11 मई 2020
गैर-सरकारी गैर-वित्तीय निजी लिमिटेड कंपनियों का वित्त, 2018-19: आंकड़े जारी
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाईट पर गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) निजी लिमिटेड कंपनियों के वर्ष 2018-19 के वित्त के आंकड़े (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_45) जारी किए, जो मार्च 2019 की समाप्ति को ऐसी कंपनियों की कुल चुकता पूंजी (पीयूसी) के 32.8 प्रतिशत के हिसाब से 2,29,312 कंपनियों के लेखा परीक्षित वार्षिक खातों पर आधारित है। तुलना की सुविधा के लिए 2016-17 से 2018-19 तक की तीन साल की अवधि के लिए आंकड़े प्रस्तुत किए गए है। व्याख्यात्मक नोट अंत में अनुलग्नक के रूप में दिए गए हैं।
विशेषताएँ
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2018-19 के दौरान बिक्री वृद्धि में पिछले वर्ष के 12.1 प्रतिशत से 12.3 प्रतिशत की मामूली तेजी दर्ज की गई (विवरण 1)
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2018-19 के दौरान प्रमुख क्षेत्रों में, विनिर्माण साथ ही साथ खनन और उत्खनन क्षेत्रों में बिक्री वृद्धि दर्ज की गई, जबकि निर्माण और सेवा क्षेत्र में इसमें कमी दर्ज की गई (विवरण 7)।
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कच्चे माल पर खर्च में वृद्धि, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र के कारण इनपुट लागत पर दबाव हो सकता है (विवरण 1 और 7)।
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बिक्री में अधिक वृद्धि के बावजूद, परिचालन और विनिर्माण खर्चों में बढ़ोतरी के कारण 2018-19 के दौरान क्षेत्र में परिचालन लाभ वृद्धि में कमी हुई (विवरण 1 और 7)।
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2018-19 में कंपनियों की कुल उधारी कम दर से बढ़ी (विवरण 1)।
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जैसा कि कंपनियों ने अपने कारोबार को वित्त करने के लिए ऋण की तुलना में इक्विटी का अधिक से अधिक सहारा लिया, वर्ष के दौरान उनके लीवरेज में गिरावट आई (विवरण 2)।
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मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र की कंपनियों के लाभ में कम वृद्धि के कारण कुल स्तर पर शुद्ध लाभ में कमी हुई (विवरण 1 और 7)।
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विनिर्माण क्षेत्र के नेतृत्व में 2018-19 के दौरान निर्यात की तीव्रता (बिक्री अनुपात के निर्यात के रूप में मापा गया) में सुधार हुआ (विवरण 2 और 8)।
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2018-19 के दौरान इन कंपनियों की सांकेतिक जीवीए वृद्धि पिछले वर्ष की 15.4 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 12.2 प्रतिशत पर रही। (विवरण 1 और 7)।
नोट: आकड़ों का प्राथमिक स्रोत कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए), भारत सरकार है।
अजीत प्रसाद
निदेशक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2345 |