आरबीआइ/2012-13/136
बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 29 /13.03.00/2012-13
18 जुलाई 2012
27 आषाढ़ 1934 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय/महोदया
देशी, सामान्य अनिवासी (एनआरओ) और अनिवासी (बाह्य)
(एनआरई) खातों में रहनेवाली रुपया जमाराशियों पर ब्याज दर
कृपया आप 4 नवंबर 2000 के परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. 47/ 13.03.00/ 2000-2001 के साथ संलग्न निदेश का पैराग्राफ 5 तथा दिनांक 13 मई 2005 का मेल बॉक्स स्पष्टीकरण देखें जिसके अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया था कि विद्यमान अथवा सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों की अनिवासी (बाह्य) जमाराशियों के मामले में, स्टाफ सदस्य होने के कारण उन्हें भुगतान किए गए कोई भी अतिरिक्त ब्याज सहित ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित उच्चतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
2. इसकी समीक्षा करने पर अब यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को अनिवासियों को उनकी किसी भी प्रकार की जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ नहीं देना चाहिए । तदनुसार एनआरई/एनआरओ खातों के अंतर्गत जमाराशियों पर बैंक के अपने स्टाफ को उपलब्ध एक प्रतिशत प्रतिवर्ष की अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ देने के संबंध में बैंकों को प्रदान किया गया विवेकाधिकार हटाया गया है ।
3. इससे संबंधित समय-समय पर संशोधित, अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे ।
भवदीया
(सुधा दामोदर)
मुख्य महाप्रबंधक |