आरबीआई/2022-23/07
डीसीएम(एफएनवीडी) सं. जी–1/16.01.05/2022-23
01 अप्रैल, 2022
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
समस्त बैंक
महोदय / महोदया
मास्टर परिपत्र - जाली नोट पकड़ना तथा उन्हें जब्त करना
कृपया जाली नोट पकड़ने तथा उन्हें जब्त करने से संबंधित 01 अप्रैल 2021 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी – 1/16.01.05/2021-22 का संदर्भ लें, जिसमें 01 अप्रैल 2021 तक जारी अनुदेशों को समेकित किया गया था। इस मास्टर परिपत्र को अब तक जारी सभी अनुदेशों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया हैं और इसे बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध किया गया है।
इस मास्टर परिपत्र में उपरोक्त विषय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को समेकित किया गया हैं, जो इस परिपत्र की तारीख पर प्रचलन में हैं ।
भवदीय
(संजीव प्रकाश)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त
सूची
विषय – वस्तु
भारतीय रिज़र्व बैंक
मुद्रा प्रबंध विभाग
मास्टर परिपत्र – 2022-23
जाली नोटों की पहचान और जब्ती
1. जाली नोटों को जब्त करने का अधिकार
जाली नोट निम्नलिखित द्वारा जब्त किये जा सकते हैं :
-
सभी बैंकों द्वारा
-
भारतीय रिज़र्व बैंक के सभी निर्गम कार्यालय
2. जाली नोटों की पहचान
2.1 काउंटर पर प्रस्तुत किए गए बैंक नोटों को प्रामाणिकता के लिए मशीनों द्वारा परीक्षण किया जाएगा । इसी प्रकार से, बैक ऑफिस / मुद्रा तिजोरी में थोक निविदा के माध्यम से सीधे ही प्राप्त बैंक नोट मशीनों के माध्यम से प्रमाणीकृत किए जाएंगे ।
2.2 काउंटर पर प्राप्त नोटों में या बैक ऑफिस / मुद्रा तिजोरी में पाए गए जाली नोटों के लिए, ग्राहक के खाते में कोई क्रेडिट, यदि कोई है, नहीं दिया जाएगा ।
2.3 किसी भी स्थिति में, जाली नोटों को प्रस्तुतकर्ता को वापस नहीं लौटाया जाएगा अथवा बैंक शाखाओं द्वारा नष्ट नहीं किया जाएगा । बैंकों के स्तर पर पता लगाये गये जाली नोटों की जब्ती में असफलता को संबंधित बैंक की जाली नोटों के संचलन में इरादतन संलिप्तता मानी जाएगी और उन पर दण्ड लगाया जायेगा ।
3. जाली नोट जब्त करना
जाली नोट के रुप में वर्गीकृत नोटों पर निर्धारित (अनुलग्नक I) "जाली नोट" स्टैम्प से चिन्हित कर उन्हें जब्त किया जाएगा । इस प्रकार से जब्त प्रत्येक नोट का विवरण एक अलग रजिस्टर में प्रमाणीकरण के साथ अभिलिखित किया जाएगा ।
4. प्रस्तुतकर्ता को रसीद जारी करना
यदि बैंक शाखा के काउंटर / बैक ऑफिस तथा मुद्रा तिजोरी में प्रस्तुत बैंकनोट जाली पाये जाते हैं, तो उक्त पैरा 3 के अनुसार नोट पर स्टैम्प लगाने के पश्चात निविदाकर्ता को निर्धारित फार्म (अनुलग्नक II) के अनुसार प्राप्ति सूचना रसीद जारी की जानी चाहिए । उक्त रसीद चल रहे सिरीयल नंबरों में, खजांची और जमाकर्ता द्वारा प्रमाणित की जाएगी । आम जनता की जानकारी के लिए इस आशय का नोटिस कार्यालयों / शाखाओं मे प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा । जहां निविदाकर्ता संबंधित रसीद पर प्रतिहस्ताक्षर करने के लिए इच्छुक नहीं है, ऐसे मामलों में भी प्राप्ति सूचना रसीद जारी की जानी है ।
5. जाली नोटों की पहचान - पुलिस और अन्य निकायों को रिपोर्टिंग
पुलिस को जाली नोट का पता लगने की घटना की रिपोर्टिंग करते समय, निम्न प्रक्रिया का अनुपालन किया जाएगा :
5.1 एक ही लेन-देन में चार (04) पीसेस तक जाली नोटों की पहचान के मामलों में, नोडल अधिकारी द्वारा पुलिस प्राधिकरण या नोडल पुलिस स्टेशन को माह की समाप्ति पर संदिग्ध जाली नोटों के साथ निर्धारित फार्मेट (अनुलग्नक III) में एक समेकित रिपोर्ट भेजी जाएगी ।
5.2 एक ही लेन-देन में पाँच (05) या उससे अधिक पीसेस तक जाली नोटों की पहचान के मामलों में, नोडल बैंक अधिकारी द्वारा तुरंत वे जाली नोट, निर्धारित फार्मेट में (अनुलग्नक IV) एफआईआर दर्ज करते हुए जांच-पड़ताल के लिए स्थानीय पुलिस प्राधिकरण या नोडल पुलिस स्टेशन को अग्रेषित किये जाएंगे ।
5.3 मासिक समेकित रिपोर्ट/एफआईआर की एक प्रति बैंक के प्रधान कार्यालय में बनाये गये जाली नोट सतर्कता कक्ष को भेजी जाएगी ।
5.4 संबन्धित पुलिस प्राधिकारियों से उनको प्रेषित जाली नोट/टों (मासिक समेकित रिपोर्ट और एफआईआर दर्ज करने हेतु) की पावती प्राप्त की जानी चाहिए । यदि जाली नोट पुलिस को बीमाकृत डाक द्वारा भेजे गए हैं तो उनकी प्राप्ति सूचना अनिवार्य रूप से ली जायेगी और उन्हें रिकार्ड में रखा जाएगा । पुलिस प्राधिकरण से प्राप्ति सूचना प्राप्त करने के लिए उचित अनुवर्ती कार्रवाई आवश्यक है। यदि मासिक समेकित रिपोर्टों को प्राप्त करने/ एफआईआर दर्ज करने में पुलिस की अनिच्छा के कारण कार्यालयों / बैंक शाखाओं को किसी भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो उसका निपटान जाली नोटों की जांच से संबंधित मामलों की समन्वय हेतु नामित पुलिस प्राधिकरण के नोडल अधिकारी के परामर्श से किया जाये । नोडल पुलिस स्टेशन की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक के संबन्धित निर्गम कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं ।
5.5 जाली नोटों के परिचालन को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों की आसानी से पहचान करने के क्रम में, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे बैंकिंग हॉल / क्षेत्र तथा काउंटर को सीसीटीवी की निगरानी में रखें तथा रिकॉर्डिंग को उनकी आंतरिक नीति के अनुसार संरक्षित करके रखें।
5.6 बैंकों ऐसी पहचान के स्वरुप / प्रवृत्तियों पर निगरानी रखेंगे और संदिग्ध स्वरुप/प्रवृत्तियों को तत्काल भारतीय रिज़र्व बैंक / पुलिस प्राधिकारी के संज्ञान में लाएँगे ।
5.7 जाली नोटों की पहचान और उक्त की सूचना पुलिस ,आरबीआई, आदि को देने में बैंकों द्वारा की गई प्रगति और इसकी समस्याओं पर विभिन्न राज्य स्तरीय समितियाँ अर्थात राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी), मुद्रा प्रबंधन पर स्थायी समिति (एससीसीएम), राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति (एसएलएससी), आदि की बैठकों में नियमित रूप से विचार–विमर्श किया जाएगा ।
5.8 बैंक शाखाओं में पकड़े गए जाली भारतीय नोटों के आंकड़े, नीचे पैरा 10 में दर्शाए अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक के संबन्धित निर्गम कार्यालय को प्रेषित की जाने वाली मासिक विवरणियों में शामिल किये जाएंगे ।
5.9 भारतीय दंड संहिता में ''जाली बनाना'' की परिभाषा में विदेशी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी मुद्रा नोट भी शामिल हैं । पुलिस और सरकारी एजेंसियों से अभिमत / राय देने हेतु प्राप्त संदिग्ध विदेशी मुद्रा नोटों के मामलों में, उन्हें यह सूचित किया जाये कि वे उक्त नोटों को नई दिल्ली स्थित सीबीआई की इंटरपोल विंग के पास उनसे पूर्व परामर्श के पश्चात भेजेंगे ।
5.10 भारत सरकार ने विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यू.ए.पी.ए.), 1967 के तहत उच्च क्वालिटी कूटकृत भारतीय करेंसी के अपराधों का अन्वेषण नियम, 2013 बनाया है। अधिनियम की तीसरी अनुसूची उच्च क्वालिटी वाले जाली भारतीय मुद्रा नोट को परिभाषित करती है। उच्च क्वालिटी वाले जाली नोटों को तैयार करने, तस्करी, या परिसंचरण की गतिविधियों को यू.ए.पी.ए., 1967 के दायरे मे लाया गया है ।
6. काउंटरो से जारी करने, एटीएम मशीनों में भरने और भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालयों को विप्रेषण करने से पूर्व बैंकनोटों की जांच करना
6.1 बैंकों द्वारा अपना नकदी प्रबंधन कुछ इस प्रकार पुनर्निर्धारित किया जाएगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि रु. 100 और उससे अधिक मूल्य वर्ग बैंक नोटों को उन नोटों की मशीन प्रसंस्करण द्वारा प्रामाणिकता की जांच के बिना पुन: संचलन में नहीं डाला जाए । ये अनुदेश दैनिक नकदी प्राप्ति के परिमाण को ध्यान में लिए बगैर सभी शाखाओं पर लागू होंगे । इस अनुदेश के किसी भी गैर अनुपालन को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिनांक 19 नवंबर 2009 के अनुदेश सं. 3158/09.39.00 (नीति) 2009-10 का उल्लंघन माना जाएगा।
6.2 एटीएम मशीनों से जाली नोटों की प्राप्ति संबंधित शिकायतों का निपटान करने और जाली नोटों के संचलन पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह अत्यावश्यक है कि एटीएम मशीनों में नोटों को भरने से पूर्व पर्याप्त सुरक्षा उपायों / नियंत्रणों को लागू किया जाये । एटीएम मशीनों के माध्यम से जाली नोटों का वितरण, संबंधित बैंक द्वारा जाली नोटों के संचलन के लिये किया गया एक प्रयास माना जायेगा । दिनांक 07 मार्च 2019 के परिपत्र डीपीएसएस. सीओ.ओडी. सं. 1916/06.07.011/2018-19 के अनुसार यह व्हाईट लेबल एटीएम ओपरेटरों पर भी लागू होगा ।
6.3 मुद्रा तिजोरी विप्रेषणों / शेषों में जाली नोटों का पाये जाने को भी संबंधित मुद्रा तिजोरी द्वारा जान -बूझकर जाली नोटों के संचलन के लिये किया गया प्रयास माना जायेगा जिसके परिणामस्वरूप पुलिस प्राधिकरण द्वारा विशेष तहकीकात और अन्य कार्रवाई जैसे संबंधित मुद्रा तिजोरी के प्रचालनों को स्थगित करना की सकती है ।
6.4 निम्नलिखित परिस्थितियों में जाली नोटों के अनुमानित मूल्य की मात्रा तक हानि की वसूली के अतिरिक्त, जाली नोटों के अनुमानित मूल्य का 100% दंड लगाया जाएगा :
क) जब बैंक के गंदे नोटों के विप्रेषणों (रेमिटन्स) में जाली नोटों पाए जाते हैं ।
ख) यदि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निरीक्षण / लेखा परीक्षण के दौरान बैंक के मुद्रा तिजोरी शेष मे जाली नोट पाए जाते हैं ।
7. नोडल बैंक अधिकारी को नियुक्त करना
प्रत्येक बैंक जाली नोट का पता लगाने से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करने के लिए जिला-वार एक नोडल बैंक अधिकारी नामित करेगा और इसकी सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय और पुलिस अधिकारियों को देगा। जाली नोट की पहचान की रिपोर्टिंग के सभी मामले, जैसा कि पैरा 5 में दर्शाया गया है, नोडल बैंक अधिकारी के माध्यम से किए जाएंगे ।
8. बैंक के प्रधान कार्यालय में जाली नोट सतर्कता कक्ष की स्थापना
8.1 प्रत्येक बैंक निम्नलिखित कार्यों के निष्पादन हेतु अपने प्रधान कार्यालय में जाली नोट सतर्कता कक्ष स्थापित करे :
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जाली नोटों के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को बैंक की सभी शाखाओं में प्रचारित करना, इन अनुदेशों के कार्यान्वयन पर निगरानी रखना, वर्तमान अनुदेशों के अनुसार जाली नोटों की पहचान से संबंधित आंकड़े को समेकित करना और भारतीय रिज़र्व बैंक, वित्तीय अन्वेषण इकाई (एफआईयू–आईएनडी) तथा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को इसकी रिपोर्ट प्रेषित करना, पुलिस प्राधिकरण / निर्दिष्ट नोडल अधिकारी के साथ जाली नोटों के मामलों से संबंधित अनुवर्ती कार्रवाई करना।
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इस प्रकार से संकलित जानकारी को बैंको के केंद्रीय सर्तकता अधिकारी से साझा करना तथा उन्हें काउंटरों पर स्वीकृत / जारी किये गये जाली नोटों से संबंधित मामलों की रिपोर्ट देना ।
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ऐसी मुद्रा तिजोरियों, जहाँ कमी / दोषपूर्ण / जाली नोट आदि का पता लगा है, की आवधिक आकस्मिक जाँच करना ।
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सभी मुद्रा तिजोरियों / बैक आफिस में उपयुक्त क्षमता वाली नोट सॉर्टिग मशीनों के परिचालन को सुनिश्चित करना और जाली नोटों के पता लगाने पर सावधानी पूर्वक निगरानी करना और उक्त का उचित रूप से रिकार्ड रखना ।
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यह सुनिश्चित करना कि नोटों के प्रसंस्करण तथा पारगमन के समय आकस्मिक जांच सहित पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ केवल छांटे गये और मशीनों से जांचे गये नोट ही एटीएम मशीनों में डाले जायें / काउंटरों से जारी किये जायें ।
8.2 वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट, जाली नोट सतर्कता कक्ष उपरोक्त पहलुओं को शामिल करते हुए तिमाही आधार पर, संबंधित तिमाही की समाप्ति के पंद्रह दिनों के भीतर ई-मेल के माध्यम से मुख्य महाप्रबंधक, मुद्रा प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, अमर भवन, चौथी मंजिल, सर पी.एम.रोड, फोर्ट, मुंबई - 400001 को तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम विभाग जिसके क्षेत्राधिकार में जाली नोट सतर्कता कक्ष कार्यरत हैं, प्रेषित करें ।
8.3 जाली नोट सतर्कता कक्षों के पते को अद्यतन करने के उद्देश्य से बैंक प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को मुख्य महाप्रबंधक, मुद्रा प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को ई-मेल के माध्यम से निर्धारित प्रोफार्मा (अनुलग्नक V) में विवरण प्रस्तुत करेंगे ।
9. जाली नोटों का पता लगाने में सहायक उपकरणों का प्रावधान
9.1 जाली नोटों की पहचान सुगम बनाने के लिए सभी बैंक शाखाएँ /निर्दिष्ट बैंक कार्यालय, अल्ट्रा-वायलेट लैम्प / अन्य उपयुक्त नोट सॉर्टिंग / पहचान वाली मशीनों से सुसज्जित होंगे । इसके अतिरिक्त, सभी मुद्रा तिजोरी शाखाएँ सत्यापन, प्रसंस्करण और छँटनी करने वाली मशीनों से सुसज्जित होंगी और मशीनों का इष्टतम स्तर तक उपयोग करेंगी। ये मशीनें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित ''नोट सत्यापन और फिटनेस सॉर्टिंग मानदंडो'' के अनुरूप होनी चाहिए ।
9.2 बैंक, पहचान किये गये जाली नोटों सहित नोट छँटनी मशीनों के माध्यम से प्रसंस्कृत नोटों का दैनिक रिकार्ड रखेंगे ।
9.3 बैंक आम जनता के उपयोग हेतु काउंटर पर नोट गिनने वाली कम से कम एक मशीन (जिसमें दोनों तरफ संख्या प्रदर्शित करने की सुविधा हो) लगाने पर भी विचार करेंगे।
10. आरबीआई / एनसीआरबी / एफआईयू – आईएनडी को आँकड़ों की सूचना
10.1 सभी बैंक शाखाओं द्वारा
बैंक की सभी शाखाओं द्वारा पता लगाये गये जाली नोटों के आंकड़े मासिक आधार पर निर्धारित प्रारूप में सूचित करना आवश्यक है । माह के दौरान बैंक शाखाओं में पता लगाये गये जाली नोटों के ब्योरे दर्शाने वाली रिपोर्ट (अनुबंध VI) संकलित की जाए और भारतीय रिज़र्व बैंक के संबन्धित निर्गम कार्यालय को इस प्रकार प्रेषित की जाये कि वह आगामी माह की 7 तारीख तक उन्हें प्राप्त हो जाये । यदि माह के दौरान कोई भी जाली नोट नहीं पाया जाता है तो उस स्थिति में शून्य रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी ।
10.2 धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) संशोधन नियम, 2013 के नियम 8(1) के तहत, बैंकों के प्रधान अधिकारियों को भी ऐसे नकदी लेन देन, जहां जाली नोट पाए गए हैं, की सूचना की रिपोर्ट, आगामी माह की 15 तारीख तक एफआईयू-आईएनडी को FINnet पोर्टल पर सूचना अपलोड के माध्यम से की जाएगी । इसी प्रकार, जाली नोटों की पहचान के आंकड़े एनसीआरबी, नई दिल्ली की बेबसाईट पर वेब आधारित सॉफ्टवेयर पर भी अपलोड किए जाएंगे ।
11. पुलिस प्राधिकरण से प्राप्त जाली नोटों का परिरक्षण
11.1 पुलिस प्राधिकरण / न्यायालयों से पुन: प्राप्त सभी जाली नोटों को बैंक की अभिरक्षा में सावधानीपूर्वक परिरक्षित किया जाये और संबंधित शाखा द्वारा उक्त का रिकार्ड रखा जाये। बैंक के जाली नोट सतर्कता कक्ष को भी ऐसे जाली नोटों का शाखावार समेकित रिकार्ड रखेंगे।
11.2 इन जाली नोटों का सत्यापन संबंधित शाखा के प्रभारी अधिकारी द्वारा छमाही (31 मार्च और 30 सितंबर) आधार पर किया जाएगा । इन जाली नोटों को पुलिस प्राधिकरण से प्राप्ति की तिथि से तीन वर्ष की अवधि हेतु परिरक्षित किया जाएगा ।
11.3 जाली नोट जो न्यायालय में मुकदमेबाजी के अधीन हैं उन्हें न्यायालय के निर्णय के पश्चात संबंधित शाखा के पास तीन वर्ष तक परिरक्षित किया जाएगा ।
11.4 परिरक्षण अवधि के पश्चात, इस प्रकार के नोटों को मामले के पूर्ण विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के संबन्धित निर्गम कार्यालय को प्रेषित किया जाएगा ।
12. जाली नोटों का पता लगाना - स्टाफ प्रशिक्षण
12.1 यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि बैंकों में नकदी संव्यवहार करने वाला स्टाफ, बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं से पूर्ण रूप से परिचित हो ।
12.2 जाली नोट की पहचान के संबंध में बैंक -शाखा के कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से अनुबंध VII में दर्शाये गये बैंक नोटों की सुरक्षा विशेषताएँ तथा डिज़ाइन सभी बैंकों को इस निर्देश के साथ भेजे गये हैं कि वे इन्हें आम जनता के जानकारी के लिए प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करें । रू. 2000/-, रू.500/-, रू. 200/-, रू. 100/-, रू. 50/-, रू. 20/- तथा रू. 10/- के नए डिजाईन के बैंक नोट की सुरक्षा विशेषताओं का विवरण https://paisaboltahai.rbi.org.in लिंक पर उपलब्ध है।
