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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित नियामक ढांचा – निवल मालियत और पूंजी पर्याप्तता

आरबीआई/2022-23/146
विवि.सीएपी.आरईसी.सं.86/09.18.201/2022-23

दिसंबर 1, 2022

महोदय / महोदया

शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित नियामक ढांचा – निवल मालियत और पूंजी पर्याप्तता

कृपया शहरी सहकारी बैंकों पर विशेषज्ञ समिति (दिनांक जुलाई 19, 2022 की प्रेस विज्ञप्ति : 2022-23/561) की सिफ़ारिशों और विनियामकीय उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों के वर्गीकरण – संशोधित विनियामकीय ढांचा पर दिनांक दिसंबर 1, 2022 के परिपत्र विवि.आरईजी.सं.84/07.01.000/2022-23 से निर्गत शहरी सहकारी बैंकों के लिए संशोधित नियामक ढांचे का संदर्भ लें। निवल मालियत और पूंजी पर्याप्तता से संबन्धित विस्तृत दिशानिर्देश नीचे प्रस्तुत है:

निवल मालियत

2. शहरी सहकारी बैंकों की न्यूनतम निवल मालियत निम्नानुसार होगी:

  • एक जिले में संचालित टियर 1 यूसीबी की रु.2 करोड़ की न्यूनतम निवल मालियत होगी।

  • अन्य सभी यूसीबी (सभी टियर के) की न्यूनतम रु.5 करोड़ की निवल मालियत होगी।

  • यूसीबी जो वर्तमान में उपर्युक्त के अनुसार न्यूनतम निवल मालियत संबंधी आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं, चरणबद्ध तरीके से रु. 2 करोड़ या रु. 5 करोड़ (जैसा लागू हो) की न्यूनतम निवल मालियत प्राप्त करेंगे। ऐसे यूसीबी मार्च 31, 2026 को या उससे पहले लागू न्यूनतम निवल मालियत का कम से कम 50 प्रतिशत और मार्च 31, 2028 को या उससे पहले पूरे निर्धारित न्यूनतम निवल मालियत प्राप्त करेंगे।

इन दिशा-निर्देशों के प्रयोजनार्थ “निवल मालियत” की गणना अनुबंध में दी गई है।

जोखिम भारित आस्ति अनुपात (सीआरएआर) के प्रति न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता

3. यूसीबी निम्नानुसार न्यूनतम सीआरएआर बनाए रखेंगे:

  • टियर 1 यूसीबी को अब तक की तरह, निरंतर आधार पर जोखिम भारित आस्तियों (आरडब्ल्यूए) के 9 प्रतिशत का न्यूनतम सीआरएआर बनाए रखना होगा।

  • टियर 2 से 4 यूसीबी को निरंतर आधार पर आरडब्ल्यूए के 12 प्रतिशत का न्यूनतम सीआरएआर बनाए रखना होगा।

  • टियर 2 से 4 में यूसीबी, जो वर्तमान में आरडब्ल्यूए के 12 प्रतिशत के संशोधित सीआरएआर को पूरा नहीं करते हैं, चरणबद्ध तरीके से इसे प्राप्त करेंगे। ऐसे यूसीबी को मार्च 31, 2024 तक कम से कम 10 प्रतिशत, मार्च 31, 2025 तक 11 प्रतिशत और मार्च 31, 2026 तक 12 प्रतिशत सीआरएआर हासिल करना होगा।

4. सीआरएआर की गणना पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक पर दिनांक अप्रैल 1, 2022 के मास्टर परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.2/09.18.201/2022-23, समय-समय पर संशोधित अनुसार, के पैरा 3 में निर्धारित अनुसार जारी रहेगी ।

पुनर्मूल्यांकन आरक्षित निधि

5. पुनर्मूल्यांकन आरक्षित निधि, जो बैंक की संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन के परिणामस्वरूप उसकी वहन राशि में परिवर्तन से उत्पन्न होती है, को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने के अधीन 55 प्रतिशत की छूट पर टियर 1 पूंजी के रूप में माना जा सकता है:

  • बैंक अपनी इच्छा से संपत्ति को आसानी से बेचने में सक्षम है और संपत्ति बेचने में कोई कानूनी बाधा नहीं है;

  • पुनर्मूल्यांकन आरक्षित निधि को बैलेंस शीट में "रिज़र्व फंड और अन्य आरक्षित निधि" के तहत अलग से प्रस्तुत / प्रकट किया जाता है;

  • लागू लेखांकन मानकों के अनुसार पुनर्मूल्यांकन यथार्थवादी हैं।

  • मूल्यांकन दो स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं से प्राप्त किया जाता है, कम से कम हर तीन साल में एक बार;

  • जहां संपत्ति का मूल्य किसी भी घटना से काफी हद तक गिर गया है, इन्हें तुरंत पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए और पूंजी पर्याप्तता गणनाओं में उचित रूप से शामिल किया जाना चाहिए;

  • बैंक के बाहरी लेखापरीक्षक(ओं) ने संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन पर सापेक्ष राय व्यक्त नहीं की हो;

  • दिनांक अप्रैल 8, 2022 के अग्रिमों का प्रबंधन - यूसीबी, समय-समय पर यथासंशोधित, पर मास्टर परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.सं.17/13.05.000/2022-23 के अनुबंध 1 (संपत्ति के मूल्यांकन पर दिशानिर्देश - मूल्यांककों का मनोनयन) में वर्णित संपत्तियों के मूल्यांकन और अन्य विशिष्ट आवश्यकताओं पर निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाता है।

6. पुनर्मूल्यांकन भंडार जो टियर 1 पूंजी के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं, वे टियर 2 पूंजी के रूप में भी योग्य नहीं होंगे। बैंक अपने विवेकानुसार टियर 1 पूंजी या टियर 2 पूंजी में पुनर्मूल्यांकन रिज़र्व की गणना करने का विकल्प चुन सकता है, बशर्ते ऊपर पैरा 5 में निर्दिष्ट सभी शर्तें पूरी हों।

प्रयोज्यता

7. यह परिपत्र सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों पर लागू हैं। ये निर्देश अप्रैल 1, 2023 से प्रभावी होंगे।

भवदीया

(उषा जानकीरामन)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

शहरी सहकारी बैंकों द्वारा निवल मालियत की गणना

क्रम सं. विवरण राशि
(करोड़ रुपये)
1 मतदान का अधिकार रखने वाले नियमित सदस्यों से एकत्रित प्रदत्त शेयर पूंजी  
2 बेमियादी गैर-संचयी वरीयता शेयर (पीएनसीपीएस)  
3 सहयोगी/नाममात्र सदस्यों से प्राप्त अंशदान, जहां उपनियम उन्हें शेयरों के आवंटन की अनुमति देते हैं और बशर्ते ऐसे शेयरों की निकासी पर प्रतिबंध हो, जैसा कि नियमित सदस्यों पर लागू होता है  
4 नाममात्र और सहयोगी सदस्यों से एकत्रित अंशदान / गैर-वापसी योग्य प्रवेश शुल्क, जो अलग से एक उपयुक्त शीर्ष के तहत 'रिज़र्व' के रूप में रखे जाते हैं, क्योंकि ये वापस नहीं किए जाते हैं  
5 पुनर्मूल्यांकन रिज़र्व को छोड़कर "बिल्डिंग फंड", कैपिटल रिज़र्व आदि सहित मुक्त रिज़र्व । फ्री रिज़र्व में वे सभी रिजडर्व/प्रावधान शामिल नहीं होंगे जो प्रत्याशित ऋण घाटे, धोखाधड़ी आदि के कारण होने वाले नुकसान, निवेश और अन्य संपत्तियों में मूल्यह्रास और अन्य बाहरी देनदारियों को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं।  
6 एएफएस और एचएफटी श्रेणियों में निवेश के निर्धारित 5% से अधिक में निवेश उतार-चढ़ाव रिज़र्व (आईएफआर)1  
7 लाभ और हानि खाते में क्रेडिट शेष, यदि कोई हो  
कटौतियाँ
8 लाभ और हानि खाते में डेबिट शेष, यदि कोई हो  
9 अन्य बातों के साथ-साथ आस्थगित कर आस्तियों (डीटीए) सहित सभी अमूर्त आस्तियां  

टिप्पणी:

1. टियर 1 पूंजी में शामिल बेमियादी ऋण लिखतों और टियर 2 पूंजी में शामिल ऋण पूंजी लिखतों के माध्यम से जुटाई गई निधियों को निवल मूल्य के हिस्से के रूप में नहीं गिना जाना चाहिए।

2. टियर 2 पूंजी में शामिल सतत संचयी वरीयता शेयर (पीसीपीएस), प्रतिदेय गैर-संचयी वरीयता शेयर (आरएनसीपीएस) और प्रतिदेय संचयी वरीयता शेयर (आरसीपीएस) को निवल मालियत के हिस्से के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

3. निवल मालियत की गणना में कोई सामान्य या विशिष्ट प्रावधान शामिल नहीं किया जाना चाहिए।


1 कृपया सहकारी बैंकों द्वारा निवेश उतार-चढ़ाव रिज़र्व (आईएफ़आर) के निर्माण पर जारी दिशानिर्देशों के लिए दिनांक जुलाई 6, 2018 के परिपत्र संख्या डीसीबीआर.बीपीडी.(पीसीबी/आरसीबी)परि.सं.1/16.20.000/2018-19 के साथ पठित दिनांक सितंबर 4, 2003 का परिपत्र संख्या शबैंवि.सं.बीपीडी.पीसीबी.परि.12/09.29.00/2003-04 देखें।

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