23 जून 2022
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं की आउटसोर्सिंग संबंधी मास्टर निदेश का मसौदा
विनियमित संस्थाएं (आरई) तीसरी पार्टियों पर बढ़ती निर्भरता के साथ अपने कारोबार, उत्पादों और सेवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी-सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) का व्यापक रूप से लाभ उठा रही हैं। तीसरी पार्टियों द्वारा प्रदान की गई आईटी / आईटीईएस पर इस तरह की निर्भरता से आरई के लिए विभिन्न जोखिम उत्पन्न होते हैं।
2. दिनांक 10 फरवरी 2022 के द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में यह घोषणा की गई थी कि आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचा, संबंधित सकेन्द्रण जोखिम का प्रबंधन, इसका आवधिक जोखिम मूल्यांकन और विदेशी सेवा प्रदाताओं से आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग संबंधी दिशानिर्देशों का मसौदा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा।
3. तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने हितधारकों और जनता की टिप्पणियों के लिए आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग संबंधी मास्टर निदेश का मसौदा जारी किया है।
4. आरई और अन्य हितधारकों द्वारा टिप्पणियां / फीडबैक 22 जुलाई 2022 तक, विषय के रूप में 'आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग संबंधी मास्टर निदेश पर फीडबैक’ लिखकर ईमेल के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती है। प्राप्त फीडबैक पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक द्वारा अंतिम मास्टर निदेश जारी किया जाएगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/413 |