Click here to Visit the RBI’s new website

प्रेस प्रकाशनी


(302 kb )
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

29 जनवरी 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 जनवरी 2024 के आदेश द्वारा डॉ. पंजाबराव देशमुख अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन तथा 'अग्रिम प्रबंधन-यूसीबी' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) एसएएफ़ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन में 100% से अधिक जोखिम भार वाले नए ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए, (ii) विनियामक सीमा से परे बुलेट पुनर्भुगतान योजना के अंतर्गत स्वर्ण ऋण स्वीकृत किए, (iii) ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण के अनुसार केवाईसी का आवधिक अद्यतनीकरण नहीं किया गया, (iv) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की; और (v) संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और रिपोर्टिंग के हिस्से के रूप में अलर्ट करने हेतु किसी मजबूत सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों और उसके बाद की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1760

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष