आरबीआई/विवि/2021-22/89
विवि.एफआईएन.आरईसी.95/03.10.038/2021-22
14 मार्च 2022
(25 जुलाई 2022 को अद्यतन किया गया)
सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंकों सहित,
स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) भुगतान बैंकों को छोड़कर
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्मवित्त संस्थानों
और आवास वित्त कंपनियों सहित)
महोदया / महोदय
मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचा) निदेश, 2022
कृपया सूक्ष्मवित्त के लिए विनियामकीय ढांचे की समीक्षा के संबंध में 5 फरवरी 2021 के द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2020-21 के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य के पैराग्राफ 8 का संदर्भ लें।
2. सूक्ष्मवित्त ऋणों के विनियमन पर एक परामर्शी दस्तावेज सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए 14 जून 2021 को जारी किया गया था। प्राप्त राय के आधार पर, सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए जाने का निर्णय लिया गया है जोकि संलग्न हैं।
3. इन निर्देशों से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है: भारतीय रिज़र्व बैंक - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (rbi.org.in)
भवदीय
(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक
विवि.एफआईएन.आरईसी.95/03.10.038/2021-22
14 मार्च 2022
मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचा) निदेश, 2022
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, धारा 35ए और धारा 56; भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय III बी; और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए और धारा 32 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिजर्व बैंक, संतुष्ट होने पर कि सार्वजनिक हित में ऐसा करना आवश्यक और समीचीन है, इसके बाद निर्दिष्ट निदेश जारी करता है।
1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ
1.1 इन निदेशों को भारतीय रिजर्व बैंक (सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचा) निदेश, 2022 कहा जाएगा।
1.2 ये निदेश पैरा 5.3 और 9.3 की शर्तों के अधीन 01 अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगे।
2. प्रयोज्यता
2.1 इन निदेशों के प्रावधान निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू होंगे:
(i) भुगतान बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक,स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित);
(ii) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक; तथा
(iii) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्मवित्त संस्थानों और आवास वित्त कंपनियों सहित)।
2.2 उपरोक्त बिंदुओं 2.1 (i) से 2.1 (iii) में उल्लिखित संस्थाओं को इसके बाद इन निदेशों के प्रयोजन के लिए 'विनियमित संस्थाओं (आरई)' के रूप में संदर्भित किया जाता है।
3. सूक्ष्मवित्त ऋण की परिभाषा
3.1 सूक्ष्मवित्त ऋण को एक ऐसे संपार्श्विक-मुक्त ऋण के रूप में परिभाषित किया गया है जोकि एक ऐसे परिवार को दिया जाता है जिसकी वार्षिक घरेलू आय 3,00,000 रुपये तक है। इस प्रयोजन के लिए, परिवार का अर्थ एक व्यक्तिगत परिवारीय इकाई अर्थात पति, पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे होंगे।
3.2 कम आय वाले परिवारों अर्थात, 3,00,000 रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी संपार्श्विक-मुक्त ऋण, चाहे उनका अंतिम उपयोग और आवेदन/ प्रसंस्करण/ संवितरण का तरीका (भौतिक या डिजिटल चैनलों के माध्यम से) कुछ भी हो, सूक्ष्मवित्त ऋण माने जाएंगे।
3.3 सूक्ष्मवित्त ऋण की संपार्श्विक-मुक्त प्रकृति सुनिश्चित करने के लिए, ऋण को उधारकर्ता के जमा खाते पर ग्रहणाधिकार के साथ नहीं जोड़ा जाएगा।
3.4 आरई के पास उधारकर्ताओं की आवश्यकता के अनुसार सूक्ष्मवित्त ऋणों पर चुकौती आवधिकता का लचीलापन प्रदान करने के लिए एक बोर्ड-अनुमोदित नीति होगी।
4. घरेलू आय का आकलन
4.1 प्रत्येक आरई घरेलू आय के आकलन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाएगी। घरेलू आय के आकलन के लिए एक सांकेतिक पद्धति अनुबंध I में दी गई है।
4.2 स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) और अन्य संघ/एजेंसियां भी सांकेतिक पद्धति के आधार पर एक सांझा ढांचा विकसित कर सकते हैं। आरई अपने बोर्ड के अनुमोदन के पश्चात इस ढांचे को अपना सकते हैं अथवा अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इस ढांचे को उपयुक्त रूप से संशोधित कर के अपना सकते हैं।
4.3 प्रत्येक आरई अनिवार्य रूप से घरेलू आय के संबंध में साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) को जानकारी प्रस्तुत करेगा। घरेलू आय की जानकारी को सीआईसी के पास अद्यतन करने से पूर्व, पहले से रिपोर्ट की गई घरेलू आय और निर्धारित घरेलू आय के बीच में किसी भी अंतर के कारणों का, उधारकर्ता से विशेष रूप से पता लगाया जाएगा।
5. घरेलू ऋण चुकौती दायित्वों की सीमा
5.1 प्रत्येक आरई के पास मासिक घरेलू आय के प्रतिशत के रूप में एक परिवार के मासिक ऋण दायित्वों के पुनर्भुगतान के कारण बहिर्वाह की सीमा के संबंध में एक बोर्ड-अनुमोदित नीति होगी। यह सीमा मासिक घरेलू आय के अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा के अधीन होगी।
5.2 ऋण चुकौती दायित्वों की गणना में परिवार के सभी बकाया ऋणों (संपार्श्विक-मुक्त सूक्ष्मवित्त ऋणों के साथ-साथ किसी भी अन्य प्रकार के संपार्श्विक ऋण) को ध्यान में रखा जाएगा। मासिक घरेलू आय के 50 प्रतिशत की सीमा के अंतर्गत बहिर्वाह में सभी मौजूदा ऋणों के साथ-साथ विचाराधीन ऋण के लिए पुनर्भुगतान (मूलधन के साथ-साथ ब्याज घटक भी) को शामिल किया जाएगा।
5.3 मौजूदा ऋण, जिनके लिए मासिक घरेलू आय के प्रतिशत के रूप में एक परिवार के मासिक ऋण दायित्वों की अदायगी के कारण बहिर्वाह 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है, को परिपक्व होने देने की अनुमति है। तथापि, ऐसे मामलों में, इन परिवारों को 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा का अनुपालन किए जाने तक कोई नया ऋण प्रदान नहीं किया जाएगा।
5.4 प्रत्येक आरई सीआईसी को समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करेगा तथा ऋणग्रस्तता के स्तर का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उनके पास उपलब्ध जानकारी का उपयोग करेगा। इसके अलावा, आरई अन्य स्रोतों जैसे कि उधारकर्ताओं से घोषणा, उनके बैंक खातों के विवरण और स्थानीय पूछताछ से भी इसका पता लगाएगा।
6. ऋणों का मूल्य निर्धारण
6.1 प्रत्येक आरई सूक्ष्मवित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण के संबंध में एक बोर्ड-अनुमोदित नीति बनाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल होंगे:
-
समावेशी ब्याज दर पर पहुंचने के लिए एक सही रूप से प्रलेखित ब्याज दर मॉडल/दृष्टिकोण;
-
उद्देश्य मानकों के आधार पर प्रत्येक घटक की मात्रा के संदर्भ में ब्याज दर के घटकों जैसे निधियों की लागत, जोखिम प्रीमियम और मार्जिन इत्यादि का वर्णन;
-
उधारकर्ताओं की प्रत्येक श्रेणी के लिए के लिए प्रत्येक घटक के प्रसार की सीमा; तथा
-
सूक्ष्मवित्त ऋणों पर लागू ब्याज दर और अन्य सभी शुल्कों की उच्चतम सीमा।
6.2 सूक्ष्मवित्त ऋणों पर ब्याज दर और अन्य प्रभार/ शुल्क सूदखोर नहीं होने चाहिए। ये रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी जांच के अधीन होंगे।
6.3 प्रत्येक आरई एक मानकीकृत सरलीकृत तथ्यपत्रक (अनुबंध II में दिए गए उदाहरण के अनुसार) में संभावित उधारकर्ता को मूल्य निर्धारण संबंधी जानकारी का खुलासा करेगा।
6.4 आरई और/ या उसके भागीदार/ एजेंट द्वारा सूक्ष्मवित्त उधारकर्ता से लिए जाने वाले किसी भी शुल्क का स्पष्ट रूप से तथ्यपत्रक में खुलासा किया जाएगा। उधारकर्ता से ऐसी कोई भी राशि नहीं ली जाएगी जिसका तथ्यपत्रक में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
6.5 कम आय वाले परिवारों के उधारकर्ताओं को दिए जाने वाले अन्य ऋणों (अर्थात, संपार्श्विक ऋण) के लिए भी तथ्यपत्रक प्रदान किया जाएगा ।
6.6 सूक्ष्मवित्त ऋणों पर कोई पूर्व भुगतान दंड नहीं होगा। विलंबित भुगतान के लिए जुर्माना, यदि कोई हो, अतिदेय राशि पर लागू होगा न कि संपूर्ण ऋण राशि पर।
6.7 प्रत्येक आरई अपने सभी कार्यालयों में सूक्ष्मवित्त ऋणों पर प्रभारित न्यूनतम, अधिकतम और औसत ब्याज दरों को अपने द्वारा जारी किए गए साहित्य (सूचना पुस्तिकाएं/ पर्चों) में और अपनी वेबसाइट पर इस संदर्भ में ब्यौरे को प्रमुखता से प्रदर्शित करेगा। इस जानकारी को पर्यवेक्षी विवरणियों में भी शामिल किया जाएगा और पर्यवेक्षी जांच के अधीन किया जाएगा।
6.8 ब्याज दर या किसी अन्य शुल्क में कोई भी परिवर्तन उधारकर्ता को अग्रिम रूप से सूचित किया जाएगा और ये परिवर्तन केवल संभावित रूप से प्रभावी होंगे।
6.9 अपने जागरूकता अभियानों के अंतर्गत, एसआरओ/अन्य उद्योग संघ एक जिले में सक्रिय अपने सदस्यों द्वारा सूक्ष्मवित्त ऋणों लिए जाने वाले ब्याज दरों की श्रेणी प्रकाशित कर सकते हैं। एसआरओ/अन्य उद्योग संघ अपने सदस्यों को सूदखोर ब्याज दर वसूलने के प्रति भी संवेदनशील बना सकते हैं।
6.10 आरबीआई भी सूक्ष्मवित्त ऋणों पर आरई द्वारा लगाए गए ब्याज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएगा।
7. सूक्ष्मवित्त उधारकर्ताओं के प्रति आचार संबंधी दिशानिर्देश
7.1 सामान्य
7.1.1 इन निर्देशों के आधार पर सभी आरई द्वारा अपने बोर्डों द्वारा अनुमोदित एक उचित व्यवहार कोड (एफपीसी) लागू किया जाएगा। एफपीसी को उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में जारी किया जाना चाहिए।
7.1.2 सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में ऋण समझौते का एक मानक रूप होना चाहिए।
7.1.3 प्रत्येक आरई उधारकर्ता को एक ऋण कार्ड प्रदान करेगा जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे:
-
सूचना जो उधारकर्ता की पर्याप्त रूप से पहचान करती है;
-
मूल्य निर्धारण पर सरलीकृत तथ्यपत्रक;
-
ऋण से जुड़े अन्य सभी नियम और शर्तें;
-
आरई द्वारा प्राप्त किश्तों और अंतिम भुगतान सहित सभी भुगतानों की पावती; तथा
-
आरई के नोडल अधिकारी के नाम और संपर्क नंबर सहित शिकायत निवारण प्रणाली का विवरण।
7.1.4 ऋण कार्ड में सभी प्रविष्टियां उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में होनी चाहिए।
7.1.5 गैर-क्रेडिट उत्पादों को उधारकर्ताओं की पूर्ण सहमति से जारी किया जाएगा और ऐसे उत्पादों की शुल्क संरचना के बारे में उधारकर्ता को ऋण कार्ड में ही स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा।
7.2 कर्मचारियों का प्रशिक्षण
7.2.1 प्रत्येक आरई के पास कर्मचारियों के आचरण और उनकी भर्ती, प्रशिक्षण और निगरानी के लिए प्रणाली के संबंध में बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी। यह नीति, अन्य बातों के साथ-साथ, कर्मचारियों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित करेगी और ग्राहकों के प्रति व्यवहार करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपकरण शामिल करेगी। कर्मचारियों के प्रशिक्षण में ग्राहकों के प्रति उचित व्यवहार विकसित करने के लिए कार्यक्रम शामिल होंगे। ग्राहकों के प्रति कर्मचारियों का आचरण उनकी प्रतिपूर्ति मैट्रिक्स में उचित रूप से शामिल किया जाएगा।
7.2.2 फील्ड स्टाफ को घर की आय और मौजूदा कर्ज के संबंध में आवश्यक पूछताछ करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
7.2.3 उधारकर्ताओं को दिया जाने वाला प्रशिक्षण, यदि कोई हो, निःशुल्क होगा।
7.3 आउटसोर्स गतिविधियों के लिए जिम्मेदारियां
7.3.1 आरई द्वारा किसी भी गतिविधि की आउटसोर्सिंग उसके दायित्वों को कम नहीं करती है और इन निदेशों के अनुपालन की जिम्मेदारी पूरी तरह से आरई के ऊपर होगी।
7.3.2 आरई द्वारा ऋण समझौते में और उसके कार्यालय / शाखा परिसर / वेबसाइट में प्रदर्शित एफपीसी में यह घोषणा की जाएगी कि आरई अपने कर्मचारियों या आउटसोर्स एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा अनुचित व्यवहार के लिए जवाबदेह होगा और समय पर शिकायत निवारण प्रदान करेगा ।
7.4 ऋणों की वसूली से संबंधित दिशानिर्देश
7.4.1 प्रत्येक आरई चुकौती संबंधी कठिनाइयों का सामना कर रहे उधारकर्ताओं की पहचान करने, ऐसे उधारकर्ताओं के साथ जुड़ाव बनाने और उन्हें उपलब्ध उपाय के बारे में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगा।
7.4.2 ऋणों की वसूली उधारकर्ता और आरई द्वारा पारस्परिक रूप से तय किए गए निर्दिष्ट/केंद्रीय निर्दिष्ट स्थान पर की जाएगी। तथापि, यदि उधारकर्ता लगातार दो या उससे अधिक अवसरों पर निर्दिष्ट/केंद्रीय निर्दिष्ट स्थान पर उपस्थित होने में विफल रहता है, तो फील्ड स्टाफ को उधारकर्ता के निवास स्थान या कार्यस्थल पर वसूली करने की अनुमति है ।
7.4.3 आरई या उनके एजेंट वसूली के लिए किसी भी कठोर तरीके का इस्तेमाल नहीं करेंगे। पूर्वगामी के सामान्य अनुप्रयोग को सीमित किए बिना, निम्नलिखित तरीकों को कठोर माना जाएगा:
-
धमकी देने वाली या अभद्र भाषा का प्रयोग
-
उधारकर्ता को लगातार कॉल करना और/या सुबह 9:00 बजे से पहले और शाम 6:00 बजे के बाद कॉल करना
-
उधारकर्ता के रिश्तेदारों, दोस्तों या सहकर्मियों को परेशान करना
-
उधारकर्ताओ के नाम प्रकाशित करना
-
उधारकर्ता या उधारकर्ता के परिवार/संपत्ति/प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए हिंसा या अन्य ऐसे साधनों का उपयोग या उपयोग करने की धमकी
-
उधारकर्ता को कर्ज की मात्रा अथवा गैर-चुकौती के परिणामों के बारे में गुमराह करना
7.4.4 प्रत्येक आरई के पास वसूली संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए एक समर्पित तंत्र होगा। ऋण संवितरण के समय उधारकर्ता को इस तंत्र का विवरण प्रदान किया जाएगा।
7.5 वसूली एजेंटों की नियुक्ति
7.5.1 वसूली एजेंट का अर्थ आरई द्वारा अपने उधारकर्ताओं से देय राशि की वसूली के लिए नियुक्त एजेंसिया और इन एजेंसियों के कर्मचारी होंगे ।
7.5.2 आरई के पास वसूली एजेंटों की नियुक्ति के लिए एक उचित सावधानी प्रक्रिया होगी, जो अन्य बातों के साथ-साथ वसूली प्रक्रिया में शामिल व्यक्तियों को कवर करेगी। आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा लगाए गए वसूली एजेंट अपने कर्मचारियों के पूर्ववृत्त का सत्यापन करें, जिसमें पुलिस सत्यापन शामिल होगा। आरई उस आवधिकता को भी तय करेंगे जिस पर पूर्ववृत्तों का पुन: सत्यापन किया जाएगा।
7.5.3 उचित नोटिस और उचित प्राधिकरण सुनिश्चित करने के लिए, आरई वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के समय उधारकर्ता को वसूली एजेंटों का विवरण प्रदान करेगा। एजेंट आरई या एजेंसी द्वारा उसे जारी किए गए पहचान पत्र के अलावा आरई से प्राप्त नोटिस और प्राधिकरण पत्र की एक प्रति भी अपने साथ रखेंगे। इसके अलावा, जहां वसूली प्रक्रिया के दौरान आरई द्वारा वसूली एजेंसी को बदल दिया जाता है, आरई द्वारा उधारकर्ता को परिवर्तन के बारे में सूचित करने के अलावा, नया एजेंट अपने साथ पहचान पत्र के अलावा नोटिस और प्राधिकरण पत्र रखेगा।
7.5.4 नोटिस और प्राधिकरण पत्र में, अन्य विवरणों के साथ, वसूली एजेंसी और आरई के संपर्क विवरण भी शामिल होंगे।
7.5.5 आरई द्वारा लगाई गई वसूली एजेंसियों के नवीनतम विवरण आरई की वेबसाइट पर भी होस्ट किए जाएंगे।
8. अर्हकारी आस्ति संबंधित मानदंड
8.1 पहले के अर्हकारी आस्ति संबंधित मानदंड1, के तहत, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन (एनबीएफसी-एमएफआई) को अपनी निवल आस्ति2 का न्यूनतम 85 प्रतिशत 'अर्हकारी आस्ति' के रूप में रखना आवश्यक है। एनबीएफसी-एमएफआई की 'अर्हकारी आस्ति' की परिभाषा को अब ऊपर के पैराग्राफ 3 में दी गई 'सूक्ष्मवित्त ऋण' की परिभाषा के साथ संरेखित किया जा रहा है। एनबीएफसी-एमएफआई के लिए सूक्ष्मवित्त ऋण संबंधी न्यूनतम आवश्यकता को भी संशोधित कर कुल संपत्ति का 75 प्रतिशत कर दिया गया है।
8.2 पहले के दिशानिर्देशों के तहत, एक एनबीएफसी जो एनबीएफसी-एमएफआई के रूप में वर्गीकृत नहीं है, वह अपनी कुल आस्ति के 10 प्रतिशत से अधिक के सूक्ष्मवित्त ऋण प्रदान नहीं कर सकता है। ऐसे एनबीएफसी (यानी, एनबीएफसी-एमएफआई के अलावा अन्य एनबीएफसी) के लिए सूक्ष्मवित्त ऋण की अधिकतम सीमा अब कुल आस्ति का 25 प्रतिशत कर दी गयी है।
9. सूक्ष्मवित्त कार्यकलापों में संलग्न ‘गैर-लाभकारी’ कंपनियों के लिए छूट
9.1 ‘गैर-लाभकारी' कंपनियों (कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत) के लिए सूक्ष्मवित्त ऋण की परिभाषा को अब सूक्ष्मवित्त ऋण की संशोधित परिभाषा के साथ संरेखित किया गया है, अर्थात, ₹3,00,000 तक की वार्षिक घरेलू आय वाले परिवारों को संपार्श्विक-मुक्त ऋण, बशर्ते कि किसी परिवार का मासिक ऋण दायित्व मासिक घरेलू आय के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।
9.2 माइक्रोफाइनेंस गतिविधियों में लगी उन ‘गैर-लाभकारी' कंपनियों से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए3, 45-आईबी4 और 45-आईसी5 से दी गई छूट वापस ले ली गई है जिनकी संपत्ति का आकार ₹100 करोड़ और उससे अधिक है।
9.3 ऐसी ‘गैर-लाभकारी' कंपनियां जो ऊपर पैराग्राफ 9.2 में उल्लिखित छूट के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें एनबीएफसी-एमएफआई के रूप में पंजीकरण करना होगा और एनबीएफसी-एमएफआई पर लागू नियमों का पालन करना होगा। ऐसी कंपनियां इस परिपत्र के जारी होने के तीन महीनों के भीतर एनबीएफ़सी-एमएफ़आई के रूप में पंजीकरण हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक को आवेदन प्रस्तुत करेंगी। वो कंपनियां जो वर्तमान में एनबीएफसी-एमएफआई के लिए निर्धारित नियमों का पालन नहीं करती हैं, उन्हें अपने पंजीकरण के आवेदन के साथ निर्धारित नियमों को पूरा करने के रोडमैप के साथ एक बोर्ड-अनुमोदित योजना प्रस्तुत करनी होगी।
10. निवल स्वाधिकृत निधि (एनओएफ) की आवश्यकता
मौजूदा एनबीएफसी-एमएफआई 'स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामक ढांचा' पर 22 अक्तूबर 2021 के परिपत्र के पैरा 3.1 (ए) के तहत इंगित एनओएफ ग्लाइडपाथ का पालन करेंगे जोकि नीचे दिया गया है:
एनबीएफसी |
वर्तमान एनओएफ |
31 मार्च 2025 तक |
31 मार्च 2027 तक |
एनबीएफसी-एमएफआई |
₹5 करोड़ (पूर्वोत्तर क्षेत्र में ₹2 करोड़) |
₹7 करोड़ (पूर्वोत्तर क्षेत्र में ₹5 करोड़) |
₹10 करोड़ |
अनुबंध I
(सीएफ. इन निदेशों का पैरा 4.1)
घरेलू आय के आकलन के लिए सांकेतिक कार्यप्रणाली
1. कम आय वाले परिवार की आय का आकलन करने के लिए, ऋणदाता निम्नलिखित मापदंडों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है:
(i) घरेलू प्रोफ़ाइल आकलन के लिए मापदंड
ए) घरेलू संरचना
-
उपार्जन करने वाले सदस्यों की संख्या
-
उपार्जन न करने वाले सदस्यों की संख्या
बी) आवास का प्रकार (स्वामित्व/किराए पर, आदि)
सी) बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता (बिजली, पानी, शौचालय, सीवेज, एलपीजी कनेक्शन, आदि)
डी) अन्य आस्तियों की उपलब्धता (भूमि, पशुधन, वाहन, फर्नीचर, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, आदि)
(ii) घरेलू आय आकलन के लिए मापदंड
ए) आय का प्राथमिक स्रोत
-
कार्य का क्षेत्र (कृषि और संबधित गतिविधियाँ, व्यापार, निर्माण, सेवाएँ, आदि)
-
कार्य की प्रकृति (स्व-नियोजित या वेतनभोगी, नियमित या मौसमी, आदि)
-
आय की आवृत्ति (दैनिक/साप्ताहिक/मासिक)
-
पिछले एक वर्ष में रोजगार के महीने/दिन
-
स्व-रिपोर्ट की गई मासिक आय
-
औसत मासिक आय (उक्त (iv) और (v) से प्राप्त की जानी है)
बी) आय के अन्य स्रोत
-
प्रेषित धन
-
किराया/पट्टा
-
पेंशन
-
सरकारी स्थानांतरण
-
छात्रवृत्ति
-
अन्य (विवरण निर्दिष्ट करें)
सी) आय के सभी स्रोतों (प्राथमिक या सहायक) के संबंध में सभी कमाई करने वाले सदस्यों के लिए उपरोक्त आय मूल्यांकन किया जा सकता है। सभी स्रोतों से सभी सदस्यों की आय का आकलन करते समय, यह सुनिश्चित किया जाए कि आय की कोई दोहरी गणना न हो जैसे कि एक प्रवासी सदस्य की वेतन की गणना घर के लिए प्रेषित धन के रूप में भी ना की जाए।
डी) हालांकि आय की गणना मासिक आधार पर की जा सकती है, पर घरेलू आय की स्थिरता का पता लगाने के लिए सभी सदस्यों और स्रोतों के आय का आकलन न्यूनतम एक वर्ष की अवधि के लिए किया जा सकता है।
(iii) घरेलू व्यय आकलन के लिए मापदंड
ए) नियमित मासिक व्यय (भोजन, उपयोगिताओं, परिवहन, घर / दुकान का किराया, कपड़े, नियमित चिकित्सा लागत, स्कूल / कॉलेज की फीस, आदि)
बी) पिछले एक साल में अनियमित व्यय (चिकित्सा खर्च, घर का नवीनीकरण, घरेलू सामान की खरीद, समारोह आदि)
2. 1(ii) पर स्व-रिपोर्ट की गई आय की 1(i) पर घरेलू प्रोफाइल तथा 1(iii) पर घरेलू खर्च के साथ पुष्टि की जा सकती है। इसके अलावा, घरेलू आय को अन्य स्रोतों से भी सत्यापित किया जा सकता है (उधारकर्ताओं के बैंक खाते के विवरण, समूह के सदस्य, आसपास के अन्य संदर्भ, आदि) ।
अनुबंध II
(सीएफ. इन निदेशों का पैरा 6.3)
सूक्ष्मवित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण पर उदाहरणात्मक तथ्यपत्र
(उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में प्रदान किया जाना है)
दिनांक: XXX ऋणदाता का नाम: XXX आवेदक का नाम: XXX
सं.क्र. |
पैरामीटर |
विवरण |
(i) |
ऋण राशि (उधारकर्ता को संवितरित राशि) (रुपयों में) |
20,000 |
(ii) |
ऋण की पूरी अवधि के दौरान कुल ब्याज शुल्क (रुपयों में) |
3,274 |
(iii) |
अन्य अग्रिम शुल्क (प्रत्येक घटक का विवरण नीचे दिया जाना है) (रुपयों में) |
400 |
(ए) |
प्रसंस्करण शुल्क (रुपये में) |
160 |
(बी) |
बीमा शुल्क (रुपये में) |
240 |
(सी) |
अन्य (यदि कोई हो) (रुपये में) |
- |
(iv) |
निवल संवितरित राशि ((i)-(iii)) (रुपयों में) |
19,600 |
(v) |
उधारकर्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल राशि ((i), (ii) और (iii) का जोड़) (रुपयों में) |
23,6746 |
(vi) |
प्रभावी वार्षिक ब्याज दर (प्रतिशत में) (आईआरआर पद्धति और कम होती हुई शेष राशि का उपयोग करके निवल संवितरित राशि पर गणना) |
17.07% |
(vii) |
ऋण अवधि (महीनों में) |
24 |
(viii) |
उधारकर्ता द्वारा चुकौती आवृत्ति |
मासिक |
(ix) |
चुकौती की किश्तों की संख्या |
24 |
(x) |
चुकौती की प्रत्येक किश्त की राशि (रुपयों में) |
970 |
आकस्मिक शुल्कों के बारे में विवरण |
(xi) |
उधारकर्ता से किसी भी समय ऋण के पूर्व भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा। |
(xii) |
विलंबित भुगतान के मामले में दंडात्मक प्रभार (यदि कोई हो) |
|
(xiii) |
अन्य शुल्क (यदि कोई हो) |
|
विस्तृत चुकौती अनुसूची
किस्त संख्या |
बकाया मूलधन (रुपये में) |
मूलधन (रुपये में) |
ब्याज (रुपये में) |
किश्त (रुपये में) |
1 |
20,000 |
720 |
250 |
970 |
2 |
19,280 |
729 |
241 |
970 |
3 |
18,552 |
738 |
232 |
970 |
4 |
17,814 |
747 |
223 |
970 |
5 |
17,067 |
756 |
213 |
970 |
6 |
16,310 |
766 |
204 |
970 |
7 |
15,544 |
775 |
194 |
970 |
8 |
14,769 |
785 |
185 |
970 |
9 |
13,984 |
795 |
175 |
970 |
10 |
13,189 |
805 |
165 |
970 |
11 |
12,384 |
815 |
155 |
970 |
12 |
11,569 |
825 |
145 |
970 |
13 |
10,744 |
835 |
134 |
970 |
14 |
9,909 |
846 |
124 |
970 |
15 |
9,063 |
856 |
113 |
970 |
16 |
8,206 |
867 |
103 |
970 |
17 |
7,339 |
878 |
92 |
970 |
18 |
6,461 |
889 |
81 |
970 |
19 |
5,572 |
900 |
70 |
970 |
20 |
4,672 |
911 |
58 |
970 |
21 |
3,761 |
923 |
47 |
970 |
22 |
2,838 |
934 |
35 |
970 |
23 |
1,904 |
946 |
24 |
970 |
24 |
958 |
958 |
12 |
970 |
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