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अधिसूचनाएं

केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन

आरबीआई/2024-25/87
विवि.एएमएल.आरईसी.49/14.01.001/2024-25

06 नवंबर 2024

सभी विनियमित संस्थाएं

महोदय/महोदया,

केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन

कृपया समय-समय पर संशोधित दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) को अपने ग्राहकों के लिए, इसमें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राहक समुचित सावधानी (सीडीडी) प्रक्रिया को अपनाना है।

2. समीक्षा करने पर, केवाईसी पर मास्टर निदेश में संशोधन किया गया है ताकि (ए) निदेशों को धन शोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 में राजपत्र अधिसूचना दिनांक 19 जुलाई 2024 के अनुसार हाल ही में किए गए संशोधनों के साथ संरेखित किया जा सके, (बी) ‘वि‍धि-‍वि‍रुद्ध क्रि‍याकलाप (निवारण) (यूएपीए) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए के कार्यान्वयन की प्रक्रिया' पर दिनांक 02 फरवरी 2021 के आदेश में भारत सरकार द्वारा जारी दिनांक 22 अप्रैल 2024 के शुद्धिपत्र के संदर्भ में निदेशों को शामिल किया जा सके, और (सी) कुछ मौजूदा निदेशों को संशोधित किया जा सके। मास्टर निदेश में किए गए परिवर्तन अनुबंध में दिए गए हैं। मास्टर निदेश में संशोधित प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

भवदीया,

(वीणा श्रीवास्तव)
मुख्य महाप्रबंधक


अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर मास्टर निदेश में संशोधन पर दिनांक 06 नवंबर 2024 के परिपत्र संख्या विवि.एएमएल.आरईसी. 49/14.01.001/2024-25 का अनुबंध

अनुबंध

I. पैराग्राफ 10 – ग्राहक स्वीकार्यता नीति

मास्टर निदेश के भाग 10(एफ) को संशोधित कर इस प्रकार पढ़ा जाएगा: विनियमित संस्थाओं द्वारा यूसीआईसी स्तर पर सीडीडी प्रक्रिया लागू की जाएंगी। इसलिए, आरई का वर्तमानत: केवाईसी अनुपालित एक ग्राहक यदि उसी आरई के अधीन कोई अन्य खाता खोलना चाहता है अथवा उसी आरई से कोई अन्य उत्पाद या सेवा प्राप्त करना चाहता है, तो जहां तक ​​ग्राहक की पहचान का सवाल है, नए सीडीडी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी।

II. पैराग्राफ 37

यह ‘स्पष्टीकरण’’ कि “उच्च जोखिम वाले खातों की सघन निगरानी की जानी चाहिए” अनुच्छेद 37 के उप-पैराग्राफ (ए) और (बी) पर लागू है और तदनुसार, ‘स्पष्टीकरण’ को स्थानांतरित किया गया है।

III. पैराग्राफ 38 - केवाईसी का अद्यतन/आवधिक अद्यतनीकरण

बेहतर स्पष्टता प्रदान करने के लिए पैराग्राफ 38 के उप-पैराग्राफ (ए) के खंड (ii) और (iv); और उप-पैराग्राफ (सी) के खंड (iii) और (iv) में 'अद्यतन' वाक्यांश को 'आवधिक अद्यतनीकरण' वाक्यांश के साथ जोड़ा है।

IV. पैराग्राफ 56 - सीडीडी प्रक्रिया और केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) के साथ केवाईसी जानकारी साझा करना

मास्टर निदेश की धारा 56(एच) को संशोधित कर इस प्रकार पढ़ा जाएगा:

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी मौजूदा केवाईसी रिकॉर्ड सीकेवाईसीआर पर वृद्धिशील रूप से अपलोड किए जा रहे हैं, आरई उपर्युक्त क्रमशः खंड (ई) और (एफ) में बताई गई तारीख से पहले खोले गए व्यक्तिगत खातों और एलई खातों के मामले में, इस मास्टर निदेश की पैराग्राफ 38 में निर्दिष्ट किए गए अनुसार, आवधिक अद्यतनीकरण प्रक्रिया के दौरान केवाईसी रिकॉर्ड सीकेवाईसीआर पर अपलोड/ अद्यतन करेंगे, या फिर कतिपय मामलों में इससे पहले भी, जब भी ग्राहक से केवाईसी सूचना ली जाती/ प्राप्त की जाती है। इसके अलावा, जब भी आरई इस पैराग्राफ में नीचे दिए गए खंड (जे) या पीएमएल नियमों के नियम 9 (1 सी) के अनुसार किसी भी ग्राहक से अतिरिक्त या अद्यतन जानकारी प्राप्त करता है, तो आरई सात दिनों के भीतर या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अवधि के भीतर, सीकेवाईसीआर को अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करेगा, जो सीकेवाईसीआर में मौजूदा ग्राहक के मौजूदा केवाईसी रिकॉर्ड को अपडेट करेगा। इसके बाद सीकेवाईसीआर अपने सभी रिपोर्टिंग निकायों, जिन्होंने संबंधित ग्राहक के साथ व्यवहार किया है, को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उक्त ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड के अद्यतन के बारे में सूचित करेगा। एक बार जब सीकेवाईसीआर किसी मौजूदा ग्राहक के केवाईसी रिकॉर्ड में अपडेट के बारे में आरई को सूचित करता है, तो आरई सीकेवाईसीआर से अपडेट किए गए केवाईसी रिकॉर्ड को पुनः प्राप्त करेगा और आरई द्वारा बनाए गए केवाईसी रिकॉर्ड को अपडेट करेगा।

मास्टर निदेश के पैराग्राफ 56(जे) को संशोधित कर इस प्रकार पढ़ा जाएगा:

खाता आधारित संबंध स्थापित करने, अद्यतन/आवधिक अद्यतनीकरण अथवा ग्राहक की पहचान के सत्यापन के प्रयोजन के लिए, आरई ग्राहक से केवाईसी पहचानकर्ता मांगेगा अथवा केवाईसी पहचानकर्ता, यदि उपलब्ध हो, सीकेवाईसीआर से प्राप्त करेगा और ऐसे केवाईसी पहचानकर्ता का उपयोग करके ऑनलाइन केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त करेगाऔर ग्राहक से वही केवाईसी रिकॉर्ड अथवा जानकारी या कोई अन्य अतिरिक्त पहचान दस्तावेज अथवा विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, जब तक कि-

  1. सीकेवाईसीआर के रिकार्ड में मौजूद ग्राहक की सूचना में कोई परिवर्तन हुआ है; अथवा

  2. केवाईसी रिकॉर्ड अथवा प्राप्त की गई जानकारी अधूरी है अथवा वर्तमान लागू केवाईसी मानदंडों के अनुसार नहीं है; अथवा

  3. डाउनलोड किए गए दस्तावेजों की वैधता अवधि समाप्त हो गई है; अथवा

  4. आरई ग्राहक की पहचान अथवा पता (वर्तमान पते सहित) का सत्यापन अथवा संवर्धित समुचित सावधानी बरतना अथवा ग्राहक की उचित जोखिम प्रोफाइल बनाने आवश्यक समझता हो।

V. केवाईसी पर एमडी का अनुबंध II

भारत सरकार द्वारा दिनांक 02 फरवरी 2021 के ‘वि‍धि-‍वि‍रुद्ध क्रि‍याकलाप (नि‍वारण) (यूएपीए) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए के कार्यान्वयन की प्रक्रिया’ के संबंध आदेश पर जारी दिनांक 22 अप्रैल 2024 के शुद्धिपत्र के आधार पर, यूएपीए के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी का पदनाम “अपर सचिव” से बदलकर “संयुक्त सचिव” कर दिया गया है।

VI. मास्टर निदेश के प्रावधानों को अब से 'धारा' के स्थान पर 'पैराग्राफ' पढ़ा जाए। केवाईसी पर मास्टर निदेश में 'अनुभाग' के सभी आंतरिक प्रति संदर्भ (क्रॉस-रेफरेंस) को 'पैराग्राफ' पढ़ा जाना चाहिए।


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