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अधिसूचनाएं

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस), 2015

आरबीआई/2022-23/100
विवि.एयूटी.आरईसी.58/23.67.001/2022-23

04 अगस्त 2022

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया / महोदय

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस), 2015

बैंकिंग विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तुरंत प्रभाव से भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) से संबन्धित दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के मास्टर निदेश सं.डीबीआर.आईबीडी. सं.45/23.67.003/2015-16 में निम्न संशोधन किए जाते हैं।

2. वर्तमान उप-पैरा 2.2.2(v) हटा दिया गया है (मौजूदा उप-पैरा 2.2.2 (vi) से 2.2.2 (viii) को तदनुसार पुन: क्रमांकित किया गया है) और संबंधित प्रावधानों को उप-पैरा 2.4.i.(क) और 2.4.i.(ख) में उचित रूप से शामिल किया गया है।

3. उप-पैरा 2.2.2.(vii) को निम्नानुसार संशोधित किया गया है:

“केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 5 नवंबर 2016 से नामित बैंकों को, अगली नोटिस प्राप्त होने तक, नए एमएलटीजीडी के लिए योजना के तहत जुटाए गए सोने की राशि के समकक्ष भारतीय रुपए के 1.5% की समान दर पर हैंडलिंग शुल्क (सोने की शुद्धता परीक्षण, शोधन, परिवहन, भंडारण और किसी भी अन्य प्रासंगिक लागत सहित) और 1% की दर से कमीशन का भुगतान किया जाएगा। जमा राशि के नवीनीकरण के मामले में, चूंकि बैंक द्वारा शुद्धता परीक्षण, शोधन, परिवहन, भंडारण और बीमा आदि पर कोई खर्च नहीं उठाया जाएगा, नामित बैंकों को नवीनीकरण की तिथि पर सोने की राशि के समकक्ष भारतीय रुपए के 1% की दर से निश्चित कमीशन उनके प्रशासनिक और खाता रखरखाव लागत के लिए दिया जाएगा।”

4. एक नया उप-पैरा 2.4 जोड़ा गया है (मौजूदा उप-पैरा 2.4 से 2.10 को तदनुसार पुन: क्रमांकित किया गया है) जो इस प्रकार है -

एमएलटीजीडी के नवीनीकरण/मोचन संबंधी दिशानिर्देश

i. सामान्य निर्देश

क. जमाकर्ता द्वारा विकल्प चुने जाने पर, परिपक्वता पर मूलधन का मोचन सोने अथवा जमा किए गए सोने के मोचन तिथि पर भारतीय रुपए के समकक्ष मूल्य में होगा। हालाँकि, एमएलटीजीडी का कोई भी समयपूर्व मोचन केवल भारतीय रुपए में ही होगा। नामित बैंक द्वारा खाता खोलते समय जमाकर्ता से परिपक्व होने वाली राशि सोने अथवा भारतीय रुपए के समकक्ष मूल्य में एकत्र करने से संबन्धित विकल्प मांगा जाएगा। इसके अतिरिक्त, खाता खोलते समय बैंक जमाकर्ता से नामिती और परिपक्वता राशि में उनके हिस्से संबंधी ब्योरा भी एकत्रित करेंगे। मौजूदा खातों में, नामित बैंकों द्वारा उपर्युक्त जानकारी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी और इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से छह महीने के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

ख. एमएलटीजीडी पर अर्जित ब्याज की गणना जमा तिथि पर सोने के भारतीय रुपए समकक्ष मूल्य पर की जाएगी और इसका भुगतान केवल भारतीय रुपए में किया जाएगा।

ग. नामित बैंक जमाकर्ताओं को मोचन तिथि से कम से कम 120 दिन पहले पत्र और अन्य माध्यमों (जैसे एसएमएस, ईमेल, फोन कॉल आदि) द्वारा मोचन के संबंध में सूचित करेंगे और उन्हें मोचन अथवा नवीनीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय देंगे। बैंक अपने पत्राचार में अपनी राज्यवार शाखाओं की सूची शामिल करेंगे जहां सोने में मोचन की सुविधा उपलब्ध है। बैंक के पत्राचार में सोने में मोचन के लिए जमाकर्ता द्वारा वहन किए जाने वाले अतिरिक्त प्रशासनिक शुल्क को भी स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया जाना चाहिए। बैंक अपने पत्र में जमाकर्ता से निम्नलिखित विकल्प मांगेगा:

  1. नवीनीकरण या मोचन

  2. सोने अथवा भारतीय रुपए समकक्ष मूल्य में मोचन (केवल उन जमाकर्ताओं के लिए है जिन्होंने खाता खोलते समय सोने में मोचन का विकल्प चुना था), उस शाखा के नाम के साथ जहां से जमाकर्ता सोना एकत्र करना चाहेगा

घ. एमएलटीजीडी के मोचन/नवीनीकरण/परिपक्वता पूर्व बंदी के लिए जमाकर्ता को संबन्धित नामित बैंक द्वारा जारी मूल जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।

ङ. जमाकर्ता द्वारा भारतीय रुपए समकक्ष मूल्य में मोचन के मामले में, अगर खाता खोलते समय बैंक को प्रदान किया गया मूल बचत/चालू खाता संचालन में नहीं है, तो जमाकर्ता द्वारा संबन्धित बैंक को वैकल्पिक बचत/चालू खाते का विवरण प्रदान किया जाएगा।

च. गैर-व्यावसायिक दिन पर परिपक्व होने वाली जमाराशियों को अगले कार्य दिवस पर बीच की अवधि के लिए बिना किसी ब्याज के मोचन किया जाएगा।

छ. यदि जमाकर्ता नियत तारीख पर मोचन नहीं करता है, या जमा प्रमाणपत्र देय तिथि के बाद मोचन के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो अतिदेय अवधि के लिए बकाया जमाराशि पर ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा।

ज. पूर्वप्रभावी रूप से जमाराशियों के नवीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। नामित बैंक मौजूदा ग्राहकों से पैरा 2.4.i.(ग) के अंतर्गत जारी पत्र में नवीनीकरण का विकल्प मांगेंगे।

झ. परिपक्वता पूर्व खाता बंदी की स्थिति में भुगतान किया गया अतिरिक्त ब्याज या तो मोचन के समय मूल राशि से समायोजित किया जा सकता है या पूरी मूलधन राशि जमा करके ग्राहक से अलग से वसूला जा सकता है।

ञ. नामित बैंक देय तिथि पर जमाकर्ताओं को मोचन पर देय राशि का भुगतान करेंगे और उपयुक्त मोचन व्यय का वहन करेंगे और भारतीय सरकार से भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से बाद में दावा प्रतिपूर्ति करेंगे।

ट. इन दिशानिर्देशों के माध्यम से निर्धारित प्रक्रियाओं और समयसीमा के अतिरिक्त, बैंकों की व्यावहारिक परेशानियों और जमाकर्ताओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक नामित बैंकों को अन्य निर्देश जारी कर सकता है।

ii. सोने में मोचन - प्रक्रिया

क. सोने की मात्रा 10 ग्राम के गुणकों में देय होगी और सोने का शेष अंश भारतीय रुपए के समकक्ष में देय होगा (ब्याज एवं मूलधन)। उदाहरण के लिए अगर जमाकर्ता ने 37.103 ग्राम सोना जमा किया था, तो भिन्नात्मक मात्रा 7.103 ग्राम है, जो 10 ग्राम से कम होने के कारण परिपक्वता तिथि पर प्रचलित सोने की दर पर भारतीय रुपए में भुगतान की जाएगी। भिन्नात्मक मात्रा के लिए लागू प्रचलित सोने की दर इस मास्टर निदेश के पैरा 2.1.1 के प्रावधानों द्वारा तय की जाएगी।

ख. जमाकर्ता द्वारा सोने में मोचन के मामले में, परिपक्वता तिथि पर जमाकर्ता से सांकेतिक मोचन राशि के 0.5%1 की दर से प्रशासनिक शुल्क लिया जाएगा और रसद और परिचालन लागत के लिए नामित बैंकों को भुगतान किया जाएगा। इन प्रशासनिक शुल्कों को भारतीय रुपए में भिन्नात्मक मात्रा के भुगतान के विरुद्ध समायोजित किया जा सकता है। यदि यह राशि पर्याप्त नहीं है, तो प्रशासनिक शुल्क जमाकर्ता को देय ब्याज के विरुद्ध समायोजित किया जा सकता है या जमाकर्ता से नकद में वसूल किया जा सकता है।

ग. यदि जमाकर्ता द्वारा बैंक के मोचन से 120 दिनों के पूर्व संचार (उपरोक्त पैरा 2.4.i.(ग) के अंतर्गत जारी पत्र) के जवाब में मोचन के तरीके (सोना अथवा भारतीय रुपया) के लिए कोई विकल्प नहीं दर्शाया जाता है, तो खाता खोलने के समय इंगित किया गया विकल्प मान्य होगा। इसके अलावा, यदि ग्राहक द्वारा परिपक्वता तिथि पर सोना मोचित नहीं किया जाता है तो बैंक अधिकतम 60 दिनों की अवधि के लिए सोना अपनी कस्टडी में रखेगा। जमाकर्ता इस 60-दिन की अवधि के दौरान जमा का नवीनीकरण कर सकता है लेकिन उसे प्रशासनिक शुल्क का भुगतान करना होगा (उपर्युक्त पैरा 2.4.ii.(ख) देखें)। यदि जमाकर्ता ने देय तिथि अथवा परिपक्वता तिथि से 60 दिनों के भीतर जमा को मोचित नहीं किया और जमाराशि का नवीनीकरण भी नहीं किया, तो मोचन स्वचालित रूप से भारतीय रुपए में किया जाएगा और संबंधित रकम बैंक में जमाकर्ता के लिंक्ड बचत/चालू खाते में जमा कर दी जाएगी। सक्रिय बैंक खाते की अनुपलब्धता के मामले में, बैंक प्राथमिकता पर इसकी रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक को देगा।

घ. संचयी जमा के मामले में ब्याज के भुगतान की गणना जमा के समय सोने के भारतीय रुपए के समकक्ष मूल्य के आधार पर की जाएगी।

ङ. नामित बैंक द्वारा सोने की व्यवस्था:

  1. प्रत्येक बैंक द्वारा एमएलटीजीडी के तहत जुटाए गए सोने में से अगले 3 महीनों में देय सोने के मोचन के बराबर सोने का स्टॉक बनाए रखना आवश्यक होगा। एमएमटीसी को नीलामी के लिए एमएलटीजीडी सोना देने से पहले प्रत्येक बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति लेनी होगी। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अगले तीन महीनों के लिए एमएलटीजीडी की मोचन आवश्यकता और सभी बैंकों के पास उपलब्ध सोने के कुल स्टॉक का आकलन करने के बाद बैंक को नीलामी की अनुमति दी जाएगी।

  2. सोने में मोचन पूर्ति के लिए एक बैंक के पास उपलब्ध अधिशेष एमएलटीजीडी सोना दूसरे बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है। सोने के इस अंतर-बैंक हस्तांतरण को अंतर-बैंक ऋण नहीं माना जाएगा। बैंकों को सोने में मोचन के लिए बैंकों या एमएमटीसी के पैनल में शामिल स्थानीय रिफाइनरियों से इंडिया गुड डिलीवरी स्टैंडर्ड (आईजीडीएस) गोल्ड/एलजीडीएस (एलबीएमए गुड डिलीवरी स्टैंडर्ड) गोल्ड बार खरीदने की अनुमति भी दी जा सकती है और वे भारत सरकार से उचित प्रतिपूर्ति कर सकते हैं।

  3. यदि किसी भी बैंक के पास मोचन पूर्ति के लिए पर्याप्त सोना उपलब्ध नहीं है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मोचन की तारीख से कम से कम 3 महीने पहले भारत सरकार को सूचित किया जाएगा और सरकार द्वारा सोने की सोर्सिंग पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

iii. भारतीय रुपए में मोचन – प्रक्रिया

भारतीय रुपए में मोचन के मामले में, जमाकर्ता बैंक की किसी भी जीएमएस शाखा में अपने खाते के विवरण के साथ मूल जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकता है और उसके खाते में तदनुसार रकम जमा की जाएगी।

iv. जमा का नवीनीकरण - प्रक्रिया

क. यदि कोई जमाकर्ता जीएमएस के तहत अपने खाते को एमटीजीडी या एलटीजीडी के रूप में जारी रखना चाहता है, तो उसे खाता खोलते समय दिए गए विकल्प के बावजूद अपनी जमा को नवीनीकृत करने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, नवीनीकरण की अनुमति पूर्वव्यापी प्रभाव से नहीं दी जाएगी।

ख. जमाकर्ता बैंक के पत्राचार के जवाब में (उपर्युक्त पैरा 2.4.i.(ग) देखें) नामित बैंक को नवीनीकरण की अपनी इच्छा के बारे में सूचित कर सकता है। बैंक जमाकर्ता से जमा की अवधि, मोचन विकल्प (सोना या भारतीय रुपए), और ब्याज भुगतान (समय-समय पर या परिपक्वता पर) आदि के संबंध में प्रासंगिक निर्देश प्राप्त करेगा।

ग. जमाकर्ता से नवीनीकरण के अनुरोध की प्राप्ति की तारीख को प्रचलित सोने के दर पर जमा राशि स्वीकार की जाएगी, न कि परिपक्वता की तारीख से। जमाकर्ता बीच की अवधि के लिए ब्याज का दावा नहीं कर सकते।

v. सोना/भारतीय रुपए में आंशिक नवीकरण और आंशिक मोचन - प्रक्रिया

क. जमा राशि के आंशिक भाग को पैरा 2.4.(iv) में उल्लिखित प्रक्रिया और शर्तों के अनुसार नवीनीकृत करने की अनुमति भी दी जा सकती है।

ख. जमाकर्ता के विकल्प के अनुसार शेष जमा राशि के मोचन की अनुमति दी जा सकती है। शेष जमा राशि का मोचन क्रमशः पैरा 2.4.(ii) और 2.4.(iii) में उल्लिखित संबंधित शर्तों के अनुसार v. सोना/भारतीय रुपए में किया जा सकता है।

5. स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 पर भारतीय रिज़र्व बैंक के मास्टर निदेश संख्या डीबीआर.आईबीडी.45/23.67.003/2015-16 को उपर्युक्त परिवर्तनों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया है।

भवदीय

(प्रकाश बलियारसिंह)
मुख्य महाप्रबंधक


1 04 अगस्त 2022 के परिपत्र डीओआर.एयूटी.आरईसी.58/23.67.001/2022-23 के तहत प्रशासनिक प्रभार को 0.2% से 0.5% तक संशोधित किया गया है। हालांकि, इस तिथि से पहले की समस्त जमाराशियों से संबन्धित सोने में मोचन के मामले में 0.2% (परिपक्वता तिथि के अनुसार सांकेतिक मोचन राशि के रूप में भारतीय रुपए के संदर्भ में) प्रशासनिक शुल्क लगाया जाएगा।


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