भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001
अधिसूचना संख्या फेमा. 395(3)/2025-आरबी
14 जनवरी 2025
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2025
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक एतद्द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम और गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 [दिनांक 17 अक्टूबर, 2019 की अधिसूचना संख्या FEMA.395/2019-आरबी] (जिसे इसके बाद 'मूल विनियमावली कहा गया है) में निम्नलिखित संशोधन करता है, यथा: -
1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ.- (1) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2025 कहलाएगी।
(2) यह विनियमावली सरकारी राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी।
2. मूल विनियमावली के विनियम 3.1 में, क्रम संख्या I, II, VI, VII, VIII और IX पर दिए गए मौजूदा प्रावधानों को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, यथा: -
नियमों की अनुसूची |
भुगतान माध्यम एवं बिक्रीगत आय के विप्रेषण के संबंध में अनुदेश |
I. |
अनुसूची I
(भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी भारतीय कंपनी के इक्विटि लिखतों की खरीद अथवा बिक्री) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
(1) प्रतिफल की राशि का भुगतान बैंकिंग चैनलों के माध्यम से विदेश से आवक विप्रेषण के रूप में या विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में धारित की गई निधियों से किया जाएगा।
स्पष्टीकरण: प्रतिफल राशि में निम्नलिखित शामिल होंगे: |
(i) किसी भारतीय कंपनी द्वारा निवेशक को उसके द्वारा देय किसी राशि (निधि) के बदले जारी किए गए इक्विटी शेयर |
(ii) इक्विटी लिखतों या इक्विटी पूंजी का स्वैप |
(2) भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को इस प्रकार के निवेश पर प्रतिफल की प्राप्ति की तारीख से साठ दिनों के भीतर इक्विटी लिखतें जारी की जाएंगी।
स्पष्टीकरण: आंशिक रूप से प्रदत्त इक्विटी शेयरों के मामले में, 60 दिनों की अवधि की गणना प्रत्येक मांग-भुगतान (कॉल पेमेंट) की प्राप्ति की तारीख से की जाएगी। |
(3) जहां इस तरह की इक्विटी लिखतें प्रतिफल प्राप्ति की तारीख से साठ दिनों के भीतर जारी नहीं की जाती हैं, उन मामलों में, उल्लिखित साठ दिन पूरे होने की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर उक्त प्रतिफल राशि संबंधित व्यक्ति को बैंकिंग चैनलों के माध्यम से जावक विप्रेषण के रूप में अथवा उसके विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में जमा करने के माध्यम से, जैसा भी मामला हो, वापस की जाए। |
(4) इस अनुसूची के तहत इक्विटी लिखतें जारी करने वाली किसी भारतीय कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली 2016 के अनुसरण में भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा खाता खोला जा सकता है। |
बी. |
बिक्रीगत आय का विप्रेषण |
इक्विटी लिखतों की बिक्रीगत आय (लागू करों की कटौती के पश्चात) को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे संबंधित व्यक्ति के प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में, जो विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखा गया हो, जमा किया जा सकता है। |
II. |
अनुसूची II
(विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
(1) प्रतिफल की राशि का भुगतान विदेश से आवक विप्रेषण के रूप में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से, या विदेशी मुद्रा खाते और/या विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसार खोले गए विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाते में रखी गई निधियों में से किया जाएगा। |
(2) जब तक इस विनियमावली में या प्रासंगिक अनुसूचियों में अन्यथा निर्दिष्ट न किया जाए, तब तक विदेशी मुद्रा खाते का उपयोग केवल और विशेष रूप से इस अनुसूची के तहत आने वाले लेनदेन के लिए किया जाएगा। |
बी. |
बिक्रीगत आय का विप्रेषण |
इक्विटी लिखतों और आरईआईटी, इनविट्स और घरेलू म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री से प्राप्त राशि (करों के उपरांत निवल राशि) भारत के बाहर प्रेषित की जा सकती है या एफपीआई के विदेशी मुद्रा खाते या एसएनआरआर खाते में जमा की जा सकती है। |
VI. |
अनुसूची VI
(सीमित देयता भागीदारी में निवेश) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
किसी निवेशक द्वारा किसी एलएलपी की पूंजी में अंशदान हेतु भुगतान विदेश से बैंकिंग चैनल के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में या विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में धारित की गई निधियों से किया जाएगा। |
बी. |
विनिवेश से प्राप्त राशि का विप्रेषण |
विनिवेश से प्राप्त राशि भारत से बाहर विप्रेषित की जा सकती है अथवा संबंधित व्यक्ति के विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसार बनाए गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में जमा की जा सकती है। |
