिसमें रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित उपाय शामिल हैं, की सुविधा प्रदान करना है। यह ढांचा रिज़र्व बैंक को एक अवसर प्रदान करता है कि वह उन क्षेत्रों में अधिक निकटता से प्रबंधन के साथ मिलकर ऐसे बैंकों पर ध्यानकेंद्रित कर सके। इस प्रकार पीसीए ढांचे का प्रयोजन बैंकों को कतिपय जोखिमभरी गतिविधियां करने से बचने और पूंजी संरक्षण पर ध्यानकेंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे कि उनके तुलन पत्र मजबूत बन सकें।

रिज़र्व बैंक ने जोर डाला है कि पीसीए ढांचा दिसंबर 2002 से परिचालन में है और 13 अप्रैल 2017 को जारी दिशानिर्देश केवल पहले के ढांचे का संशोधित संस्करण है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/3288


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