15 जून 2017
वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
चौथी तिमाही अर्थात जनवरी-मार्च 2016-17 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) पर प्रारंभिक आंकड़े विवरण I (बीपीएम6 फार्मेट) और II (पुराने फार्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत का चालू खाता घाटा वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) रहा जो वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही के 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.1 प्रतिशत) से ज्यादा है किंतु पिछले तिमाही के 8.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.4 प्रतिशत) से कम हुआ।
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वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चालू खाता घाटे का बढ़ना मुख्य रूप से उच्चतर व्यापार घाटे (29.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के कारण हुआ और यह निर्यात की तुलना में व्यापारिक वस्तुओं के आयात में ज्यादा वृद्धि से हुआ।
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यात्रा, परिवहन, निर्माण और अन्य कारोबारी सेवाओं के प्राप्त निवल कमाई में वृद्धि होने से निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर बढ़ गई।
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निजी अंतरण प्राप्तियां जिनमें मुख्य रूपसे विदेशों में कार्यरत भारतीय का विप्रेषण है, वे 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पिछले वर्ष के स्तर के लगभग समान स्तर पर बनी रही।
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वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले एक वर्ष पहले के अपने स्तर से थोड़ा कम होकर वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 5.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
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तथापि, पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में पोर्टफोलियो निवेश में इक्विटी और ऋण खंड दोनों में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 108 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उल्लेखनीय अंतर्वाह रिकार्ड किया गया।
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अनिवासी भारतीय की जमाराशि के कारण निवल प्राप्तियां पिछले वर्ष के 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही।
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विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि की तुलना में 7.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की अभिवृद्धि हुई (सारणी 1)
वर्ष 2016-17 के दौरान बीओपी
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संचयी आधार पर, व्यापार घाटे में कमी के कारण चालू खाता घाटा वर्ष 2015-16 के 1.1 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 0.7 प्रतिशत हो गया।
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भारत का व्यापार घाटा वर्ष 2015-16 के 130.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर वर्ष 2016-17 में 112.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर निर्यात और निवल निजी अंतरण प्राप्तियों में कमी और प्राथमिक आय (लाभ, ब्याज और लाभांश) के कारण उच्चतर बहिर्वाह के कारण निवल अदृश्य प्राप्तियां कम रही।
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भारत में सकल एफडीआई अंतर्वाह वर्ष 2015-16 में 55.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 में उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 60.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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निवल एफडीआई अंतर्वाह वर्ष 2015-16 में 36.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ा कम होकर वर्ष 2016-17 में 35.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए।
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पोर्टफोलियो निवेश में पिछले एक वर्ष के 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में वर्ष 2016-17 में 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
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विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2015-16 के 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2016-17 में 21.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
|
जनवरी-मार्च 2017 प्रा. |
जनवरी-मार्च 2016 |
2016-17 प्रा. |
2015-16 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
138.3 |
141.7 |
-3.4 |
124.7 |
125.0 |
-0.3 |
521.1 |
536.3 |
-15.2 |
501.4 |
523.5 |
-22.1 |
1. माल |
77.4 |
107.1 |
-29.7 |
65.8 |
90.6 |
-24.8 |
280.1 |
392.6 |
-112.4 |
266.4 |
396.4 |
-130.1 |
जिसमें से : |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
9.0 |
25.6 |
-16.6 |
6.2 |
14.7 |
-8.5 |
31.5 |
86.8 |
-55.3 |
30.6 |
82.9 |
-52.4 |
2. सेवा |
40.7 |
23.1 |
17.6 |
39.4 |
23.3 |
16.1 |
163.1 |
95.7 |
67.5 |
154.3 |
84.6 |
69.7 |
3. प्राथमिक आय |
4.5 |
10.0 |
-5.6 |
3.7 |
10.3 |
-6.6 |
16.3 |
42.6 |
-26.3 |
14.7 |
39.1 |
-24.4 |
4. द्वितीयक आय |
15.7 |
1.5 |
14.2 |
15.7 |
0.7 |
15.0 |
61.5 |
5.5 |
56.0 |
66.0 |
3.3 |
62.7 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
145.1 |
142.1 |
3.1 |
127.3 |
127.2 |
0.2 |
551.9 |
537.1 |
14.9 |
510.9 |
487.8 |
23.2 |
जिसमें से : |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
7.3 |
-7.3 |
0.0 |
3.3 |
-3.3 |
1.2 |
22.8 |
-21.6 |
0.9 |
18.8 |
-17.9 |
ग. भुल-चूक (-) (ए + बी) |
0.4 |
|
0.4 |
0.2 |
|
0.2 |
0.4 |
|
0.4 |
|
1.1 |
-1.1 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/3388 |