2 मई 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-केंद्रीय समाशोधित डेरिवेटिवों
के लिए मार्जिन अपेक्षाओं पर चर्चा पत्र जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-केंद्रीय समाशोधित डेरिवेटिवों के लिए मार्जिन अपेक्षाओं पर चर्चा पत्र आज अपनी वेबसाइट पर डाला है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस दस्तावेज में निहित नीतिगत प्रस्तावों, विशेषकर इस पेपर में पूछे गए विशिष्ट प्रश्नों पर फीडबैक/अभिमत आमंत्रित किए हैं। इस दस्तावेज में निहित नीतिगत प्रस्तावों, विशेषकर इस पेपर में पूछे गए विशिष्ट प्रश्नों पर फीडबैक/अभिमत 3 जून 2016 तक निम्नलिखित पते पर भेजें (इलेक्ट्रॉनिक प्रस्तुति को बढ़ावा दिया जाता है) :
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
बैंकिंग विनियमन विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय
मुंबई-400 001
कृपया ई-मेल भेजने के लिए यहां क्लिक करें
डेरिवेटिव कारोबारी संस्थाओं और वित्तीय संस्थाओं के लिए एक अभिन्न जोखिम प्रबंध उपकरण है। तथापि, डेरिवेटिव बाजार अधिक और अस्पष्ट जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप प्रणालीगत जोखिम हो सकता है, विशेषकर जैसा ओवर द काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव बाजारों के संदर्भ में होता है। इन मुद्दों के आधार पर जी20 ने अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारक निकायों को कहा कि वे डेरिवेटिव बाजारों में सुधार करें जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि डेरिवेटिव बाजारों से उत्पन्न होने वाले प्रणालीगत जोखिम मुद्दे नियंत्रित हैं। एक महत्वपूर्ण सुधार क्षेत्र गैर-केंद्रीय समाशोधित डेरिवेटिवों के लिए आरंभिक और भिन्नता मार्जिन के विनिमय की आवश्यकता रहा है। यह चर्चा पत्र भारत में गैर-केंद्रीय डेरिवेटिवों के लिए मार्जिन अपेक्षाओं के कार्यान्वयन पर प्रस्ताव प्रस्तुत करता है। प्राप्त अभिमतों/सुझावों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक अपेक्षाओं को अंतिम रूप देगा जिन्हें सितंबर 2016 से एक चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2016-17 में उल्लेख किया गया था कि गैर-केंद्रीय समाशोधित डेरिवेटिवों के लिए मार्जिन अपेक्षाओं के कार्यान्वयन के लिए रिज़र्व बैंक के दृष्टिकोण को रेखांकित करने वाला परामर्श पत्र अप्रैल 2016 के अंत तक जारी किया जाएगा।
अनिरूद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2551 |