12.3 नियंत्रक कार्यालय / प्रशिक्षण केंद्र नकदी का संचालन करने वाले सभी बैंक कार्मिकों के लिए वास्तविक भारतीय बैंक नोटों की सुरक्षा विशेषताओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे ताकि प्राप्ति के स्थान पर ही जाली नोटों का पता लगाया जा सके । इन प्रशिक्षणों में जाली नोटों का पता लगाना, उन्हें जब्त करना तथा उनकी रिपोर्टिंग करना शामिल है । जब भी आवश्यक होगा, भारतीय रिज़र्व बैंक संकाय सहायता और प्रशिक्षण सामग्री प्रदान करेगा ।
अनुलग्नक VIII
इस मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
क्रम संख्या |
परिपत्र संदर्भ संख्या |
दिनांक |
विषय |
मास्टर परिपत्र का पैरा |
1. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 16/16.01.01/2003-04 |
18.12.2003 |
एटीएम के माध्यम से जाली नोट जारी करना |
पैरा 6 |
2. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 31/16.01.01/2003-04 |
08.04.2004 |
जाली नोटों की पहचान – प्रस्तुतकर्ता को रसीद जारी करना |
पैरा 4 |
3. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 3/16.02.03/2004-05 |
06.07.2004 |
जाली नोटों की पहचान – रसीद जारी करना |
पैरा 4 |
4. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 23/16.01.01/2005-06 |
07.12.2005 |
एटीएम के माध्यम से जाली नोट जारी करना – जाली नोट सतर्कता कक्ष का गठन |
पैरा 6 तथा 8 |
5. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 37/16.08.08/2006-07 |
28.03.2006 |
बैंकों के एटीएम से निकले जाली नोटों की पहचान |
पैरा 6 तथा 8 |
6. |
डीसीएम एफएनवीडी जी 18/16.01.01/2006-07 |
01.06.2007 |
मुद्रा तिजोरी विप्रेषण में बैंकों से प्राप्त जाली नोटों की पहचान करना |
पैरा 6 |
7. |
डीसीएम (एफएनवीडी) सं. 9664/16.01.05/2009-10 |
30.06.2009 |
एफएनवी सेल द्वारा तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करना |
पैरा 2 तथा 3 |
8. |
डीसीएम सं डीआईआर. एनपीडी.3158/09.39.00/2009-10 |
19.11.2009 |
नोटों की छंटनी / प्रसंस्करण – नोट सॉर्टिंग मशीन की स्थापना |
पैरा 6 |
9. |
डीसीएम सं सीआईआर. एनपीडी.3161/09.39.00 (नीति)/ 2009-10 |
19.11.2009 |
नोटों की छंटनी / प्रसंस्करण – नोट सॉर्टिंग मशीन की स्थापना |
पैरा 9 |
10. |
डीसीएम आरएण्डडी सं. जी -26 /18.00.14/2009-10 |
11.05.2010 |
नोट सॉर्टिंग मशीन की स्थापना – नोटों की प्रामाणिकता तथा फिटनेस सॉर्टिंग के मानदण्ड |
पैरा 9 |
11. |
डीसीएम एफएनवीडी सं 502/16.01.05/2011-12 |
25.07.2011 |
जाली बैंक नोटों की पहचान करना – संशोधित प्रक्रिया |
पैरा 5 |
12. |
डीसीएम एफएनवीडी सं 5063/16.02.22/2011-12 |
09.05.2012 |
जाली नोटो की पहचान तथा रिपोर्टिंग हेतु प्रक्रिया – मौद्रिक नीति – 2012-13 |
पैरा 6 |
13. |
डीसीएम एफएनवीडी सं 2165/16.21.005/2012-13 |
16.11.2012 |
जाली नोटो की पहचान तथा रिपोर्टिंग– मौद्रिक नीति 2012-13 का दूसरी तिमाही समीक्षा |
पैरा 6 |
14. |
डीसीएम एफएनवीडी सं 776/16.01.05/2015-16 |
27.08.2015 |
जाली नोटों की पहचान – समीक्षा |
पैरा 2 |
15. |
डीसीएम एफएनवीडी सं 1134/16.01.05/2016-17 |
27.10.2016 |
जाली नोटों की पहचान तथा जब्ती |
पैरा 5 |
16. |
डीसीएम एफएनवीडी जी-7/16.01.05/17-18 |
15.01.2018 |
जाली नोटों की पहचान तथा जब्ती – एफआईआर दर्ज करना |
पैरा 5 |
17. |
डीपीएसएस.सीओ.ओडी सं. 1916/06.07.011/2018-19 |
07.03.2019 |
भारत में व्हाईट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) – दिशानिर्देशों की समीक्षा |
पैरा 6 |
|