(26 मई 2017 तक अद्यतन)
1. पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना क्यों प्रारम्भ की गई?
उच्च मूल्यवर्गों में जाली भारतीय मुद्रा नोटों की घटनाएँ बढ़ गई हैं । आम आदमी को यह जाली नोट असली नोटों की तरह ही दिखाई पड़ते हैं, जब कि इनमें किसी भी सुरक्षा विशेषता की नकल नहीं की गई है । जाली नोटों का उपयोग राष्ट्र–विरोधी एवं अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है । उच्च मूल्यवर्ग के नोटों का दुरुपयोग आतंकवादियों और काले धन की जमाखोरी के लिए किया गया है । भारत एक नगद-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए जाली भारतीय मुद्रा नोटों के प्रचलन का संकट जारी है । जाली नोटों तथा काले धन की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना प्रारम्भ की गई ।
2. यह योजना क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।
3. विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम 2017 क्या है?
भारत सरकार ने 27 फरवरी, 2017 को विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम 2017 को अधिसूचित किया । इस अधिनियम द्वारा विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016, जो 31 दिसम्बर, 2016 से प्रभावी था और जिसमें विनिर्दिष्ट बैंक नोट (एसबीएन) की देयताओं की समाप्ति तथा इससे सम्बंधित तथा प्रासंगिक मामलों के लिए प्रावधान किया गया था, को निरस्त किया गया । भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 34 के तहत विनिर्दिष्ट बैंक नोट के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की देयताएं समाप्त हो जाएगी और इस संबंध में, केंद्र सरकार की गारंटी भी समाप्त हो जाएगी।
इस संबंध में रियायत अवधि प्रदान की गई है जिसके दौरान भारतीय नागरिक जो इस बात की घोषणा करते हैं कि वे 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक भारत के बाहर थे, वे विनिर्दिष्ट बैंक नोट रिज़र्व बैंक के पाँच कार्यालयों (मुबंई, नई दिल्ली, चेन्नै, कोलकाता और नागपुर) में जमा कर सकते हैं, बशर्ते केंद्र सरकार की अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किसी भी श्रेणी के व्यक्ति हेतु कारणों अथवा शर्तों को पूरा करते हों। रिज़र्व बैंक, आवश्यक सत्यापन करने के बाद यदि इस बात से संतुष्ट है कि 30 दिसंबर 2016 तक नोट न जमा कर पाने के कारण सही है, तो वह जमाकर्ता के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालित खाते में नोटों की मूल्य-राशि जमा कर देगा।
निवासी भारतीयों के लिए छूट अवधि 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो गई है । अनिवासी भारतीयों के लिए (भारतीय पासपोर्ट धारक) छूट अवधि 30 जून, 2017 है ।
भारतीय रिजर्व बैंक के उक्त पाँच क्षेत्रीय कार्यालयों में विनिमय काउंटर के समय सारणी के विवरण के लिए यहाँ क्लिक करें ।
उपर्युक्त उल्लेखानुसार नोट की मूल्य–राशि जमा करने में रिज़र्व बैंक द्वारा मना करने से प्रभावित कोई भी व्यक्ति उसे इस प्रकार की मनाही प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड को अभ्यावेदन दे सकता है।
अध्यादेश की धारा 6 के अनुसार, जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर अथवा अनजाने में गलत घोषणा करता है तो उसे दंडित किया जाएगा, दंड की राशि ₹ 50,000/- तक अथवा जमा की गई निर्दिष्ट बैंक नोट के अंकित मूल्य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, हो सकती है।
31 दिसंबर 2016 से प्रभावी, अध्यादेश की धारा 5 के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी विनिर्दिष्ट बैंक नोट को जानबूझकर अथवा स्वेच्छा से रख, अंतरण अथवा प्राप्त नहीं कर सकेगा। रियायत अवधि समाप्त होने के पश्चात किसी भी मूल्यवर्ग के अधिकतम कुल 10 नोट अथवा अध्ययन / अनुसंधान / मुद्राशास्त्र के उद्देश्य से अधिकतम 25 नोट रखने की अनुमति होगी। इस धारा में ऐसा कुछ भी निहित नहीं है जो अदालत में लंबित किसी भी मामले के संबंध में न्यायालय के निर्देश पर किसी भी व्यक्ति को विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को धारित करने के लिए प्रतिबंधित करेगा। अधिहरण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को जमा करने के लिए, भारत सरकार ने दिनांक 12 मई, 2017 को विनिर्दिष्ट बैंक नोट (अधिहरण किए गए नोटों को जमा किया जाना) नियम, 2017 अधिसूचित किया है ।
धारा 7 के अनुसार, धारा 5 का उल्लंघन दंडनीय है जिसमें ₹ 10,000/- तक की राशि अथवा उल्लंघन में शामिल निर्दिष्ट बैंक नोट के अंकित मूल्य राशि का पाँच गुना जो भी अधिक हो, का दंड लगाया जा सकता है।
धारा 6 और 7 के अनुसार उल्लंघन/चूक यदि किसी कंपनी द्वारा किया गया है तो प्रत्येक वह व्यक्ति जो उल्लंघन/चूक के समय कंपनी का प्रभारी और उत्तरदायी था, दोषी माना जाएगा और उसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और दंडित किया जाएगा। यदि अपराध कंपनी के किसी निदेशक/प्रबंधक/सचिव/अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाना साबित होता है तो उस व्यक्ति को भी इस अपराध के लिए दोषी माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और तदनुसार दंडित किया जाएगा।
4. वे भारतीय नागरिक जो विदेश में थे, विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को कैसे बदलवा सकते हैं?
विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम 2017 के अनुसार, ऐसे निवासी तथा अनिवासी भारतीय नागरिकों (भारतीय पासपोर्ट आवश्यक) के लिए, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक उक्त अवधि के दौरान भारत में उपस्थित नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके, को विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में निवासियों के लिए 02 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2017 तक खुली थी तथा एनआरआई के लिए 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक खुली रहेगी । इस धारा में निहित टिप्पण भी अदालत में लंबित किसी भी मामले के संबंध में न्यायालय के निर्देश पर किसी भी व्यक्ति को निर्दिष्ट बैंक नोटों को धारित करने के लिए प्रतिबंधित करेगा ।
इस सुविधा का लाभ केवल व्यक्तिगत क्षमता में तथा अवधि के दौरान एक बार ही उठाया जा सकता है । इस सुविधा के तहत तृतीय पक्ष जमाकर्ता को अनुमति नहीं है ।
यह सुविधा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगी।
इस योजना के नियमों / शर्तों तथा इसके प्रकार का विवरण दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. 2170/10.27.00/2016-17 में उपलब्ध हैं ।
निवासी भारतीयों तथा एनआरआई (भारतीय पासपोर्ट रखने वाले) के लिए निविदा फार्म का लिंक यहाँ उपलब्ध है ।
5. क्या एनआरआई के द्वारा विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की विनिमय सुविधा भारत से बाहर भी उपलब्ध है?
नहीं, एनआरआई के लिए यह सुविधा 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में उपलब्ध है । एनआरआई के लिए विनिमय की सीमा रू. 25000/- होगी ।
6. क्या यह सुविधा भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई)/ भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) के लिए भी उपलब्ध है ?
नहीं, यह सुविधा उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है जो भारतीय नागरिक नहीं हैं ।
7. क्या यह सुविधा निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध है ?
12 मई 2017 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोट (अधिहरण किए गए नोटों को जमा किया जाना) नियम, 2017 के अनुसार अधिहरण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के अतिरिक्त यह सुविधा निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि छूट अवधि 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो चुकी है ।
8. अधिहरण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोट कैसे जमा करें ?
12 मई 2017 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोट (अधिहरण किए गए नोटों को जमा किया जाना) नियम, 2017 के अनुसार, जहां विनिर्दिष्ट बैंक नोटों का विधि प्रवर्तन अभिकरणों द्वारा अधिहरण किया गया है या अभिग्रहण किया गया है या 30 दिसंबर, 2016 को या इससे पूर्व किसी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, तो ऐसे विनिर्दिष्ट नोटों को अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन किसी बैंक खाते में जमा करने के लिए या वैध मुद्रा में उनके मूल्य में विनिमय के लिए निम्नलिखित शर्तों के अधीन रहते हुए दिया जा सकेगा, अर्थात :
(a) अधिहरण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को किसी व्यक्ति को लौटाया जाता है जो उस न्यायालय के समक्ष लंबित मामले में एक पक्षकार है, तब व्यक्ति न्यायालय के निर्देश को प्रस्तुत करने पर ऐसे विनिर्दिष्ट नोटों को जमा करने या विनिमय करने का पात्र होगा, जिनकी क्रम संख्या –
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को उस विधि प्रवर्तन अभिकरण द्वारा, जिसने उनका अधिहरण किया था या न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया है, नोट कर लिया गया है; और
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का न्यायालय के निदेश पर वर्णन किया गया है;
(b) विनिर्दिष्ट बैंक नोटों का केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार के पक्ष में न्यायालय के किसी आदेश द्वारा समपहरण किए जाने की दशा में वह सरकार न्यायालय के निदेश को प्रस्तुत करने पर ऐसे विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को जमा करने या उनका विनिमय करने की हकदार होगी; या
(c) विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को 30 दिसंबर 2016 को या उससे पूर्व न्यायालय के आदेश द्वारा किसी अन्य व्याकति की अभिरक्षा में रखे जाने की दशा में वह व्यक्ति न्यायालय के निदेश को प्रस्तुत करने पर ऐसे विनिर्दिष्ट बैंक नोटों को जमा करने या विनिमय करने का हकदार होगा, जिनकी क्रम संख्या–
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को उस विधि प्रवर्तन अधिकरण द्वारा, जिसने उनका अधिहरण किया था या न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, नोट कर लिया गया है; और
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का न्यायालय के निदेश पर वर्णन किया गया है ।
ये नियम 30 दिसंबर 2016 के पश्चात अधिहरण किए गए या अभिग्रहण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोटों पर लागू नहीं होंगे ।
विनिर्दिष्ट बैंक नोट (अधिहरण किए गए नोटों का जमा किया जाना) नियम 2017 के अनुसार अधिहरण किए गए विनिर्दिष्ट बैंक नोट स्वीकार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के विनिर्दिष्ट कार्यालय निम्न हैं-
अहमदाबाद, बैंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चण्डीगढ़, चेन्ने, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना तथा तिरूवन्नतपुरम
9. मैं एटीएम से कितनी राशि निकाल सकता हूँ?
01 फरवरी 2017 से एटीएम से नकदी आहरण सीमा को हटा दिया गया है । बैंक अपने विवेकाधीन परिचालन सीमाएं रख सकते हैं जो 08 नवंबर 2016 से पहले थी, जो किसी खाते से समग्र नकदी आहरण सीमा के अधीन होंगी ।
10. खातों के लिए नकदी आहरण सीमाएं क्या हैं ?
विमुद्रीकरण के मद्देनजर खातों / बैंक शाखाओं / एटीएम से नकदी आहरण सीमाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को पूर्ण रूप से वापस ले लिया गया है तथा यह पूर्व स्थिति में आ गई हैं ।
11. मुझे इस योजना / अधिनियम के बारे में और अधिक जानकारी कहाँ से मिल सकती है?
आगे की जानकारी हमारी वैबसाइट www.rbi.org.in और भारत सरकार की बेबसाईट www.finmin.nic.in पर उपलब्ध है।
यह भी देखें :
भारतीय रिजर्व बैंक से आप वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी के बारे में जो जानना चाहते हैं वह सब |