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प्रेस प्रकाशनी

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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई - अतिरिक्त कदम

23 फरवरी 2024

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध
कार्रवाई - अतिरिक्त कदम

भारतीय रिज़र्व बैंक ने, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, दिनांक 11 मार्च 2022, 31 जनवरी और 16 फरवरी 2024 की प्रेस प्रकाशनियों के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कतिपय कारोबारी प्रतिबंध लगाए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक से बैंकिंग सेवाओं का लाभ लेने वाले ग्राहकों, वॉलेट धारकों और व्यापारियों के लाभ हेतु 16 फरवरी 2024 को एफ़एक्यू का एक सेट भी जारी किया था

2. चूंकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक 15 मार्च 2024 के बाद अपने ग्राहक खातों और वॉलेट में और क्रेडिट स्वीकार नहीं कर सकता है, अतएव (i) पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा संचालित '@paytm' हैंडल का उपयोग करके यूपीआई ग्राहकों द्वारा निर्बाध डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करने, और (ii) बहु भुगतान ऐप प्रदाताओं के माध्यम से यूपीआई प्रणाली में संकेंद्रण जोखिम को कम करने हेतु कतिपय अतिरिक्त कदम उठाना आवश्यक हो गया है। अतिरिक्त कदम निम्नानुसार हैं:

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को सूचित किया गया है कि वह, मानदंडों के अनुसार, पेटीएम ऐप के निरंतर यूपीआई परिचालन हेतु यूपीआई चैनल के लिए अन्य पक्षकार एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) बनने के वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड (ओसीएल) के अनुरोध की जांच करें।

  2. आगे यह सूचित किया गया है कि एनपीसीआई द्वारा ओसीएल को टीपीएपी का दर्जा देने की स्थिति में, यह निर्धारित किया जा सकता है कि '@paytm' हैंडल को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से नए पहचाने गए बैंकों के समूह में निर्बाध तरीके से माइग्रेट किया जाना चाहिए ताकि किसी भी व्यवधान से बचा जा सके। उक्त टीपीएपी द्वारा कोई नया उपयोगकर्ता तब तक नहीं जोड़ा जाएगा जब तक कि सभी मौजूदा उपयोगकर्ता संतोषजनक ढंग से एक नए हैंडल पर माइग्रेट न हो जाएं।

  3. अन्य बैंकों में '@paytm' हैंडल के निर्बाध माइग्रेशन के लिए, एनपीसीआई उच्च मात्रा वाले यूपीआई लेनदेन को संसाधित करने की प्रदर्शित क्षमताओं वाले भुगतान सेवा प्रदाता (पीएसपी) बैंकों के रूप में 4-5 बैंकों के प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान कर सकता है। यह संकेंद्रण जोखिम1 को कम करने के लिए एनपीसीआई मानदंडों के अनुरूप है।

  4. पेटीएम क्यूआर कोड का उपयोग करने वाले व्यापारियों के लिए, ओसीएल एक या अधिक पीएसपी बैंकों (पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अलावा) के साथ निपटान खाते खोल सकता है।

3. इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया जाता है कि:

  1. ऊपर दिए गए यूपीआई हैंडल का माइग्रेशन केवल ऐसे ग्राहकों और व्यापारियों पर लागू है जिनके पास '@Paytm' यूपीआई हैंडल है। अन्य लोगों के लिए जिनके पास '@Paytm' के अलावा कोई अन्य यूपीआई एड्रेस या हैंडल है, उन्हें कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है।

  2. इसी तरह, जिन ग्राहकों का अंतर्निहित खाता/ वॉलेट वर्तमान में पेटीएम पेमेंट्स बैंक में है, उन्हें 15 मार्च 2024 से पहले अन्य बैंकों के साथ वैकल्पिक व्यवस्था करने हेतु सूचित किया जाता है, जैसा कि 16 फरवरी 2024 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एफएक्यू में पहले ही सूचित किया जा चुका है।

4. यह दोहराया जाता है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) धारक किसी भी असुविधा से बचने के लिए 15 मार्च 2024 से पहले वैकल्पिक व्यवस्था कर लें।

5. उपरोक्त सभी कार्रवाइयां ग्राहकों और भुगतान प्रणाली को किसी भी संभावित व्यवधान से बचाने के एकमात्र हित में की जाती हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विरुद्ध की गई विनियामक या पर्यवेक्षी कार्रवाइयों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1926


1 एनपीसीआई के दिनांक 2 मार्च, 2020 के परिपत्र NPCI/UPI/OC-81/2019-20 के संदर्भ में, बड़े टीपीएपी अनिवार्य रूप से केवल मल्टीबैंक मॉडल के माध्यम से यूपीआई में भाग लेंगे।


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