VII. |
अनुसूची VII
(विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक द्वारा निवेश) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
(1) प्रतिफल राशि का भुगतान विदेश से बैंकिंग चैनल के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए विदेशी मुद्रा खाते और / अथवा विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाते में धारित की गई निधियों से किया जाएगा। |
(2) जब तक कि इस विनियमावली अथवा संबंधित अनुसूचियों में अन्यथा विनिर्दिष्ट न किया गया हो, तब तक विदेशी मुद्रा खाते का उपयोग केवल और अनन्य रूप से इस अनुसूची के तहत लेनदेन के लिए किया जाएगा। |
बी. |
बिक्री/ परिपक्वता से प्राप्त राशि का विप्रेषण |
प्रतिभूतियों की बिक्री/ परिपक्वता पर प्राप्त आय (करों की कटौती के पश्चात) को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे संबन्धित विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक (एफ़वीसीआई) के विदेशी मुद्रा खाते अथवा विशेष अनिवासी रुपया खाते में जमा किया जा सकता है। |
VIII. |
अनुसूची VIII
(भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी निवेश माध्यम में निवेश) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
प्रतिफल राशि का भुगतान विदेश से बैंकिंग चैनल के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में अथवा किसी विशेष प्रयोजन माध्यम (एसपीवी) के शेयरों को स्वैप कर के अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में धारित किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में धारित की गई निधियों से किया जाएगा। |
बी. |
बिक्री से / परिपक्वता पर प्राप्त आय का विप्रेषण |
यूनिटों की बिक्री से / परिपक्वता पर प्राप्त राशि (लागू करों की कटौती के पश्चात) को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए संबंधित व्यक्ति के किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में जमा किया जा सकता है। |
IX. |
अनुसूची X
(भारतीय निक्षेपागार रसीदों का निर्गम) |
ए. |
भुगतान माध्यम |
अनिवासी भारतीय व्यक्ति (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए अपने अनिवासी बाह्य (एनआरई)/ एफ़सीएनआर(बी) खातों में धारित निधियों का उपयोग करते हुए भारतीय निक्षेपागार रसीदों (आईडीआर) में निवेश कर सकते हैं।
कोई एफपीआई विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016, समय-समय पर यथासंशोधित, के अनुसार बनाए रखे गए विदेशी मुद्रा खाते और/या एसएनआरआर खाते में धारित निधियों का उपयोग करते हुए आईडीआर में निवेश कर सकता है। |
बी. |
बिक्री से / परिपक्वता पर प्राप्त आय का विप्रेषण |
आईडीआर का निर्गमकर्ता कंपनी के अंतर्निहित (अंडरलाइंग) इक्विटी शेयरों के रूप में मोचन/ रूपान्तरण विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 के अनुपालन में किया जाएगा। |
3. मूल विनियमावली के विनियम 3 में मौजूदा उप विनियम 3.2 को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, यथा: -
“किसी भारतीय स्टार्ट-अप कंपनी द्वारा परिवर्तनीय नोटों का निर्गम:
कोई स्टार्ट-अप कंपनी, जो भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को परिवर्तनीय नोट निर्गमित करती है, वह प्रतिफल राशि बैंकिंग चैनलों के माध्यम से आवक विप्रेषण के रूप में अथवा संबंधित व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में बनाए रखे गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते से डेबिट के माध्यम से प्राप्त कर सकती है। पुनर्भुगतान अथवा बिक्री पर प्राप्त आय को भारत से बाहर विप्रेषित किया जा सकता है अथवा उसे विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में संबंधित व्यक्ति द्वारा रखे गए किसी प्रत्यावर्तनीय विदेशी मुद्रा या रुपया खाते में जमा किया जा सकता है।”
4. मूल विनियमावली के विनियम 3 में, उप विनियम 3.2 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ अंतर्विष्ट किया जाएगा, यथा: -
“स्पष्टीकरण: इस विनियमावली के प्रयोजन हेतु, "बैंकिंग चैनलों" के अंतर्गत विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते सहित ऐसा कोई भी रुपया वोस्ट्रो खाता शामिल होगा, जिसे रखने की अनुमति भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के विनियम 7 (1) में दी गयी है।”
(डॉ. आदित्य गेहा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
फुट नोट:
मूल विनियमावली भारत सरकार के सरकारी राजपत्र- असाधारण- भाग-II, खण्ड-3, उप खण्ड (i) में दिनांक 17 अक्टूबर 2019 के जी.एस.आर. सं.795(ई) के माध्यम से प्रकाशित की गयी थी और तदुपरांत इसका संशोधन निम्नानुसार किया गया, यथा;
अधिसूचना सं. फेमा 395(1)/2020-आरबी दिनांक 15 जून 2020
अधिसूचना सं. फेमा 395(2)/2024-आरबी दिनांक 23 अप्रैल 2024 |