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स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए संशोधित नियामक ढांचा

भारिबैं/2021-22/112
विवि.सीआरई.आरईसी.सं.60/03.10.001/2021-22

22 अक्तूबर 2021

सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदया/महोदय,

स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए संशोधित नियामक ढांचा

वास्तविक आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करने और बैंकों के साथ ऋण मध्यस्थता के पूरक चैनल के रूप में भूमिका निभाने के लिए एनबीएफसी का योगदान बड़े पैमाने पर मान्यता प्राप्त है । इन वर्षों में, इस क्षेत्र में वित्तीय क्षेत्र के भीतर आकार, जटिलता और परस्पर जुड़ाव के मामले में काफी विकास हुआ है । कई संस्थाएं प्रगति की हैं एवं वे प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो गई हैं और इसलिए उनके बदलते जोखिम प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए एनबीएफसी के लिए नियामक ढांचे को संरेखित करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई है।

2. 04 दिसंबर 2020 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, 22 जनवरी, 2021 को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए एनबीएफसी के लिए संशोधित नियामक ढांचा – स्केल आधारित दृष्टिकोण नामक एक चर्चा पत्र जारी किया गया था। इस संबंध में प्राप्त प्रतिपुष्टियों के आधार पर अब एनबीएफसी (अनुलग्नक) के लिए संशोधित नियामकीय ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया गया है।

3. चूंकि एसबीआर ढांचे में पूंजीगत आवश्यकताओं, अभिशासन मानकों, विवेकपूर्ण विनियमन आदि को शामिल करते हुए एनबीएफसी के नियमन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, इसलिए एसबीआर संरचना को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हुए, नए विनियमनों और संबंधित समय-सीमा के एक समूह को शामिल करते हुए, एसबीआर के अंतर्गत एनबीएफसी के लिए एक एकीकृत नियामकीय ढांचा जारी करने का निर्णय लिया गया है । अनुलग्नक में किए गए वर्णन के अनुसार विस्तृत दिशा-निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे ।

4. ये दिशा-निर्देश 01 अक्तूबर, 2022 से प्रभावी होंगे। अनुलग्नक के पैरा 3.1 (डी) के अंतर्गत दिए गए आईपीओ निधीयन की अधिकतम सीमा से संबंधित निर्देश 01 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।

भवदीय,

(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुलग्नक

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए स्केल आधारित विनियमन के लिए ढांचा

खंड I

1. एनबीएफ़सी के लिए विनियमकीय ढांचा

1.1 एनबीएफसी के लिए उनके आकार, गतिविधि और अवधारित जोखिम के आधार पर नियामकीय संरचना में चार लेयर होंगी। सबसे निचली लेयर में एनबीएफसी को एनबीएफसी - बेस लेयर (एनबीएफसी-बीएल) के नाम से जाना जाएगा। मिडिल लेयर और अपर लेयर वाली एनबीएफसी को क्रमशः एनबीएफसी -मिडिल लेयर (एनबीएफसी-एमएल) और एनबीएफसी -अपर लेयर (एनबीएफसी-यूएल) के रूप में जाना जाएगा । यह आशा की जाती है कि टॉप लेयर आदर्श रूप से खाली होगी और इसे एनबीएफसी - टॉप लेयर (एनबीएफसी-टीएल) के रूप में जाना जाएगा।

विभिन्न लेयरों में शामिल एनबीएफसी का विवरण नीचे पैरा 1.2 से 1.6 तक में निर्धारित किया जाएगा:

बेस लेयर

1.2 बेस लेयर में (क) 1000 करोड़ रुपये की आस्ति आकार से कम वाली एनबीएफसी और (ख) निम्नलिखित गतिविधियों को संचालित करने वाली एनबीएफसी को शामिल किया जाएगा - (i) एनबीएफसी-पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (एनबीएफसी-पी 2 पी), (ii) एनबीएफसी-अकाउंट एग्रीगेटर (एनबीएफसी-एए), (iii) गैर-परिचालन वित्तीय होल्डिंग कंपनी (एनओएफ़एचसी) और (iv) सार्वजनिक निधियों का उपयोग नहीं करने वाली एनबीएफसी और जिनका कोई ग्राहक इंटरफेस1 नहीं है।

मिडिल लेयर

1.3 मिडिल लेयर में (क) किसी भी आस्ति आकार की जमाराशि स्वीकार करने वाली एनबीएफसी (एनबीएफसी-डीएस), (ख) 1000 करोड़ रुपये और उससे अधिक आस्ति आकार वाली जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली एनबीएफसी और (ग) निम्नलिखित गतिविधियों को संचालित करने वाली एनबीएफसी (i) स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर (एसपीडी), (ii) संरचनात्मक ऋण निधि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी), (iii) मूल निवेश कंपनी (सीआईसीसी), (iv) आवास वित्त कंपनी (एचएफसी) और (v) संरचनात्मक वित्त कंपनी (एनबीएफसी-आईएफसी)।

अपर लेयर

1.4 अपर लेयर में वे सभी एनबीएफसी शामिल होंगे जिनकी पहचान विशेष रूप से रिज़र्व बैंक द्वारा इस परिपत्र के परिशिष्ट में प्रदान किए गए मापदंडों और स्कोरिंग पद्धति के आधार पर बढ़ी हुई नियामक आवश्यकता के अनुरूप की गई है । किसी अन्य कारक के होते हुए भी उनके आस्ति आकार के अनुसार शीर्ष दस पात्र एनबीएफसी हमेशा अपर लेयर में शामिल होंगे ।

टॉप लेयर

1.5 टॉप लेयर आदर्श स्थिति में खाली रहेगी। इस लेयर में एनबीएफ़सी शामिल हो सकती हैं यदि रिज़र्व बैंक की याद राय है कि टॉप लेयर में विशिष्ट एनबीएफसी से संभावित प्रणालीगत जोखिम में पर्याप्त वृद्धि हुई है। ऐसी एनबीएफसी अपर लेयर से टॉप लेयर में जाएंगी।

विशिष्ट गतिविधियों को संपादित करने वाले एनबीएफसी का वर्गीकरण

1.6 चूंकि नियामक संरचना में स्केल आधारित और गतिविधि आधारित विनियमन की परिकल्पना की गई है, इसलिए एनबीएफसी के संबंध में निम्नलिखित निर्देश लागू होंगे

(क) एनबीएफसी-पी 2पी, एनबीएफसी-एए, एनओएफएचसी और सार्वजनिक निधि तथा ग्राहक इंटरफेस से रहित एनबीएफसी हमेशा नियामक संरचना के बेस लेयर में रहेंगे।

(ख) एनबीएफसी-डी, सीआईसी, आईएफसी और एचएफसी को स्थिति के अनुसार मिडिल लेयर या अपर लेयर (और बेस लेयर में नहीं) में शामिल किया जाएगा । एसपीडी और आईडीएफ-एनबीएफसी हमेशा मिडिल लेयर में रहेंगे ।

(ग) शेष एनबीएफसी, जैसे निवेश और ऋण कंपनी (एनबीएफसी-आईसीसी), सूक्ष्म वित्त संस्थान (एनबीएफसी-एमएफआई), एनबीएफसी-फैक्टर्स और बंधक गारंटी कंपनियां (एनबीएफसी-एमजीसी) स्केल आधारित नियामक ढांचे के मापदंडों के आधार पर नियामकीय संरचना में किसी भी लेयर में शामिल की जा सकती हैं।

(घ) सरकारी स्वामित्व वाली एनबीएफसी को स्थिति के अनुसार बेस लेयर या मिडिल लेयर में रखा जाएगा । उन्हें अगली सूचना तक अपर लेयर में नहीं रखा जाएगा।

खंड II

2. स्केल आधारित विनियमकीय ढांचा

2.1 एनबीएफसी-एनडी, एनबीएफसी-एनडी-एसआई और एनबीएफसी-डी के संदर्भ- 01 अक्टूबर, 2022 से, एनबीएफसी-एनडी के सभी संदर्भों का अर्थ एनबीएफसी-बीएल होगा और एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी-एसआई के सभी संदर्भों का तात्पर्य स्थिति2 के अनुसार एनबीएफसी-एमएल या एनबीएफसी-यूएल होगा

2.2 विनियमों का प्रगतिशील अनुप्रयोग - एनबीएफसी की निचली स्तरों के लिए लागू नियामकीय संशोधन स्वतः रूप से उच्च लेयरों में शामिल एनबीएफसी पर लागू होंगे, जब तक कि अन्यथा नहीं कहा जाए।

2.3 बेस लेयर में एनबीएफसी के लिए नियामकीय दिशानिर्देश – बेस लेयर (एनबीएफसी-बीएल) में शामिल एनबीएफसी निम्नलिखित पैरा 3.1 और 3.2 में वर्णित परिवर्तनों को छोड़कर वर्तमान में एनबीएफसी-एनडी पर लागू नियमों के अधीन होंगे। एनबीएफ़सी-पी2पी, एनबीएफ़सी-एए और एनओएफ़एचसी वर्तमान में इनपर3 लागू मौजूदा नियमों के अधीन होंगे।

2.4 मिडिल लेयर में शामिल एनबीएफसी के लिए नियामकीय दिशानिर्देश – मिडिल लेयर में शामिल एनबीएफसी (एनबीएफसी-एमएल), नीचे पैरा 3.1 और 3.2 में उल्लिखित परिवर्तनों को छोड़कर, स्थिति के अनुसार एनबीएफसी-एनडी-एसआइ, एनबीएफसी-डी, सीआईसी, एसपीडी और एचएफसी के लिए वर्तमान में लागू नियमों का पालन करना जारी रखेंगे।

2.5 अपर लेयर में शामिल एनबीएफसी के लिए नियामकीय दिशानिर्देश – अपर लेयर (एनबीएफसी-यूएल) में स्थित एनबीएफसी नीचे पैरा 3.1 और 3.2 में उल्लिखित परिवर्तनों को छोड़कर एनबीएफसी-एमएल पर लागू विनियमों के अधीन होंगे।

3. स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर) के अंतर्गत नियामकीय परिवर्तन

3.1 विनियामक संरचना में सभी लेयरों के लिए एसबीआर के अंतर्गत विनियमकीय परिवर्तन

(क) स्वाधिकृत निधि- एनबीएफसी-आईसीसी, एनबीएफसी-एमएफआई और एनबीएफसी-फैक्टर्स के लिए विनियमकीय न्यूनतम स्वाधिकृत निधि (एनओएफ) को बढ़ाकर 10 करोड़4 रुपये किया जाएगा। मौजूदा एनबीएफसी के लिए 10 करोड़ रुपये की एनओएफ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित समय-सीमा प्रदान की गई है:

एनबीएफ़सी वर्तमान एनओएफ़ 31 मार्च 2025 तक 31 मार्च 2027 तक
एनबीएफ़सी-आईसीसी 2 करोड़ 5 crore 10 करोड़
एनबीएफ़सी-एमएफ़आई 5 करोड़ (उत्तर पूर्व क्षेत्र में 2 करोड़) 7 करोड़ (उत्तर पूर्व क्षेत्र में 5 करोड़) 10 करोड़
एनबीएफसी-फैक्टर्स 5 करोड़ 7 करोड़ 10 करोड़

हालांकि, एनबीएफसी-पी 2पी, एनबीएफसी-एए और सार्वजनिक निधि तथा ग्राहक इंटरफेस रहित एनबीएफसी के लिए एनओएफ 2 करोड़ रहेगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि एनबीएफसी-आईडीएफ, आईएफसी, एमजीसी, एचएफसी और एसपीडी5 के लिए मौजूदा नियामकीय न्यूनतम एनओएफ में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

(ख) एनपीए वर्गीकरण- मौजूदा एनपीए वर्गीकरण मानदंड एनबीएफसी की सभी श्रेणियों के लिए 90 दिनों से अधिक की अतिदेय अवधि में बदल गया है। बेस लेयर में एनबीएफसी को 90 दिनों के एनपीए मानक का पालन करने के लिए एक समय सीमा प्रदान किया गया है–

एनपीए मानदंड समय-सीमा
>150 दिन अतिदेय अवधि 31 मार्च, 2024 तक
>120 दिन अतिदेय अवधि 31 मार्च, 2025 तक
> 90 दिन 31 मार्च, 2026 तक

व्याख्या: उक्त समय-सीमा ऐसे एनबीएफसी पर लागू नहीं होगा जिनसे पहले से ही 90 दिन के एनपीए मानक का पालन करना आवश्यक है।

(ग) बोर्ड का अनुभव- एनबीएफसी के मामलों के प्रबंधन में पेशेवर अनुभव की आवश्यकता को देखते हुए, कम से कम एक निदेशक के पास बैंक/एनबीएफसी में काम करने का प्रासंगिक अनुभव होगा।

(घ) आईपीओ निधीयन पर अधिकतम सीमा– प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के लिए अभिदान के वित्तपोषण के लिए प्रति उधारकर्ता 1 करोड़ रुपये की सीमा होगी। एनबीएफसी अधिक परिमित सीमाएं तय कर सकते हैं ।

3.2 नियामक संरचना में विभिन्न लेयरों के लिए एसबीआर के अंतर्गत नियामकीय परिवर्तन –

3.2.1 पूंजीगत दिशानिर्देश–

एनबीएफ़सी-एमएल और एनबीएफ़सी-यूएल पर लागू एसबीआर के अंतर्गत विनियामकीय परिवर्तन

(क) आंतरिक पूंजी पर्याप्तता मूल्यांकन प्रक्रिया (आईसीएएपी)- एनबीएफसी को अपने व्यवसाय में जोखिमों के अनुरूप पूंजी की आवश्यकता का पूरी तरह से आंतरिक आकलन करना आवश्यक है । यह आंतरिक मूल्यांकन पीलर 2 (मास्टर परिपत्र - बेसल III पूंजी निनियमन, दिनांक 01 जुलाई, 2015) के अंतर्गत वाणिज्यिक बैंकों के लिए निर्धारित आईसीएएपी के समान ही होगा। यद्यपि पीलर 2 पूंजी पर जोर नहीं दिया जाएगा, एनबीएफसी को जोखिमों का यथार्थवादी आकलन करने की आवश्यकता है। आंतरिक पूंजी मूल्यांकन आंतरिक रूप से निर्धारित किए जाने वाले कार्यप्रणाली के अनुसार ऋण जोखिम, बाजार जोखिम, परिचालन जोखिम और अन्य सभी अवशिष्ट जोखिमों में कारक होगा । पूंजी के आंतरिक मूल्यांकन के लिए कार्यप्रणाली उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार परिचालन के पैमाने और जटिलता के अनुरूप होगी। आईसीएएपी का उद्देश्य व्यवसाय में सभी जोखिमों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है और साथ ही एनबीएफसी को जोखिमों की निगरानी और प्रबंधन के लिए बेहतर आंतरिक जोखिम प्रबंधन तकनीकों को विकसित करने और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे पर्यवेक्षकों और एनबीएफसी के बीच जोखिमों और निगरानी के आकलन के साथ-साथ उसे कम करने पर सक्रिय बातचीत करने में आसानी होगी ।

