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प्रेस प्रकाशनी

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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई

16 फरवरी 2024

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 11 मार्च 2022 और 31 जनवरी 2024 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) पर कुछ कारोबारी प्रतिबंध लगाए थे।

2. पीपीबीएल के ग्राहकों (व्यापारियों सहित), जिन्हें किसी अन्य व्यवस्था के लिए थोड़े और समय की आवश्यकता हो सकती है, के हित को ध्यान में रखते हुए और व्यापक सार्वजनिक हित में, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 31 जनवरी 2024 के पूर्ववर्ती निदेशों में आंशिक संशोधन के साथ बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निम्नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं:

  1. 15 मार्च 2024 (29 फरवरी 2024 की पूर्व निर्धारित समय-सीमा से बढ़ा दिया गया) के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड लिखत, वॉलेट, फास्टैग, नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में, किसी भी ब्याज, कैशबैक, सहभागी बैंकों से स्वीप इन या रिफंड, जो कभी भी जमा किया जा सकता है, को छोड़कर, किसी अन्य जमाराशि या क्रेडिट लेनदेन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी।

  2. इसके ग्राहकों द्वारा बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड लिखत, फास्टैग, नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति उनकी उपलब्ध शेष राशि तक बिना किसी प्रतिबंध के जारी रहेगी (कोई परिवर्तन नहीं)।

  3. 15 मार्च 2024 (29 फरवरी 2024 की पूर्व निर्धारित समय-सीमा से बढ़ा दिया गया) के बाद ऊपर (ii) में उल्लिखित सेवाओं के अलावा कोई भी बैंकिंग सेवा, जैसे निधि अंतरण (एईपीएस, आईएमपीएस आदि जैसी सेवाओं के नाम और प्रकृति पर विचार किए बिना), बीबीपीओयू और यूपीआई सुविधा बैंक द्वारा प्रदान नहीं की जाएगी। हालाँकि, उपरोक्त (ii) (अर्थात्, ग्राहकों या वॉलेट धारकों द्वारा उपलब्ध शेष राशि की निकासी या उपयोग के लिए) के प्रयोजन हेतु, एईपीएस, आईएमपीएस और यूपीआई सहित ऐसे निधि अंतरण की अनुमति किसी भी समय दी जा सकती है।

  4. पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड द्वारा अनुरक्षित वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के नोडल खातों का यथाशीघ्र, किसी भी स्थिति में 29 फरवरी 2024 से पहले (कोई परिवर्तन नहीं), समापन किया जाए।

  5. उपरोक्त मद (iv) में निर्दिष्ट नोडल खातों में सभी प्रक्रियाधीन लेनदेन (29 फरवरी 2024 को या उससे पहले शुरू किए गए सभी लेनदेन के संबंध में) का निपटान 15 मार्च 2024 तक पूरा किया जाए और उसके बाद किसी भी अन्य लेनदेन की अनुमति नहीं दी जाएगी (कोई परिवर्तन नहीं)।

3. यह निदेश भी दिया जाता है कि बैंक द्वारा उन खातों को छोड़कर, जो कानून प्रवर्तन या न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा अवरोधित या धारणाधिकार के रूप में चिह्नित किए गए हैं, सभी खातों और वॉलेट से उनकी उपलब्ध शेषराशि तक आहरण की सुविधा प्रदान की जाए।

4. इसके अलावा, यह निदेशित किया गया है कि बैंक स्वचालित 'स्वीप-इन स्वीप-आउट' सुविधा के अंतर्गत सहभागी बैंकों के पास जमाराशि के निर्बाध आहरण की सुविधा ऐसे ग्राहकों को बिना किसी असुविधा के प्रदान करेगा।

5. पीपीबीएल के ग्राहकों और आम जनता की सुविधा के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची भी इसके साथ जारी की जाती है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1895


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