जुलाई 09, 2024 |
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साझा दृष्टिकोण, साझा जिम्मेदारियाँ: बैंकिंग पर्यवेक्षण में अग्रिम आश्वासन - स्वामीनाथन जे | 219.00 kb |
उभरते वित्तीय परिदृश्य में सांविधिक लेखा परीक्षकों की भूमिका - एम राजेश्वर राव | 231.00 kb |
मई 31, 2024 |
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अभिशासन के माध्यम से विश्वास का निर्माण: दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण का आधार - एम. राजेश्वर राव | 242.00 kb |
मई 29, 2024 |
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शीर्ष तंत्र से सही दिशा का निर्धारण - स्वामीनाथन जे. | 234.00 kb |
मई 16, 2024 |
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एनबीएफ़सी क्षेत्र की सतत संवृद्धि के लिए सार्थक आश्वासन कार्य अपनाना - स्वामीनाथन जे | 247.00 kb |
मार्च 10, 2022 |
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वित्तीय संस्थानों में अभिशासन और आश्वासन कार्यों का महत्व - एम. के. जैन | 291.00 kb |
अक्तूबर 22, 2021 |
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चेसींग दी होराईज़न - श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा - 22 अक्तूबर 2021 को - सीआईआई एनबीएफसी शिखर सम्मेलन में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में एनबीएफसी की भूमिका पर दी गई टिप्पणी | 285.00 kb |
सितंबर 13, 2021 |
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खाता संग्रहक के लिए नियामक ढांचा - आईस्पिरिट द्वारा 2 सितंबर 2021 को आयोजित आभासी कार्यक्रम के दौरान श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर की टिप्पणियाँ | 257.00 kb |
जून 08, 2019 |
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बैंकिंग परिदृश्य : वर्तमान स्थिति और भावी दिशा - शक्तिकान्त दास | 228.00 kb |
मई 18, 2016 |
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वित्तीय नवोन्मेष का विनियमन: पी2पी उधार प्लेटफार्म डिजाइन की चुनौतियां - आर गांधी | 81.00 kb |