आरबीआई/2012-13/468
शबैंवि/बीपीडी(पीसीबी) परिपत्र सं.45/13.05.000/2012-13
03 अप्रैल 2013
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया/प्रिय महोदय,
शहरी सहकारी बैंकों के लिए गैर ज़मानती ऋण संबंधी एक्सपोज़र मानदंड
कृपया ‘गैर ज़मानती ऋण और अग्रिम की अधिकतम सीमा’ पर दिनांक 15 नवंबर 2010 का हमारा परिपत्र सं.श.बैं.वि.बीपीडी(पीसीबी) 21/13.05.000/2010-11 देखें जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि शहरी सहकारी बैंक द्वारा अपने सदस्यों को दिया जाने वाला कुल गैर ज़मानती ऋण तथा अग्रिम अपनी कुल परिसंपत्ति के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।
2. प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को दिए जाने वाले ऋण को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंक रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से अपनी कुल परिसंपत्ति के 25 प्रतिशत तक गैर ज़मानती (ज़मानत के साथ या गैर ज़मानत) ऋण प्रदान कर सकते हैं:
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बैंक के संपूर्ण ऋण पोर्टफोलियो प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत सम्मिलित हों।
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सभी ऋण, छोटे ऋण के रूप में अर्थात् 20,000/- तक ऋण एक खाते में दिए जाने चाहिए।
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शहरी सहकारी बैंकों का सीआरएआर का मूल्यांकन 9 प्रतिशत तक होना चाहिए।
- शहरी सहकारी बैंक का मूल्यांकित सकल एनपीए सकल अग्रिम के 10 प्रतिशतसे कम होना चाहिए।
उपर्युक्त प्रयोजन के लिए पिछले वर्ष की 31 मार्च की वित्तीय मानदंडों की स्थिति के पर विचार किया जाए। मूल्यांकित सीआरएआर और सकल एनपीए का मूल्यांकन, रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में किए गए निरीक्षण के अनुसार होगा।
3. उपर्युक्त के अनुसार, जो शहरी सहकारी बैंक अपनी कुल परिसंपत्ति का 10 प्रतिशत से अधिक गैर ज़मानती ऋण देना चाहते हैं, शहरी बैंक विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें।
4. कृपया संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें।
भवदीय
(ए उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |