आरबीआई/2014-15/582
बैविवि.सं.बीएपीडी.बीसी.92/22.01.003/2014-15
30 अप्रैल 2015
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)
महोदय/महोदया
वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अपने उपयोग (अर्थात कार्यालय एवं कर्मचारियों के निवास)
के लिए पट्टा/किराए के आधार पर मकान लेना – दिशानिर्देशों को उदार बनाया जाना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 11 नवंबर 1998 का परिपत्र बैंपविवि.बीएल.बीसी सं.105/22.01.03/98; 21 अगस्त 2008 का परिपत्र बैंपविवि.बीएल.बीसी सं.32/22.01.003/2008-09 तथा 20 नवंबर 2012 का परिपत्र बैंपविवि.बीएपीडी.बीसी सं.59/22.01.003/2012-13 देखें ।
2. इन परिपत्रों के अनुसार बैंकों को परिसर लेने से संबंधित सभी मुद्दों को कवर करते हुए विस्तृत परिचालनात्मक दिशानिर्देश निर्धारित और निरूपित करने की सूचना दी गई थी। वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अपने उपयोग के लिए पट्टा/किराए के आधार पर परिसर लेने के लिए अपनाए जाने वाले उक्त मानक और प्रक्रियाएं कई सालों से प्रचलन में हैं। उसके बाद से शाखा प्राधिकरण नीति को उदार बनाया गया है और 19 सितंबर 2013 के परिपत्र बैंपविवि.सं.बीएपीडी.बीसी.54/22.01.001/2013-14 तथा 21 अक्तूबर 2013 के परिपत्र बीएपीडी.बीसी.60/22.01.001/2013-14 में दी गई कुछ शर्तों के अधीन देशी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को, प्रत्येक मामले में भारतीय रिजर्व बैंक से पूर्वानुमति लिए बिना, भारत में किसी भी स्थान पर शाखाएं खोलने के लिए सामान्य अनुमति प्रदान की गई है। शाखाएं खोले जाने के संबंध में मौजूदा उदारीकृत परिवेश को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि विवादित परिसर के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशकों अथवा बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय को भेजे जाने वाले आवधिक विवरणों को अब बंद कर दिया जाए।
3. उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य में, यह पुन: दोहराया जाता है और सूचित किया जाता है कि वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अपने उपयोग के लिए पट्टा/किराए के आधार पर परिसर लेने के लिए अपनाए जाने वाले उक्त मानकों और प्रक्रियाओं का निर्धारण उनके स्तर पर किया जा सकता है। बैंक यह सुनिश्चित करें कि उनकी शाखाएं कानूनी रूप से अनधिकृत परिसरों से काम न कर रही हों। इसके अलावा, बैंकों को सूचित किया जाता है कि उन्हें पट्टे पर दी गई सम्पत्ति के मालिकों की वैध शिकायतों का निपटान बैंक में यथोचित वरिष्ठ स्तर पर किया जाए और ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई की जाए।
4. अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीया,
(लिली वडेरा)
मुख्य महाप्रबंधक |