एसबीआर के अंतर्गत अतिरिक्त एनबीएफसी-यूएल पर लागू नियामकीय परिवर्तन

(ख) कॉमन इक्विटी टियर 1 - नियामक पूंजी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, एनबीएफसी-यूएल जोखिम भारित आस्तियों के कम से कम 9 प्रतिशत की कॉमन इक्विटी टियर 1 पूंजी बनाए रखेगा।

(ग) लीवरेज - सीआरएआर के अलावा, एनबीएफसी-यूएल को यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके विकास को अन्य कारकों के अलावा पर्याप्त पूंजी द्वारा समर्थित किया जाए, इसे लीवरेज की आवश्यकता के अधीन भी किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इन संस्थाओं के लिए बाद में लीवरेज के लिए एक उपयुक्त अधिकतम सीमा निर्धारित की जाएगी ।

(घ) अंतर मानक आस्ति प्रावधानीकरण - एनबीएफसी-यूएल को मानक आस्तियों के विभिन्न श्रेणियों के लिए अंतर प्रावधानीकरण आवश्यक होगा।

उपर्युक्त पैरा बी, सी और डी में वर्णित दिशा-निर्देशों के लिए बैंक द्वारा एक विस्तृत परिपत्र जारी किया जाएगा।

3.2.2 विवेकपूर्ण दिशा-निर्देश–

एसबीआर के अंतर्गत एनबीएफसी-एमएल और एनबीएफसी-यूएल पर लागू नियामकीय परिवर्तन

(क) ऋण/निवेश का संकेन्द्रण - ऋण और निवेश के लिए अलग से एनबीएफसी के लिए निर्धारित मौजूदा ऋण संकेन्द्रण सीमा को एकल उधारकर्ता/पक्षकार के लिए 25% की एकल एक्सपोजर सीमा में और उधारकर्ता/पक्षकारों के एकल समूह के लिए 40% में विलय किया जाएगा। इसके अलावा, संकेन्द्रण सीमा अपने स्वाधिकृत निधि के स्थान पर एनबीएफसी की टियर 1 पूंजी के संदर्भ में निर्धारित की जाएगी। संशोधित मानदंडों को नीचे दी गई तालिका में दर्शाया गया है:

मौजूदा सीमा
(स्वाधिकृत निधि के प्रतिशत के रूप में)
संशोधित सीमा
(टियर I पूंजी के प्रतिशत के रूप में)
  उधार निवेश कुल   एक्सपोजर
एकल उधारकर्ता/पक्षकार 15 15 25 एकल उधारकर्ता/पक्षकार 25
उधारकर्ताओं/पक्षकारों का एकल समूह 25 25 40 उधारकर्ताओं/पक्षकारों का एकल समूह 40

एनबीएफसी-यूएल द्वारा इन मानदंडों का पालन तब तक किया जाएगा जब तक कि उनके लिए बृहद एक्सपोजर फ्रेमवर्क लागू नहीं हो जाता। ऊपर वर्णित परिवर्तनों के अतिरिक्त एनबीएफसी की विभिन्न श्रेणियों के लिए संकेन्द्रण मानदंडों पर मौजूदा निर्देश लागू रहेंगे ।

(ख) संवेदनशील क्षेत्र एक्सपोजर (एसएसई) - पूंजी बाजार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) और वाणिज्यिक अचल संपत्ति में एक्सपोजर को एनबीएफसी के लिए संवेदनशील एक्सपोजर के रूप में गिना जाएगा। एनबीएफ़सी पूंजी बाजार और वाणिज्यिक अचल संपत्ति6 एक्सपोजर के लिए अलग-अलग सीमा सहित एसएसई के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित आंतरिक सीमाएं निर्धारित करेगा। समय-समय पर संपादित विभिन्न क्षेत्रों के गतिशील सुभेद्यता आकलन और व्यापार पर उनके संभावित प्रभाव के मूल्यांकन से एनबीएफसी को ऐसी आंतरिक एक्सपोजर सीमा निर्धारित करने में मदद मिलेगी। जबकि बोर्ड समग्र एसएसई आंतरिक सीमाओं में विभिन्न उप-सीमाओं का निर्धारण करने के लिए स्वतंत्र है, निम्नलिखित को विशिष्ट रूप से निर्धारित किया जाता है:

  1. भूमि अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए आंतरिक रूप से वाणिज्यिक अचल संपत्ति एक्सपोजर सीमा के भीतर एक उप-सीमा तय की जाएगी।

  2. पैरा 3.1 पर उल्लिखित आईपीओ निधीयन पर सीमा

आवास वित्त कंपनियां संवेदनशील क्षेत्र के एक्सपोजर पर वर्तमान में लागू मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिजर्व बैंक) निदेश, 2021 के पैराग्राफ 227 और 238 के अनुसार विशिष्ट विनियमन का पालन करना जारी रखेगी।

(ग) ऋणों पर नियामकीय प्रतिबंध - एनबीएफसी निम्नलिखित के संबंध में नियामकीय प्रतिबंधों के अधीन होंगे:

  1. निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन संस्थाओं को ऋण और अग्रिम प्रदान करना जिनमें निदेशकों या उनके रिश्तेदारों के पास प्रमुख शेयरधारिता है ।

  2. एनबीएफसी के वरिष्ठ अधिकारियों को ऋण और अग्रिम प्रदान करना।

  3. अचल संपत्ति से जुड़े ऋण प्रस्तावों का मूल्यांकन करते समय, एनबीएफसी यह सुनिश्चित करेंगे कि उधारकर्ताओं ने परियोजना के लिए आवश्यकतानुसार सरकार/स्थानीय सरकारों/अन्य सांविधिक प्राधिकरणों से पूर्व अनुमति प्राप्त की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऋण अनुमोदन प्रक्रिया इसके कारण बाधित न हो, जबकि प्रस्तावों को सामान्य तरीके से स्वीकृत किया जा सकता है, किन्तु संवितरण तभी किया जाएगा जब उधारकर्ता ने सरकारी अधिकारियों से अपेक्षित अनुमति प्राप्त कर ली है।

रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त पैरा सी में उल्लिखित क्षेत्रों के बारे में एक विस्तृत परिपत्र जारी किया जाएगा। इस दौरान, मौजूदा मानदंड लागू होंगे।

एनबीएफसी-यूएल पर लागू एसबीआर के अंतर्गत अतिरिक्त नियामकीय परिवर्तन

(घ) बृहद एक्सपोजर फ्रेमवर्क – यह निर्णय लिया गया है कि अपर लेयर में रखे गए एनबीएफसी के लिए बृहद एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) लागू किया जाए। तदनुसार, सभी प्रतिपक्षकारों और संबंधित प्रतिपक्षकारों के समूहों के लिए किसी एनबीएफसी के बृहद एक्सपोजर को एक एक्सपोजर सीमा के अधीन लाने पर विचार किया जाएगा । बृहद एक्सपोजर, विनियामकीय रिपोर्टिंग और बृहद एक्सपोजर सीमा की परिभाषा को शामिल करते हुए सरलीकृत और अलग दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे ।

(ङ) आंतरिक एक्सपोजर सीमा - ऊपर पैरा बी में दर्शाए गए पूंजी बाजार और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के संबंध में एसएसई पर आंतरिक सीमाओं के अलावा, एनबीएफसी-यूएल का बोर्ड अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर दिये जाने वाले ऋणों के संबंध में आंतरिक एक्सपोजर सीमा भी निर्धारित करेगा। इसके अतिरिक्त, एनबीएफसी-यूएल एनबीएफसी क्षेत्र में एक्सपोजर के लिए एक आंतरिक बोर्ड अनुमोदित सीमा लागू करेगा।

3.2.3 अभिशासन दिशा-निर्देश

एनबीएफसी-बीएल पर लागू एसबीआर के अंतर्गत नियामकीय परिवर्तन

(क) जोखिम प्रबंधन समिति – इस उद्देश्य को पूरा करने के उद्देश्य से कि बोर्ड जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हो सके, एनबीएफसी बोर्ड अथवा कार्यकारी स्तर पर एक जोखिम प्रबंधन समिति (आरएमसी) का गठन करेगी। आरएमसी चलनिधि जोखिम सहित एनबीएफसी के सामने आने वाले समग्र जोखिमों का मूल्यांकन करने के लिए जिम्मेदार होगी और यह बोर्ड को रिपोर्ट करेगी।

(ख) प्रकटन - प्रकटीकरण आवश्यकताओं में, अन्य बातों के साथ, जोखिम के प्रकार, संबंधित पार्टी के साथ लेनदेन, और निदेशकों/वरिष्ठ अधिकारियों को ऋण और ग्राहकों की शिकायतों को शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया जाएगा ।

(ग) निदेशकों, वरिष्ठ अधिकारियों और निदेशकों के रिश्तेदारों को ऋण- एनबीएफसी-बीएल के निदेशकों, वरिष्ठ अधिकारियों और निदेशकों के रिश्तेदारों और उन संस्थाओं को ऋण प्रदान करने के लिए एक बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी जहां निदेशकों या उनके रिश्तेदारों की प्रमुख हिस्सेदारी है ।

रिजर्व बैंक द्वारा यथासमय पैरा 3.2.3 (बी) और (सी) पर एक विस्तृत परिपत्र जारी किया जाएगा।

एनबीएफसी-एमएल और एनबीएफसी-यूएल पर लागू एसबीआर के अंतर्गत विनियामकीय परिवर्तन

(घ) प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक - सहायक कंपनी में निदेशक के अलावा, प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक9 किसी अन्य एनबीएफसी-एमएल या एनबीएफसी-यूएल में कोई पद (निदेशक सहित) धारण नहीं करेंगे । इन मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 01 अक्टूबर, 2022 से दो वर्ष की समय-सीमा प्रदान की गई है। यह स्पष्ट किया जाता है कि वे एनबीएफसी-बीएल में निदेशक पद ग्रहण कर सकते हैं ।

(ङ) स्वतंत्र निदेशक - कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार अनुमेय सीमा के भीतर, एक स्वतंत्र निदेशक एक ही समय में तीन से अधिक एनबीएफसी (एनबीएफसी-एमएल या एनबीएफसी-यूएल) के बोर्ड में नहीं होगा। इसके अलावा एनबीएफसी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि उनके स्वतंत्र निदेशकों के एक ही समय में किसी अन्य एनबीएफसी के बोर्ड में होने से कोई मतभेद उत्पन्न न हो। इन मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 01 अक्टूबर, 2022 से दो वर्ष की समय-सीमा प्रदान की गई है। कंपनी अधिनियम, 2013 के लागू प्रावधानों के अधीन एनबीएफसी-बीएल के बोर्डों में निदेशकों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

(च) प्रकटन - एनबीएफसी मौजूदा विनियामकीय प्रकटनों के अलावा, 31 मार्च, 2023 से अपने वार्षिक वित्तीय विवरणों में निम्नलिखित का प्रकटन करेंगे:

  1. कॉरपोरेट गवर्नेंस रिपोर्ट जिसमें संरचना और निदेशकों की श्रेणी, गैर-कार्यकारी निदेशकों की हिस्सेदारी आदि शामिल हों।

  2. लेखा परीक्षकों द्वारा व्यक्त संशोधित राय पर प्रकटीकरण, यदि कोई हो, विभिन्न वित्तीय मदों पर इसका प्रभाव और लेखा परीक्षा योग्यता पर प्रबंधन तंत्र के विचार ।

  3. असाधारण प्रकृति की आय और व्यय की वस्तुएं।

  4. एनबीएफसी द्वारा प्राप्त ऋणों या एनबीएफसी द्वारा जारी ऋण प्रतिभूतियों के संबंध में अनुबंधों के संदर्भ में चूक की घटना/घटनाओं सहित उल्लंघनों का विवरण

  5. आस्ति वर्गीकरण में भिन्नता और रिज़र्व बैंक द्वारा तय की गई एक निश्चित सीमा से ऊपर का प्रावधानिकरण ।

(छ) मुख्य अनुपालन अधिकारी - एक प्रभावी अनुपालन संस्कृति सुनिश्चित करने के लिए, एनबीएफसी में एक स्वतंत्र अनुपालन कार्य व्यवस्था और एक मजबूत अनुपालन जोखिम प्रबंधन ढांचा होना आवश्यक है। इसलिए एनबीएफसी को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) नियुक्त करना आवश्यक है, जो संगठन के पदानुक्रम में पर्याप्त रूप से वरिष्ठ होना चाहिए। एनबीएफसी संगठन में बेहतर अनुपालन संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीसीओ की भूमिका और जिम्मेदारियों को निर्धारित करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करेगी।

(ज) मुआवजा दिशानिर्देश – दोषपूर्ण नियोजित मुआवजा पैकेजों के कारण अत्यधिक जोखिम से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफसी एक बोर्ड अनुमोदित मुआवजा नीति लागू करेगी। इन दिशा-निर्देशों में कम से कम ए) पारिश्रमिक समिति का गठन, बी) निश्चित/परिवर्तनीय वेतन संरचनाओं के लिए सिद्धांत और सी) मालस/क्लाबैक प्रावधान शामिल होंगे । नामांकन और पारिश्रमिक समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हितों का टकराव न हो ।

(झ) अन्य अभिशासन मामले - एनबीएफसी निम्नलिखित का पालन करेंगे:

  1. बोर्ड विभिन्न समितियों (लेखा परीक्षा समिति, नामांकन और पारिश्रमिक समिति, जोखिम प्रबंधन समिति या किसी अन्य समिति) की भूमिका को चित्रित करेगा और समीक्षाओं का कैलेंडर निर्धारित करेगा ।

  2. एनबीएफसी निदेशकों और कर्मचारियों के लिए वास्तविक चिंताओं की रिपोर्ट करने के लिए एक व्हिसल ब्लोअर तंत्र तैयार करेगा।

  3. बोर्ड एनबीएफसी की सहायक कंपनियों में अच्छी कॉर्पोरेट गवर्नेंस प्रथाओं को सुनिश्चित करेगी।

(ञ) कोर बैंकिंग सॉल्यूशन - 10 और उससे अधिक शाखाओं वाले एनबीएफसी को कोर बैंकिंग सॉल्यूशन अपनाना अनिवार्य है। 01 अक्टूबर, 2022 से 3 वर्ष की समय सीमा प्रदान की जा रही है।

रिज़र्व बैंक द्वारा पैरा एफ, जी, एच, आई और जे में दिए गए दिशा-निर्देशों पर यथासमय विस्तृत परिपत्र जारी किए जाएंगे ।

एनबीएफसी-यूएल पर लागू एसबीआर के तहत अतिरिक्त विनियामकीय परिवर्तन

(ट) बोर्ड के सदस्यों की योग्यता - बोर्ड के सदस्य एनबीएफसी के मामलों का प्रबंधन करने में सक्षम होंगे। बोर्ड के गठन में बोर्ड के भीतर मिश्रित शैक्षणिक योग्यता और अनुभव सुनिश्चित किया जाना चाहिए । बोर्ड के सदस्यों की विशिष्ट विशेषज्ञता एनबीएफसी द्वारा अपनाई गई व्यवसाय के प्रकार के आधार पर एक शर्त होगी ।

(ठ) सूचीबद्ध करना और प्रकटन - एनबीएफसी-यूएल को एनबीएफसी-यूएल के रूप में पहचान के 3 साल के भीतर अनिवार्य रूप से सूचीबद्ध किया जाएगा। एनबीएफसी की बोर्ड अनुमोदित नीति के अनुसार, वास्तविक लिस्टिंग से पहले भी किसी सूचीबद्ध कंपनी पर लागू प्रकटीकरण आवश्यकताएं लागू की जाएंगी ।

(ड) स्वतंत्र निदेशकों को हटाना - किसी स्वतंत्र निदेशक को उनके सामान्य कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा दिये जाने / उनके द्वारा इस्तीफा दिये जाने पर एनबीएफसी-यूएल द्वारा पर्यवेक्षकों को रिपोर्ट करना होगा ।

3.3 टॉप लेयर के अंतर्गत एनबीएफसी के लिए विनियामकीय दिशानिर्देश - विनियामकीय संरचना की टॉप लेयर में आने वाली एनबीएफसी, अन्य बातों के साथ- उच्च पूंजी शुल्क के अधीन होंगे। ऐसी उच्च आवश्यकताओं को विशेष रूप से टॉप लेयर में इसके वर्गीकरण के समय एनबीएफसी को सूचित किया जाएगा। इन एनबीएफसी का पर्यवेक्षण अधिक विस्तृत और गहन तरीके से किया जाएगा।

खंड III

4. संक्रमण पथ

4.1 संक्रमण योजना - एक बार एनबीएफसी-यूएल के रूप में शामिल करने के लिए एनबीएफसी की पहचान हो जाने के बाद, एनबीएफसी को विनियमन विभाग, रिजर्व बैंक द्वारा इसके वर्गीकरण की सूचना दी जाएगी और इसे अपर लेयर पर लागू विनियमन के अंतर्गत रखा जाएगा । इस उद्देश्य के लिए, निम्नलिखित समय-सीमा का पालन किया जाएगा:

क) आरबीआई द्वारा एनबीएफसी-यूएल में शामिल किए जाने के संबंध में सूचना दिए जाने के 3 महीने के भीतर, एनबीएफसी संवर्धित विनियामकीय ढांचे को अपनाने के लिए एक बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करेगी और नए विनियमों के पालन के लिए एक कार्यान्वयन योजना तैयार करेगी।

ख) बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि रिजर्व बैंक से एनबीएफसी-यूएल के रूप में वर्गीकरण के संबंध में सूचना की तिथि से अधिकतम 24 महीने की समयावधि के भीतर एनबीएफसी-यूएल के लिए निर्धारित शर्तों का पालन किया जाए । संक्रमण की अवधि के दौरान, पर्यवेक्षी दृष्टिकोण से व्यवसाय को अंशांकित रूप में वृद्धि की अनुमति दी जा सकती है। कार्यान्वयन के लिए योजना को तैयार करने के लिए प्रदान की गई 3 महीने की अवधि को उपरोक्त वर्णित 24 महीने की समय-अवधि के भीतर समाहित किया जाएगा।

ग) वर्धित विनियामकीय आवश्यकता के कार्यान्वयन की दिशा में बोर्ड द्वारा अनुमोदित रोडमैप रिजर्व बैंक को प्रस्तुत किया जाएगा और यह पर्यवेक्षी समीक्षा के अधीन होगा।

4.2 एनबीएफसी का अपर लेयर में संक्रमण

(क) एक बार जब एनबीएफसी को एनबीएफसी-यूएल के रूप में वर्गीकृत कर दिया जाता है, तो लेयर में इसके वर्गीकरण से कम से कम पांच वर्ष की अवधि के लिए यह वर्धित विनियामकीय आवश्यकता के अधीन होगा, चाहे यह बाद के वर्ष/वर्षों में पैरामेट्रिक मानदंडों को पूरा नहीं करता है । दूसरे शब्दों में, यह वर्धित विनियामकीय ढांचे से केवल तभी बाहर जाने के लिए पात्र होगा जब यह लगातार पांच वर्षों तक वर्गीकरण के मानदंडों को पूरा नहीं करता है ।

(ख) हालांकि एनबीएफ़सी-यूएल पांच वर्ष की अवधि से पहले वर्धित विनियामकीय ढांचे से बाहर हो सकता है, यदि इस प्रकार बाहर जाना बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार परिचालन को पुनः समायोजित करने के लिए स्वैच्छिक रणनीतिक उपाय के रूप में है । यदि परिचालनों की कमी एनबीएफसी के लिए विशिष्ट प्रतिकूल स्थितियों और उसकी बिगड़ती वित्तीय स्थितियों के कारण होती है तो यह शर्त लागू नहीं होगी ।

(ग) ऐसे एनबीएफसी जो उन सभी मापदंडों और बेंचमार्कों को पूरा करने के करीब हैं, जो उन्हें एनपीएसी-यूएल के रूप में वर्गीकरण के लिए पात्रता प्रदान करती हों, किन्तु वे दीर्घकालिक आधार पर एनबीएफसी-एमएल के रूप में कार्य करना जारी रखना चाहते हैं और एनबीएफसी-यूएल में उन्नयित नहीं होना चाहते हैं तो उन्हें अपने परिचालन को समायोजित करने में सक्षम बनाने के लिए सूचित किया जाएगा ।

4.3 मूल्यांकन पद्धति की समीक्षा - एनबीएफसी-यूएल के मूल्यांकन के लिए कार्यप्रणाली की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

4.4 सरकारी स्वामित्व वाले एनबीएफसी का वर्गीकरण - दिनांक 31 मई, 2018 को सरकारी स्वामित्व वाली एनबीएफसी को दी गई छूटों की वापसी पर रिजर्व बैंक के परिपत्र के अनुसार, सरकार के स्वामित्व वाली एनबीएफसी न्यूनतम सीआरएआर प्राप्त करने के लिए अभी भी संक्रमण काल में हैं। इसलिए इन एनबीएफसी को इस समय अपर लेयर विनियामकीय ढांचे के अधीन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। अपर लेयर में निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले पात्र सरकारी एनबीएफसी को शामिल करने पर निर्णय बाद में लिया जाएगा और उस समय तक इनपर एनबीएफसी-एमएल के लिए लागू दिशा-निर्देश लागू होंगे।

4.5 ऐसे एनबीएफसी का विनियमन जो सार्वजनिक निधियों का लाभ नहीं उठा रहा है और जिनका ग्राहक इंटरफेस नहीं है – ऐसे एनबीएफसी जो सार्वजनिक निधियों का लाभ नहीं उठा रहे हैं और जिनका ग्राहक इंटरफेस नहीं है, वे एक अलग जोखिम प्रोफ़ाइल वाले है और इसलिए एक अलग विनियामकीय पद्धति के हकदार हैं। यह निर्णय लिया गया है कि रिजर्व बैंक ऐसे एनबीएफसी के लिए यथासमय अलग विनियमन लाएगा। इस अवधि तक मौजूदा विनियमन लागू होते रहेंगे ।


1 1 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश -गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 में यथापरिभाषित सार्वजनिक निधियाँ और ग्राहक इंटरफेस

2 यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मौजूदा एनबीएफसी-एनडी-एसआई जिनका आस्ति आकार 500 करोड़ रुपये और उससे अधिक है, लेकिन 1000 करोड़ रुपये से कम (मिडिल लेयर में अनिवार्य रूप से विशेषता वाले एनबीएफ़सी को छोड़कर) है को एनबीएफसी-बीएल के रूप में जाना जाएगा।

3 मास्टर निदेश – गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2017; मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - खाता संग्राहक (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2016; और 22 फरवरी, 2013 को निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लाइसेंस के लिए जारी दिशानिर्देश और अन्य संबंधित दिशानिर्देश जिनमें एनओएफएचसी पर निर्देश शामिल हैं।

4 यह स्पष्ट किया गया है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पंजीकृत एनबीएफसी के लिए एनओएफ आवश्यकता में कोई अंतर नहीं होगा।

5 विभिन्न श्रेणियों के लिए एनओएफ इस प्रकार हैं- आईडीएफ और आईएफसी - 300 करोड़ रुपये, एमजीसी- 100 करोड़, एचएफसी- 20 करोड़ रुपये, केवल मूल गतिविधियां संपादित करने वाली एसपीडी - 150 करोड़, गैर-मूल गतिविधियां संपादित करने वाली एसपीडी - 250 करोड़।

6 1 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 अनुलग्नक XIV के पैरा 3.6 में दी गई सूची के अनुसार संवेदनशील क्षेत्र एक्सपोजर

7 कोई भी आवास वित्त कंपनी स्वयं के उपयोग को छोड़कर अपने पूंजी कोष के बीस प्रतिशत से अधिक की राशि भूमि या भवनों के क्रय में निवेश नहीं करेगी।

8 सभी रूपों (दोनों निधि आधारित और गैर-निधि आधारित) में पूंजी बाजार में किसी आवास वित्त कंपनी का कुल एक्सपोजर पिछले वर्ष के 31 मार्च तक की उसकी निवल मालियत के 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

9 कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 (51) और समय-समय पर यथासंशोधित परिभाषा के अनुसार। परिभाषित किया गया है, जैसा कि किया गया है।


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