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अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत

12 मार्च 2020

अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत

आज पहले, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर अक्तूबर-दिसंबर 2019 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोतों का समेकन किया गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2019

अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज हुई। विदेशी मुद्रा भंडार में हुए परिवर्तन के स्रोत नीचे सारणी 1 में दर्शाए गए हैं:

सारणी 1: विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन के स्रोत *
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2019-20 2018-19
अप्रैल-दिसंबर अप्रैल-दिसंबर
I.   चालू खाता शेष -22.3 -52.6
II.   पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 63.0 35.1
  विदेशी निवेश (i+ii) 47.2 14.2
    i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) 32.1 24.3
    (ii) संविभाग निवेश 15.1 -10.1
    जिसमें से:    
    विदेशी संस्थागत निवेश(एफआईआई) 15.3 -13.7
    एडीआर/जीडीआर 0.0 1.8
  ख. बैंकिंग पूंजी -0.7 15.5
    जिसमें से : एनआरआई जमाराशियां 5.9 7.0
  ग. अल्‍पावधिक ऋण -0.03 0.6
  घ. बाह्य सहायता 3.2 2.2
  ङ. बाह्य वाणिज्यिक उधार 12.6 2.9
  च. पूंजी लेखे में शामिल अन्‍य मदें 0.8 -0.2
III.   मूल्‍यांकनगत परिवर्तन 6.3 -11.5
    कुल (I+II+III) @
भंडार में बढ़ोतरी (+) / भंडार में कमी (-)
47.0 -29.0
*: बीओपी के पुराने फार्मेट पर आधारित हैं जो चालू खाते और संविभाग निवेश के अंतर्गत एडीआर/जीडीआर के अंतरणों के संव्यवहार में नए फार्मेट (बीपीएम6) से भिन्न हो सकते हैं।
@: अंतर, यदि कोई हो पूर्णांकन के कारण है
नोट: ‘पूंजी लेखे में अन्‍य लेखे’ के अंतर्गत ‘भूल और चूक’ के अलावा एसडीआर आबंटन, निर्यात में घट-बढ़, विदेशों में रखी निधि, एफडीआई के अंतर्गत प्राप्‍त ऐसे अग्रिम, जिनका निर्गम नहीं किया गया है तथा जिन्‍हें और कहीं शामिल नहीं किया गया है ऐसी पूंजीगत प्राप्तियां और रुपया मूल्‍यवर्गित ऋण शामिल हैं।

भुगतान संतुलन (मूल्‍यांकन प्रभावों को छोड़कर) के आधार पर अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 40.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान उसमें 17.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज हुई थी। अप्रैल-दिसंबर 2019 में विदेशी मुद्रा भंडार में नाममात्र (मूल्‍यांकन प्रभावों सहित) 47.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, वहीं पिछले वर्ष की समान अवधि में 29.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज हुई थी (सारणी 2)।

सारणी 2: भंडार में परिवर्तन की तुलनात्‍मक स्थिति
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें 2019-20 2018-19
अप्रैल-दिसंबर अप्रैल-दिसंबर
1 विदेशी मुद्रा भंडार में घट-बढ़
(मूल्‍यांकन प्रभावों सहित)
47.0 -29.0
2 मूल्‍यांकन प्रभाव
(अभिलाभ (+)/हानि (-))
6.3 -11.5
3 बीओपी के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन
(अर्थात मूल्‍यांकन प्रभावों को छोड़कर)
40.7 -17.5

अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान मूल्‍यांकन लाभ, जिसके अंतर्गत मुख्‍य रूप से अन्‍य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर में हुआ मूल्यह्रास तथा सोने की कीमत में वृद्धि प्रतिबिम्बित हुआ है, 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज हुआ है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 11.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की हानि दर्ज हुई थी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2051


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