आरबीआई/2021-22/157
एफएमआरडी.डीआईआरडी.12/14.03.046/2021-22
फरवरी 10, 2022
प्रति,
मार्केट के सभी पात्र सहभागी
महोदया / महोदया,
रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिज़र्व बैंक) निदेश – समीक्षा
कृपया 10 फरवरी 2022 को जारी किए गए छठे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2021-22 के एक भाग के तौर पर विदेशी मुद्रा में निपटानकृत ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (ओआईएस) में कारोबार करने के लिए भारत में बैंकों को अनुमति देने के संबंध में विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 5 का अवलोकन कीजिए। इस बारे में 26 जून 2019 को जारी रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 (इसके बाद निदेश) की तरफ भी आकर्षित किया जाता है।
2. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत प्राधिकृत डीलर श्रेणी- I (एडी श्रेणी-I) का लाइसेंस रखने वाले बैंक फाइनान्शियल बेंचमार्कस इंडिया प्रा. लि. (एफबीआईएल) द्वारा प्रकाशित ओवरनाइट मुंबई इंटरबैंक आउटराइट रेट (माइबोर) बेंचमार्क पर आधारित विदेशी मुद्रा निपटानकृत ओआईएस (एफसीएस – ओआईएस) का प्रस्ताव भारत में अनिवासी व्यक्तियों के साथ-साथ अन्य ए.डी. श्रेणी-I के बैंकों को करने के पात्र होंगे। बैंक इन संव्यवहारों को भारत में अपनी शाखाओं के माध्यम से, अपने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) बैंकिंग यूनिटों (आईबीयू) या अपनी विदेशी शाखाओं के माध्यम से (भारत में परिचालन कर रहे विदेशी बैंकों के मामले में मूल बैंक की किसी शाखा के माध्यम से) इन संव्यवहारों को कर सकते हैं। बैंकों द्वारा एफसीएस-ओआईएस संव्यवहारों को स्वदेशीय बाजार में कार्य के घंटों के बाद भी किया जा सकता है।
3. ये अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। अद्यतन किए गए निदेश संलग्न हैं।
4. इस परिपत्र में निहित अनुदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45यू के साथ पठित धारा 45डबल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस बारे में सक्षमता देने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है। इस बारे में विदेशी मुद्रा प्रबंधन (अनुमेय पूंजी खाता संव्यवहार) विनियमावली, 2000 (अधिसूचना सं.फेमा 1/2000–आरबी दिनांक 03 मई 2000) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमवली, 2019 (अधिसूचना सं.फेमा 396/2019 – आरबी दिनांक 17 अक्तूबर 2019), समय-समय पर यथासंशोधित, का भी संदर्भ लिया जाए।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |