आरबीआई/2013-14/318
शबैंवि.केंका.बीपीडी(पीसीबी)एमसी.सं.18/09.09.001/2013-14
8 अक्तूबर 2013
मुख्य महाप्रबंधक
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय/ महोदया,
शहरी सहकारी बैंकों के लिए प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार देने से संबधित संशोधित दिशानिर्देश
कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि पीसीबी परि.11/09.09.01/2007-08 और 02 जुलाई 2012 का मास्टर परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).एमसी सं.7/09.09.001/2012-13 देखें जिसमें उपर्युक्त विषय के संबंध में समय-समय पर जारी किए संशोधन के बारे में उल्लेख किया गया है। तदनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के उधार संबंधी वर्तमान वर्गीकरण की पुनः समीक्षा करने और इस वर्गीकरण और संबंधित विषयों पर संशोधित दिशानिर्देश सुझाने के लिए एक समिति (अध्यक्ष: श्री एम.वी.नायर) गठित की थी। उक्त समिति की सिफारिशों की विभिन्न स्टेकधारियों के इंटरफेस एवं भारत सरकार, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, उद्योगों के एसोसिएशनों, जनता एवं भारतीय बैंक संघ से प्राप्त टिप्पणियों/सुझावों के परिप्रेक्ष्य में जांच की गई और यह निर्णय लिया गया है कि प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार पर मास्टर परिपत्र का अधिक्रमण करते हुए कतिपय विद्यमान दिशानिर्देशों (अनुबंध के अनुसार) का संशोधन किया जाए।
2. संशोधित दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से परिचालन में है। इस तारीख से पहले जारी उक्त दिशानिर्देशों के अंतर्गत मंजूर प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र ऋणों को परिपक्वता/नवीकरण किए जाने तक प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता रहेगा।
भवदीय,
(ए.के.बेरा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक: अनुबंध |