भारिबैंक/2014-15/514
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 88
25 मार्च 2015
सभी प्राधिकृत व्यक्ति जो धन अंतरण सेवा योजना के अंतर्गत भारतीय एजेंट हैं
महोदया/महोदय,
अपने ग्राहक को जानने संबंधी मानदण्ड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/
आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानदण्ड/धन शोधन
निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत दायित्व - धन अंतरण सेवा योजना
प्राधिकृत व्यक्तियों, जो धन अंतरण सेवा योजना के अंतर्गत भारतीय एजेंट हैं, का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 21 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 10 के साथ पठित एएमएल/ सीएफटी मानण्डों से संबंधित 28 जनवरी 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 68 की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी मुद्रा विभाग अब से उपर्युक्त विषय पर प्राधिकृत व्यक्तियों, जो धन अंतरण सेवा योजना के अंतर्गत भारतीय एजेंट हैं, को अलग से अनुदेश जारी नहीं करेगा और बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में अब तक एवं भविष्य में समय-समय पर जारी अनुदेश, आवश्यक परिवर्तनों सहित, सभी प्राधिकृत व्यक्तियों पर लागू होंगे।
3. ये दिशानिर्देश, धन अंतरण सेवा योजना के अंतर्गत भारतीय एजेंटों के सभी उप-एजेंटों पर भी, आवश्यक परिवर्तनों सहित, लागू होंगे एवं प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंटों) की यह संपूर्ण जिम्मेदारी होगी कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी उप-एजेंट इन दिशानिर्देशों का अनुपालन करें।
4. प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंट) इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने उप-एजेंटों को अवगत कराएं।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) और समय-समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।
भवदीय,
(बी. पी. कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |