भारिबैं/2013-14/639
शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं.72/13.01.000/2013-14
11 जून 2014
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया/ महोदय
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) और बैंकककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 18 और 24 – एफसीएनआर(बी) / एनआरआई जमाराशियां – सीआरआर/ एसएलआर बनाए रखने से छूट तथा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लक्ष्यों की गणना के लिए एबीसी में शामिल न करना
कृपया उक्त विषय पर 27 अगस्त 2013 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी). सं.5/13.01.000/2013-14 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि 24 अगस्त 2013 से शुरू होने वाले पखवाड़े से बैंकों द्वारा जुटाई गई 26 जुलाई 2013 संदर्भ आधार तारीख वाली तथा 3 वर्ष या अधिक की परिपक्वता वाली वृद्धिशील एफसीएनआर (बी) जमाराशियों तथा एनआरई जमाराशियों को सीआरआर तथा एसएलआर बनाए रखने से छूट प्राप्त होगी। साथ ही, सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से छूट के लिए पात्र ऐसी वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियों की जमानत पर प्रदान किए गए अग्रिमों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण प्रदान करने के लक्ष्यों की गणना के लिए समायोजित निवल बैंक ऋण (एएनबीसी) में शामिल नहीं किया जाएगा।
2. समीक्षा के उपरांत यह निर्णय लिया गया है कि वृद्धिशील एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियों को सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से प्रदत्त छूट को 14 जून 2014 से शुरू होने वाले रिपोर्टिंग पखवाड़े से वापस ले लिया जाएगा, अर्थात 26 जुलाई 2013 के आधार तिथि से 3 वर्ष या अधिक की परिपक्वता वाली तथा 13 जून 2014 को बकाया वृद्धिशील एफसीएनआर (बी) और एनआरई जमाराशियों की केवल पात्र राशियां, परिपक्वता/अवधिपूर्व आहरण होने तक, सीआरआर/एसएलआर छूट के लिए पात्र होंगी।
3. साथ ही, वृद्धिशील एफसीएनआर(बी)/एनआरई जमाराशियों पर भारत में प्रदत्त अग्रिमों को भी, जो उक्त के अनुसार सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से छूट के लिए पात्र हैं, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के लिए ऋण के लक्ष्यों की गणना के लिए समायोजित निवल बैंक ऋण में शामिल नहीं किए जाने के लिए पात्र होंगी ।
भवदीय,
(ए.के.बेरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |