आरबीआई/2019-20/221
विवि.एएमएल.बीसी.सं.66/14.01.001/2019-2020
20 अप्रैल 2020
सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष /मुख्य कार्यकारी अधिकारी
महोदया/ महोदय,
विनियमित संस्थाओं द्वारा आंतरिक एमएल/टीएफ जोखिम आकलन - केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन
25 फरवरी 2016 को केवाईसी पर जारी मास्टर निदेश को एततद्वारा पीएमएल नियम 2005 के नियम 9 (13) के अनुरूप निम्नलिखित परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए अद्यतन किया गया है:
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केवाईसी पर मास्टर निदेश के अध्याय II में एक नई धारा (5क) जोड़ी गई है, जिसमें विनियमित संस्थाओं द्वारा समय-समय पर 'धनशोधन (एमएल) और आतंकवाद को वित्तपोषण (टीएफ) जोखिम आकलन अभ्यास करने की अपेक्षा की गई है, ताकि वे ग्राहकों, देशों या भौगोलिक क्षेत्रों, उत्पादों, सेवाओं, लेनदेन या वितरण चैनलों आदि में इसके धन शोधन और आतंकवाद को वित्त पोषण जोखिम की पहचान, आकलन और इसे कम करने के लिए प्रभावी उपाय कर सकें। एमएल/टीएफ जोखिम का आकलन करते समय, विनियमित संस्थाओं को समग्र क्षेत्र-विशेष की असुरक्षाओं, यदि कोई हो, का संज्ञान लेना आवश्यक है जिसे विनियामक/पर्यवेक्षक समय-समय पर विनियमित संस्था के साथ साझा कर सकते है। इसके अलावा विनियमित संस्था द्वारा किया गया आंतरिक जोखिम आकलन इसके आकार, भौगोलिक उपस्थिति, गतिविधियों/संरचना की जटिलता आदि के अनुरूप होना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, विनियमित संस्थाएं चिन्हित जोखिम को कम करने और प्रबंधन के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण (आरबीए) लागू करेंगी और इस संबंध में बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियां, नियंत्रण और प्रक्रियाएं होनी चाहिए।
2. उपरोक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यह नोट किया जाए कि विनियमित संस्थाओं द्वारा इस तरह का पहला आंतरिक जोखिम आकलन 30 जून 2020 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए और उसके बाद समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए।
भवदीय,
(डॉ एस के कर)
मुख्य महाप्रबंधक | |