भारिबैंक/2017-18/204
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32
19 जून 2018
सभी श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/ महोदय,
उदारीकृत विप्रेषण योजना – आंकड़ों तथा परिभाषाओं को सुचारु बनाना
कृपया दिनांक 06 जून 2018 को जारी वर्ष 2018-19 के द्वितीय द्वैमासिक नीति वक्तव्य में उल्लिखित “विकासात्मक एवं विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य” के पैराग्राफ-18 का संदर्भ ग्रहण करें। उल्लिखित नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में यह निर्णय लिया गया है कि उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत किए जाने वाले सभी विप्रेषणों के लिए स्थायी पहचान संख्या (PAN) प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया जाए, जिसे अब तक 25,000 अमेरिकी डॉलर तक के अनुमत चालू खाता लेनदेनों पर प्रस्तुत करने हेतु ज़ोर नहीं दिया जाता था।
2. इसके अलावा, करीबी रिश्तेदारों के निर्वाह के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत अनुमत विप्रेषणों के संदर्भ में, यह निर्णय लिया गया है कि 'रिश्तेदार' की परिभाषा को कंपनी अधिनियम, 1956 की बजाय कंपनी अधिनियम, 2013 में दी गई परिभाषा के साथ संरेखित किया जाए।
3. उपर्युक्त परिवर्तनों को दर्शाने के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) पर दिनांक 1 जनवरी 2016 को जारी मास्टर निदेश सं.07/2015-16 को साथ-साथ अद्यतन किया जा रहा है।
4. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4), 11(1) और 11(2) के तहत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।
भवदीय
(शेखर भटनागर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |