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वित्तीय बाजार

सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

अधिसूचनाएं


वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019

आरबीआई/2018-19/221
एफएमआरडी.एफएमएसडी.17/03.07.035/2018-19

जून 26, 2019

प्रति
बाज़ार के सभी पात्र सहभागी

महोदय/महोदया

वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019

कृपया 5 अक्टूबर 2018 को जारी चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2018-19 में विकासात्मक और विनियामक नीतियों के वक्तव्य के पैराग्राफ-2 का अवलोकन करें, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि वित्तीय बेंचमार्क के लिए रिज़र्व बैंक एक नियामक व्यवस्था की शुरुआत करेगा, ताकि इसके द्वारा नियंत्रित बाजारों में बेंचमार्क प्रक्रियाओं के अभिशासन का सुधार किया जा सके।

2. जनसाधारण से अभिमत प्राप्त करने के लिए 15 फरवरी 2019 को प्रारूप-निदेशों को जारी किया गया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर इन निदेशों को अंतिम रूप दिया गया है। निदेश इसके साथ संलग्न हैं।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45ब के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में सक्षमकारी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इन निदेशों को जारी किया गया है।

भवदीय

(टी. रबि शंकर)
मुख्‍य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग
प्रथम तल, केन्‍द्रीय कार्यालय (मुख्‍य भवन), फोर्ट
मुम्‍बई 400 001

अधिसूचना सं. एफएमआरडी.एफएमएसडी.18/2019 दिनांक 26 जून 2019

वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे ‘रिज़र्व बैंक’ कहा गया है) ने लोक-हित में इसे जरूरी समझते हुए और देश की वित्‍तीय प्रणाली को लाभदायक रूप से नियंत्रित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 45प के साथ पठित धारा 45ब द्वारा प्रदत्‍त और इस संबंध में प्रदत्‍त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वित्‍तीय बेंचमार्क प्रशासकों के लिए निम्‍नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं।1

लघु शीर्षक और प्रवर्तन : इन निदेशों को वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019 कहा जाएगा और ये 26 जून, 2019 से लागू होंगे।

1. परिसीमा और अनुमेयता:

  1. रिज़र्व बैंक द्वारा अधिनियम की धारा 45ब के तहत नियंत्रित वित्तीय लिखतों हेतु बाजारों में ‘महत्त्वपूर्ण बेंचमार्को’ का संचालन करने वाले वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों (एफबीए) पर ये निदेश लागू होंगे।

  2. भारत से बाहर प्रशासित होने वाले बेंचमार्क इन निदेशों के दायरे में नहीं आते हैं।

2. परिभाषाएँ :

  1. ‘प्रशासन’ का आशय है किसी बेंचमार्क के सृजन और प्रसरण में निहित सभी संस्तर और प्रक्रियाएँ।

  2. ‘बेंचमार्क’ का आशय है वित्तीय लिखतों या किसी अन्य वित्तीय संविदा के कीमत निर्धारण अथवा मूल्यांकन हेतु संदर्भ के रूप में प्रयुक्त होने वाली वित्तीय लिखतों से संबद्ध कीमतें, दरें, सूचकांक या इन सभी का संमिश्रण जिनकी संगणना आवधिक रूप से की जाती है।

  3. ‘संगणनकर्ता एजेन्ट’ का आशय है ऐसा व्यक्ति जो वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक द्वारा निर्धारित प्रविधि के अनुसार बेंचमार्क की संगणना करता है।

  4. ‘वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक’ (एफबीए) का आशय ऐसे व्यक्ति से है जो विशिष्ट बेंचमार्क (र्कों) के सृजन, परिचालन और प्रशासन पर नियंत्रण करता है।

  5. ‘वित्तीय लिखत’ का आशय है ऐसी लिखतें जिनका संदर्भ अथवा विनिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45ब में दिया गया है।

  6. ‘प्रविधि’, में बेंचमार्कों के प्रयोजन से लिखित नियमों और क्रियाविधियों को शामिल किया गया है जिनके अनुसार जानकारी का संग्रह और बेंचमार्क का निर्धारण किया जाता है।

  7. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का आशय है इन निदेशों के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के रूप में अधिसूचित कोई भी बेंचमार्क।

  8. ‘प्रस्तुतकर्ता’ का आशय है कोई भी प्राकृतिक अथवा विधिक व्यक्ति जो बेंचमार्क निर्धारण हेतु इनपुट डाटा प्रदान करता है।

3. एफबीए को प्राधिकृत करना:

  1. घरेलू वित्तीय बाजारों में किसी बेंचमार्क के प्रयोग, सटीकता और सुसंगति को ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक उसे ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के रूप में अधिसूचित करेगा।

  2. किसी बेंचमार्क को ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के रूप में अधिसूचित करने पर बेंचमार्क का प्रशासन करने वाला व्यक्ति, अधिसूचना की तारीख से तीन माह की अवधि के भीतर, उस बेंचमार्क के संचालन को निरन्तर बनाए रखने का प्राधिकृतिकरण करने हेतु आवेदन करेगा।

  3. भारतीय रिज़र्व बैंक से इन निदेशों के तहत प्राधिकार प्राप्त किए बिना कोई भी एफबीए किसी ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का संचालन नहीं करेगा। लेकिन ऐसे एफबीए जो पहले ही से ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का संचालन कर रहे थे वे ऐसा तब तक करते रह सकेंगे, जब तक कि रिज़र्व बैंक उनके आवेदनों का निपटान नहीं कर देता है।

4. एफबीए के लिए पात्रता मानदंड:

  1. एफबीए को भारत में निगमित कम्पनी होना होगा।

  2. वित्तीय बेंचमार्क संचालकों को हर वक्त एक करोड़ रुपये की न्यूनतम निवल मालियत बरकरार रखनी होगी।

5. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संचालित करने का प्राधिकार प्रदान करना:

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के रूप में अधिसूचित बेंचमार्क के संचालक प्राधिकार प्राप्त करने के लिए मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियम व विभाग, प्रथम तल, मुख्य भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुम्बई-400001 को आवेदन करेंगे।

  2. रिज़र्व बैंक द्वारा ऐसे आवेदक से ऐसी कोई भी अतिरिक्त जानकारी अथवा स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जा सकता है, जो रिज़र्व बैंक के अभिमत से संगत है और आवेदक ऐसी अतिरिक्त जानकारी अथवा स्पष्टीकरण रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित समय के भीतर प्रस्तुत करेगा।

  3. रिज़र्व बैंक इस बारे में संतुष्ट हो जाने पर कि आवेदक द्वारा पात्रता मानदंडों को पूरा किया गया है, कोई ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ संचालित करने के लिए उसमें निर्दिष्ट निबंधनों और शर्तों के आधार पर प्राधिकार प्रदान कर सकता है।

6. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के संचालन हेतु प्राधिकृत एफबीए को निम्नलिखित निदेशों का अनुसरण करेंगे:

i. एफबीए अपने द्वारा संचालित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के संबंध में निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगे -

  1. बेंचमार्क संगणना पद्धति के लिए;

  2. बेंचमार्क मानों के निर्धारण हेतु;

  3. बेंचमार्क मानों के प्रसारण हेतु;

  4. बेंचमार्क संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु;

  5. बेंचमार्क की आवधिक समीक्षा हेतु; और,

  6. उक्त जिम्मेदारियों प्रभावी रूप से पूरा करने के लिए आवश्यक संगठनात्मक और प्रक्रिया नियंत्रणों की व्यवस्था है।

ii. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ : निरूपण, निर्धारण और समीक्षा -

a. एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संदर्भगत (निर्दिष्ट) वित्तीय लिखत का परिशुद्ध और विश्वसनीय रूप से अभिव्यक्त करने के लिए डिजाइन किया गया है।

b. एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त डेटा सक्रिय बाजार के निकटतम सौदों पर आधारित हैं। जहाँ ऐसे सौदे उपलब्ध नहीं हैं, तो बेंचमार्क का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त किसी भी डेटा, जानकारी या विशेषज्ञ निर्णय के लिए तर्क संगतता को रिकार्ड करेंगे।

c. एफबीए ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के निर्धारण हेतु डेटा इनपुट तारतम्यता और प्रयुक्त विशेषज्ञ निर्णय कार्रवाई से संबंधित क्रियाविधि को स्थापित और प्रकाशित करेंगे।

d. एफबीए अपने द्वारा संचालित किए जा रहे ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ की संगणना में प्रविधि को उदाहरण सहित प्रलेखबद्ध करेंगे, और इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। इस प्रलेख में कम-से-कम निम्नलिखित विवरणों को शामिल किया जाएगा:

  1. बेंचमार्क की संगणना हेतु इनपुट;

  2. इनपुट का स्रोत;

  3. इनपुट के स्रोतों के चयन हेतु आधार और तरीका;

  4. प्रयुक्त गणितीय सूत्रों सहित संगणना की पद्धति;

  5. ऐसे अवसर जब इस प्रविधि का अनुसरण नहीं किया जाता अथवा नहीं हो सकता है और ऐसे अपवादस्वरूप मामलों में बेंचमार्क की संगणना हेतु अपनाए जाने वाले विकल्प; और

  6. इस प्रविधि में निहित औचित्य और अपवादों का उपचार।

e. एफबीए इस पद्धति में यदि कोई संशोधन करने का निर्णय लेते हैं तो ऐसे संशोधनों को प्रभावी करने से कम-से-कम 15 दिन पहले अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। संशोधित की जाने वाली पद्धति के सभी पदों को इस घोषणा में प्रकट किया जाएगा और संशोधित पद्धति का स्पष्टीकरण उदाहरण सहित किए जाएगा।

f. बेंचमार्क संचालन प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर बाजार सहभागियों के साथ क्रियाकलापों हेतु एफबीए औपचारिक प्रक्रिया स्थापित करेंगे।

iii. संगठनात्मक और प्रक्रियात्मक नियंत्रण (निगरानी समिति की भूमिका) -

a. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं की नियमित समीक्षा हेतु FBAs समुचित निगरानी व्यवस्था विकसित करेंगे। निगरानी कार्य का निष्पादन ‘निगरानी समिति’ कही जाने वाली एक समिति द्वारा किया जाएगा, इस समिति की स्थापना खासतौर पर इसी कार्य को करने के लिए की जाएगी।

b. सदस्यों के चयन, चयन की प्रक्रियाओं, नामांकन, सदस्यों के निराकरण और प्रतिस्थापन और हित-संघर्षों की घोषणा सहित ‘निगरानी’ कार्य में निहित कार्यविधियों को प्रलेखबद्ध किया जाएगा और हिस्सेदारों को उपलब्ध कराया जाएगा, और

c. एफबीए को ऐसी नीति बनानी होगी जो यह सुनिश्चित करती हो कि निगरानी समिति में सभी प्रमुख हिस्सेदारों का उचित प्रतिनिधित्व है।

d. कोई भी व्यक्ति इस निगरानी समिति में पाँच साल से अधिक के लिए सदस्य नहीं रहेगा लेकिन वह कितनी भी बार सदस्य रह सकेगा।

e. निगरानी समिति की जिम्मेदारियों में कम-से-कम निम्नलिखित शामिल रहेंगे-

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ की पद्धति की आवधिक समीक्षा;

  2. जब कभी भी विद्यमान ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को प्रतिस्थापित, निष्प्रभावी या संशोधित किया जाता है तो नए बेंचमार्क की तरफ निर्बाध अंतरण कराना;

  3. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारक पद्धति में किसी भी परिवर्तन की समीक्षा और निगरानी और यह आकलन करना कि क्या परिवर्तित पद्धति बेंचमार्क द्वारा अभिव्यक्त किए जा रहे निहित चरांक समुचित रूप से प्रकट करती है।

  4. बेंचमार्क निर्धारण में शामिल किसी तृतीय पक्ष द्वारा किए गए क्रियाकलापों सहित ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के प्रबंधन और परिचालन की निगरानी करना।

  5. यह सुनिश्चित करना कि विशेषज्ञ निर्णय, यदि कोई है, का एफबीए द्वारा निर्धारित नीतियों के अनुसार पालन किया जाता है।

  6. लेखापरीक्षा रिपोर्टों में सिफारिश किए अनुसार उपचारात्मक कार्रवाइयों को क्रियान्वित करने पर ध्यान रखना।

f. योगदानकर्ता प्रतिष्ठानों (प्रस्तुतकर्ता) द्वारा योगदान के माध्यम से निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में ‘निगरानी’ समिति -

  1. एफबीए द्वारा जारी की गई आचार संहिता ((सन्दर्भ पैरा 6 iv (ई)) के संबंध में प्रस्तुतकर्ता द्वारा किए जा रहे अनुपालन की निगरानी करेगी और प्रस्तुतकर्ताओं द्वारा इस संहिता के उल्लंघन को ठीक कराने के लिए प्रभावी प्रणाली स्थापित करेगी। निगरानी समिति के निष्कर्षों को की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट सहित निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

  2. संभावित असंगत अथवा संदेहास्पद प्रस्तुतियों को पकड़ने के लिए नियमित समीक्षा करेगी और इसके पश्चात अनुसरण कार्रवाई आरंभ करेगी। इस प्रकार की प्रस्तुतियों और अनुसरण संबंधी कार्रवाई की रिपोर्ट निदेशक मंडल को दी जाएगी।

iv. आतंरिक नियंत्रण -

a. एफबीए द्वारा डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए डेटा संग्रहण, भंडारण, प्रोसेसिंग और प्रसरण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।

b. विद्यमान और संभावित हित संघर्षों के अभिनिर्धारण, प्रकटन, प्रबंधन, निवारण अथवा बचाव के लिए वित्तीय बेंचमार्क संचालकों द्वारा नीतियों, क्रियाविधियों और नियंत्रण व्यवस्था को प्रलेखबद्ध और कार्यान्वित किया जाएगा। ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया और संचालक अथवा इसकी किसी संबद्ध इकाई के किसी अन्य कारोबार के बीच हो सकने वाले हित संघर्ष पर ध्यान भी ये ही देंगे। हित संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए किए गए उपायों का विवरण देते हुए एक अलग प्रलेख एफबीए की वेबसाइट पर दिया जाएगा और इसी की एक प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक को भी दी जाएगी। इन नीतियों और क्रियाविधियों की एफबीए द्वारा आवधिक समीक्षा और नवीकृत किया जाएगा।

c. वित्तीय बेंचमार्क संचालक के भीतर भी रिपोर्टिंग लाइनों का समुचित संविभाजन रहेगा ताकि जिम्मेदारियों को परिभाषित और किसी भी हित संघर्ष से बचाव अथवा ऐसे हित संघर्षों की कल्पना को रोका जा सके।

d. प्रस्तुतियों के आधार पर निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में, एफबीए निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगेः

  1. यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रस्तुतकर्ता, एक समूह के रूप में, उन अन्तर्निहित चरांकों को समुचित रूप से प्रकट करता है जिनको बेंचमार्क प्रकट करना चाहता है।

  2. समुचित मानदंडों की एक प्रणाली स्थापित करेंगे ताकि प्रस्तुतकर्ता द्वारा प्रस्तुति-गाइडलाइनों का अनुपालन किया जाए, जैसा कि प्रस्तुतकर्ता आचार संहिता में परिभाषित है और प्रस्तुति के लिए संचालनकर्ता की गुणवत्ता और मानकों में बताया गया है।

  3. प्रस्तुतियों की प्रभावी निगरानी और संवीक्षा के लिए उपाय करेंगे।

e. प्रस्तुतिकर्ताओं हेतु आचार संहिता:

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ की संगणना हेतु इनपुट प्रस्तुतकर्ताओं के लिए वित्तीय बेंचमार्क संचालकों द्वारा आचार संहिता तैयार की जाएगी।

  2. इस संहिता में उन उपायों को शामिल किया जाएगा जो हित संघर्षों के उन्मूलन और परिचालन जोखिम को कम करने के लिए होंगे। इस संहिता में उन प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार को समाप्त किए जाने अथवा एफबीए द्वारा बैंचमार्क के समापन के कारण उत्पन्न अंतरण अवधि के दौरान प्रस्तुति के लिए होंगे।

f. सामान्य कारोबार के लिए आए व्यवधानों को दूर करने के लिए एफबीए को कारोबारी निरंतरता और आकस्मिकता क्रियाविधि योजना बनानी होगी।

g. अपनी नीतियों और साथ ही साथ रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों के अनुपालन का सत्यापन करन के लिए एफबीए द्वारा आवधिक लेखा परीक्षा की जाएगी।

h. बेंचमार्क संचालन की सम्पूर्ण प्रक्रिया का भी स्वतंत्र ऑडिट एफबीए करेंगे जिसमें इनपुट, संगणना प्रक्रिया और ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के मानों का आवधिक आधार पर ऑडिट शामिल होगा।

v. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ से सम्बद्ध कार्य की आउट सोर्सिंग -

  1. एफबीए पारदर्शी और लिखित नीतियां बनाएंगे जिसमें उन सभी एजेन्सियों की भूमिका और दायित्वों को निर्धारित किया जाएगा जिनसे संगणनकर्ता एजेन्ट अथवा कोई अन्य कार्य करने के लिए कार्य को आउटसोर्स किया जाता है, जिनसे बेंचमार्क के मान प्रभावित होते हैं, और उनके द्वारा नीतियों के अनुपालन की नियमित निगरानी करेंगे।

  2. आउटसोर्स किए गए कार्यों में निहित परिचालनगत जोखिमों का प्रबंध करने के लिए एफबीए समुचित आकस्मिकता योजनाएँ तैयार करेंगे।

  3. डेटा और संगणना प्रक्रिया पर एफबीए पर्याप्त अभिगम और नियंत्रण अपने हाथ में रखेंगे।

  4. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ संचालन से संबंधित जो भी कार्य एफबीए द्वारा किसी बाहरी प्रतिष्ठान से आउटसोर्स किए जाएंगे, उस प्रतिष्ठान के सभी कृत्य और अकृत्य के सभी कार्यों के लिए एफबीए ही जिम्मेदार होंगे।

vi. शिकायत प्रबंधन -

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ संचालन से संबंधित शिकायतों का निपटान करने के लिए एफबीए को औपचारिक व्यवस्था रखनी होगी।

  2. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया में किसी भी संभागित कदाचार अथवा अनियमितता को समय से पहले पकड़ने में सहायता के लिए एफबीए को प्रभावी ‘सचेतक’ व्यवस्था स्थापित करनी होगी।

vii. डेटा संरक्षण -

एफबीए के अपने अधिकार में ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ से संबंधित समस्त डेटा का संरक्षण इस प्रकार के डेटा की प्राप्ति / सृजन की तारीख से दस साल की अवधि के लिए करेंगे। उक्त समयावधि पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना किसी भी मुकदमे / विवाद / पंचनिर्णयन / न्यायनिर्णयन से संबंधित डेटा को मामले / मुकदमे / विवाद / पंचनिर्णयन / न्याय निर्णयन के अंतिम निर्णय के दो साल बाद तक संरक्षित रखा जाएगा।

viii. प्राधिकार प्रदान करते समय अथवा बाद में रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किसी भी अन्य निबंधन / शर्त का अनुपालन एफबीए करेंगे।

7. इन निदेशों के प्रावधानों से रियायत:

रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना अनिवार्य है, किसी एफबीए को सामान्यतया अथवा यथा-निर्दिष्ट समयावधि के लिए इन निदेशों के किसी अथवा सभी प्रावधानों से रियायत दे सकता है जिस पर ऐसी सभी निबंधन या शर्तें या परिसीमन या प्रतिबंध लागू होंगे जो इसके विचार में लोकहित अथवा देश की वित्तीय प्रणाली के लिए उचित हैं।

8. प्राधिकार का निरसन:

  1. किसी एक अथवा अधिक ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ का संचालन करने हेतु किसी एफबीए को प्रदत्त प्राधिकार को प्रतिकूल निष्कर्षों / अवलोकनों अथवा इन निदेशों के किसी भी प्रावधान अथवा प्राधिकृतिकरण की किसी भी शर्त के वास्तविक उल्लंघन के आधार पर रिज़र्व बैंक द्वारा प्रदत्त प्राधिकार का निरसन कर दिया जाएगा।

  2. प्राधिकार के निरसन पर एफबीए द्वारा ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के संचालन को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित रीति और समय सीमा के भीतर समाप्त कर दिया जाएगा। रिज़र्व बैंक यह निर्देश देगा कि वैकल्पिक व्यवस्था हो जाने तक एफबीए निर्दिष्ट तरीके से बेंचमार्क के संचालन को बरकरार रखे। इस मध्यावधि के दौरान एफबीए को तृतीय पक्ष से ऑडिट कराने सहित ऐसी बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत रखा जाएगा। जिसे रिज़र्व बैंक उचित समझता है।

9. संचालन का अंतरण अथवा समापन:

i. एफबीए जिसके पास ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को आरंभ करने अथवा संचालित करने का प्राधिकार पत्र हैं, अपने परिचालनों को रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से समाप्त कर सकता है और वह इस बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट शर्तों निबंधनों का अनुपालन करेगा।

ii. निम्नलिखित के बारे में एफबीए को लिखित नीति रखनी होगी:

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के परिसमापन हेतु आधार;

  2. इसके परिसमापन की क्रियाविधि;

  3. जब कभी भी किसी विद्यमान ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को प्रतिस्थापित किया जाता है तो नए बेंचमार्क की तरफ निर्बाध अंतरण को सक्षम बनाने की क्रिया पद्धति;

  4. परिसमापन के बारे में हिस्सेदारों के साथ परामर्श; और,

  5. वैकल्पिक अथवा समर्थक प्रावधान।

iii. उक्त में निहित किसी भी तथ्य के बावजूद रिज़र्व बैंक को एफबीए से अपेक्षित है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो जाने तक ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संचालित करना जारी रखे। इस मध्यावधि के दौरान एफबीए को तृतीय पक्ष से ऑडिट कराने सहित ऐसी बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत रखा जाएगा, जिसे रिज़र्व बैंक उचित समझता हो।

10. बेंचमार्क प्रकाशन:

एफबीए जारी किए जाने की तारीख को अथवा जारी किए जाने की तारीख से 15 दिन के भीतर ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ को प्रकाशित करेंगे।

11. रिपोर्टिंग:

वित्‍तीय बेंचमार्क प्रशासकों द्वारा रिज़र्व बैंक को निर्धारित डाटा और रिपोर्टें निर्धारित समय सीमा और निर्धारित प्रारूप में समय-समय पर बताए अनुसार प्रस्तुत किए जाएंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों / अनुदेशों के अनुपालन के बारे में एफबीए आवधिक विवरणी / रिपोर्ट समय-समय पर सूचित समयसीमा और निर्धारित प्रारूपों में प्रस्तुत करेंगे।


1 ये निदेश इन्टरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सिक्यूरिटीज कमीशन द्वारा जुलाई 2013 में जारी रिपोर्ट प्रिन्सिपल्‍स फॉर फिनान्शियल बेन्चमार्क और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 28 जून 2013 को गठित वित्तीय बेन्चमार्क समिति की रिपोर्ट में संस्तुत परिपाटियों पर आधारित हैं।

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