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भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली में प्रभार पर चर्चा पत्र जारी किया

17 अगस्त 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली में प्रभार पर चर्चा पत्र जारी किया

8 दिसंबर 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज जनता के फीडबैक के लिए "भुगतान प्रणालियों में प्रभार" पर एक चर्चा पत्र जारी किया है। पूछे गए प्रश्नों के संबंध में फीडबैक, अन्य प्रासंगिक सुझावों सहित, ईमेल के माध्यम से 3 अक्तूबर 2022 को या उससे पूर्व भेजा जा सकता है।

2. भुगतान प्रणाली में आरबीआई की पहल का केंद्र- बिन्दु (फोकस) प्रणालीगत, प्रक्रियात्मक या राजस्व संबंधी मुद्दों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करना है। यद्यपि भुगतान लेनदेन शृंखला में कई मध्यवर्ती संस्थाएं हैं, उपभोक्ता शिकायतें आम तौर पर उच्च और गैर-पारदर्शी प्रभार के बारे में होती हैं। भुगतान सेवाओं के लिए प्रभार उपयोगकर्ताओं के लिए उचित और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से निर्धारित होना चाहिए, जबकि मध्यवर्ती संस्थाओं को इष्टतम राजस्व भी प्राप्त होना चाहिए। इस संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए, विभिन्न आयामों को रेखांकित करके और हितधारकों से फीडबैक प्राप्त करके भुगतान प्रणालियों में प्रभारित विभिन्न शुल्कों की व्यापक समीक्षा करना उपयोगी माना गया।

3. इस चर्चा पत्र में भुगतान प्रणाली [यथा तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) प्रणाली, तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई)] और विभिन्न भुगतान साधन [यथा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड भुगतान लिखतें (पीपीआई)], आदि में प्रभार से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। प्राप्त फीडबैक का उपयोग नीतियों और मध्यक्षेप कार्यनीतियों को निर्देशित करने के लिए किया जाएगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/719


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