अब तक बैंक के इतिहास के दो खंड प्रकाशित हो चुके हैं। पहले खंड के अंतर्गत उसकी स्था
पना से 1950 तक की अवधि का समावेश है तथा जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 1970 में
प्रकाशित किया गया। इस इतिहास की रचना भूतपूर्व गवर्नर श्री सी.डी.देशमुख की अध्यकक्षता
में गठित निदेश समिति के अंतर्गत श्री एस.एल.एल.सिन्हाक ने की। इसकी अवधि के लिए 1950
का चयन इसलिए तर्कसंगत प्रतीत होता है कि उसी वर्ष पहली पंच-वर्षीय योजना की शुरूआत
हुई थी, जब भारत ने योजनाबद्ध आर्थिक विकास के पथ पर पदार्पण किया था।
खंड की सामग्री का संकलन इतिहास के अधीन किया गया। इस खंड का लेखन कार्य श्री जी.बालचंद्रन
द्वारा तत्काअलीन गवर्नर डॉ.सी. रंगराजन की अध्य क्षता वाली निदेश समिति के समग्र मार्गदर्शन
में संपन्ना हुआ। डॉ.सी.जे.बाटलीवाला इस परियोजना के परामर्शदाता रहे। दूसरे खंड का
प्रकाशन 1998 में ऑक्फ् गवर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा किया गया। 1967 को इसकी अंतिम
अवधि निर्धारित किए जाने के संबंध में यह तर्क प्रस्तु त किया गया कि उस वर्ष बैंकिंग
जगत में एक नई शृंखला की शुरूआत हुई थी जब चिंतन-प्रक्रिया सामाजिक नियंत्रणों की कसौटर
पर कस रही थी, तत्पीश्चाकत बैंकों का राष्ट्रीतयकरण हुआ, साथ ही जन-जन तक बैंकिंग
सुविधा प्राप्त होने लगी।