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अधिसूचनाएं

सेबी के पास पंजीकृत दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा भारत में सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश

भारिबैंक/2012-13/530
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 111

12 जून 2013

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,    

सेबी के पास पंजीकृत दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा
भारत में सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक और दीर्घकालिक निवेशक, प्रत्यावर्तनीय आधार पर, सरकारी प्रतिभूतियों और किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अपरिवर्तनीय    डिबेंचरों (NCDs)/बांडों को, उनमें विनिर्दिष्ट शर्तों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक और सेबी द्वारा, समय-समय पर यथा विनिर्दिष्ट सीमाओं के अंतर्गत खरीद सकते हैं।

2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 1 अप्रैल 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.94 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशकों और दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों और कार्पोरेट कर्ज प्रतिभूतियों में निवेश करने हेतु मौजूदा सीमा क्रमश: 25 बिलियन अमरीकी डॉलर तथा 51 बिलियन अमरीकी डॉलर है।

3. समीक्षा करने पर, भारत सरकार के परामर्श से अब यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश की सीमा तत्काल प्रभाव से 5 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ा कर 30  बिलियन अमरीकी डॉलर की जाए। 5 बिलियन अमरीकी डॉलर की बढ़ायी गयी सीमा सेबी के पास पंजीकृत दीर्घकालिक निवेशकों - सरकारी संपदा निधियों (एसडब्ल्यूएफ), बहुपक्षीय एजेंसियों, पेंशन/बीमा/धर्मादा निधियों, विदेशी केंद्रीय बैंकों द्वारा सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों में निवेश के लिए ही उपलब्ध होगी।

4. इस संबंध में परिचालन संबंधी दिशानिर्देश सेबी द्वारा जारी किए जाएंगे।

5. सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए सभी अन्य मौजूदा शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी।

6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीय,

(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


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