आरबीआई/2021-22/48
ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.06
4 जून 2021
प्रति
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन हेतु मार्जिन का भुगतान
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन हेतु मार्जिन व्यवस्था के बारे में 04 जून 2021 को जारी किए गए द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2021-22 के एक भाग के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 4 का अवलोकन करें। आपका ध्यान 17 दिसंबर 2018 की अधिसूचना सं. फेमा 3(आर)/2018-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (उधार लेना और ऋण देना), विनियमावली, 2018 तथा समय-समय पर यथासंशोधित और इसके तहत जारी किए गए संबंधित निदेशों की तरफ दिलाया जाता है।
2. सरकारी प्रतिभूतियों के वे सभी लेनदेन जो मान्यता-प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के बाहर किए जाते हैं, उनके निपटान गारंटीकृत आधार पर क्लीयरिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किए जाते हैं, जो केन्द्रीय काउंटर-पार्टी के तौर पर कार्य करता है। प्राप्त अनुरोधों के आधार पर यह निर्णय किया गया है कि भारत में उन बैंकों को अपनी-अपनी क्रेडिट जोखिम प्रबंधन व्यवस्था के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को ऋण देने की अनुमति दी जाए जिन्हें फेमा, 1999 के तहत प्राधिकृत डीलर श्रेणी-1 लाइसेंस प्राप्त है, ताकि एफपीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (खजाना बिलों और राज्य विकास ऋणों सहित) वाले लेनदेन के निपटान के संबंध में क्लीयरिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास मार्जिन रख सकें।
3. दिनांक 24 मई 2021 की अधिसूचना सं. फेमा 3(आर)2/2021-आरबी के माध्यम से विदेशी मुद्रा प्रबंधन (उधार लेना और ऋण देना), विनियमावली, 2018 में आवश्यक संशोधन किए जा चुके हैं।
4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
5. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है तथा यदि किसी अन्य कानून के तहत कोई अनुमति/ अनुमोदन अपेक्षित है तो इनसे उनपर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भवदीया
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |