12 मार्च 2020
वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) के दौरान
भारत के भुगतान संतुलन में गतिविधियां
तीसरी तिमाही अर्थात् अक्तूबर-दिसंबर 2019-20 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2019-20 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
-
भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2018-19 की तीसरी तिमाही में 17.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.7 प्रतिशत) तथा पूर्ववर्ती तिमाही अर्थात् 2019-20 की दूसरी तिमाही के 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) की तुलना में 2019-20 की तीसरी तिमाही में 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) तक कम हो गया।
-
चालू खाता घाटे में संकुचन मुख्य रूप से पिछले वर्ष के 34.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक के कमतर व्यापार घाटे तथा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 21.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक निवल सेवा प्राप्तियों में वृद्धि के कारण हुआ।
-
कंप्यूटर, यात्रा और वित्तीय सेवाएँ की निवल आय में वृद्धि के कारण निवल सेवा प्राप्तियां बढ़ गई।
-
निजी अंतरण प्राप्तियां, जो कि विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले धन प्रेषणों को दर्शाती हैं, पिछले वर्ष के स्तर से 9.0 प्रतिशत बढ़कर 20.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।
-
वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में 7.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में बढ़कर 10.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
-
ऋण और इक्विटि बाजारों में निवल खरीद के कारण विदेशी संविभाग निवेश में 2018-19 की तीसरी तिमाही के 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में 7.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
-
भारत के बाह्य वाणिज्यिक उधार के कारण निवल अंतर्वाह 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
-
विदेशी मुद्रा भंडारों (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ह्रास की तुलना में 21.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई (सारणी 1)।
अप्रैल-दिसंबर 2019-20 के दौरान बीओपी
-
सीएडी 2018-19 के अप्रैल-दिसंबर की 2.6 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 के अप्रैल दिसंबर में जीडीपी के 1.0 प्रतिशत तक कम हो गया जिसका मुख्य कारण व्यापार घाटों में कमी है जो 2018-19 के अप्रैल-दिसंबर में 145.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2019-20 के अप्रैल-दिसंबर में 118.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक संकुचित हुई।
-
निवल अदृश्य आय 2019-20 के अप्रैल-दिसंबर में अधिक थी जिसका मुख्य कारण निवल सेवाओं की आय में वृद्धि और निजी हस्तांतरण प्राप्तियाँ है।
-
2019-20 के अप्रैल-दिसंबर में निवल एफ़डीआई अंतर्वाह 32.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो 2018-19 के अप्रैल-दिसंबर में 24.3 अमेरिकी डॉलर की तुलना में अधिक है।
-
संविभाग निवेश में एक वर्ष पहले के 11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में 2019-20 के अप्रैल-दिसंबर में 15.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
-
2019-20 के अप्रैल-दिसंबर में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 40.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
|
अक्तूबर-दिसंबर 2019 प्रा |
अक्तूबर-दिसंबर 2018 |
अप्रैल-दिसंबर 2019-20 प्रा |
अप्रैल-दिसंबर 2018-19 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
162.6 |
164.0 |
-1.4 |
162.8 |
180.5 |
-17.7 |
484.5 |
506.8 |
-22.3 |
478.6 |
531.1 |
-52.6 |
1. माल |
81.2 |
115.9 |
-34.6 |
83.1 |
132.4 |
-49.3 |
244.0 |
362.9 |
-118.9 |
249.9 |
394.9 |
-145.1 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
11.5 |
31.4 |
-19.9 |
13.0 |
38.4 |
-25.4 |
32.8 |
96.5 |
-63.7 |
36.6 |
108.5 |
-71.9 |
2. सेवा |
55.2 |
33.3 |
21.9 |
55.1 |
33.4 |
21.7 |
159.7 |
97.3 |
62.4 |
153.4 |
92.8 |
60.6 |
3. प्राथमिक आय |
5.6 |
12.9 |
-7.4 |
5.7 |
13.2 |
-7.6 |
18.2 |
40.7 |
-22.5 |
16.6 |
38.6 |
-21.9 |
4. द्वितीयक आय |
20.6 |
1.9 |
18.7 |
19.0 |
1.5 |
17.4 |
62.6 |
5.9 |
56.7 |
58.7 |
4.8 |
53.8 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
151.7 |
150.9 |
0.7 |
127.0 |
109.0 |
18.1 |
430.5 |
408.4 |
22.1 |
401.0 |
348.4 |
52.6 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
21.6 |
-21.6 |
4.3 |
0.0 |
4.3 |
0.0 |
40.7 |
-40.7 |
17.5 |
0.0 |
17.5 |
ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) |
0.7 |
|
0.7 |
|
0.3 |
-0.3 |
0.2 |
|
0.2 |
|
0.1 |
-0.1 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2050 |