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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) में भारतीय बैंकों की सहभागिता

आरबीआई/2023-24/120
विवि.एयूटी.आरईसी.74/24.01.041/2023-24

09 फरवरी 2024

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक

महोदया/महोदय,

इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) में भारतीय बैंकों की सहभागिता

कृपया जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाएँ – इंडियन इन्टरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफ़एससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) के प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य (पीसीएम) के रूप में कार्यरत संबंधित दिनांक 07 जून 2022 का परिपत्र देखें। समीक्षा करने पर, भारतीय बैंकों को अतिरिक्त रूप से नीचे उल्लिखित गतिविधियाँ के लिए अनुमति देने का निर्णय लिया गया है:

क) जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में भारतीय बैंक की शाखा/अनुषंगी कंपनी/संयुक्त उद्यम आईआईबीएक्स के ट्रेडिंग सदस्य (टीएम)/ट्रेडिंग और क्लियरिंग सदस्य (टीएमसी) के रूप में कार्य करने के लिए, और

ख) सोना/चांदी का आयात करने के लिए अधिकृत भारतीय बैंक को आईआईबीएक्स के विशेष श्रेणी ग्राहक1 (एससीसी) के रूप में कार्य करने के लिए।

इस संबंध में विस्तृत अनुदेश इस परिपत्र के अनुबंध में दिये गए हैं।

2. ये अनुदेश बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। अगर मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन न हो, अथवा यदि भारतीय रिज़र्व बैंक संतुष्ट है कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, तो रिज़र्व बैंक आगे भी आवश्यक निदेश (अनुमोदन के निरसन सहित) जारी कर सकता है और/या अगर उचित हो, तो अतिरिक्त शर्तें लागू कर सकता है।

प्रारंभ

3. इस परिपत्र में निहित प्रावधान परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे।

प्रयोज्यता

4. यह परिपत्र सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) पर लागू है।

भवदीय,

(मनोरंजन पाढ़ी)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

[दिनांक 09 फरवरी 2024 को जारी परिपत्र विवि.एयूटी.आरईसी.74/24.01.041/2023-24 के साथ संलग्न]

क. अनुमत गतिविधि

1. आईआईबीएक्स के ट्रेडिंग सदस्य/ट्रेडिंग और क्लियरिंग सदस्य (टीएम/टीसीएम)

क) टीएम/टीसीएम केवल ग्राहकों की ओर से ट्रेड निष्पादित करेंगे (मालिकाना व्यापार के बिना)।

ख) टीएम/टीसीएम के रूप में अपनी भूमिका में बैंक दिनांक 07 जून 2022 के परिपत्र जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाएँ – इंडियन इन्टरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफ़एससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) के प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य (पीसीएम) के रूप में कार्यरत के पैरा 5 में उल्लिखित नियमों और शर्तों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

ग) बैंक दिनांक 01 जुलाई 2015 को जारी मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध (समय-समय पर अद्यतन) में निहित मौजूदा आरबीआई अनुदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

घ) बैंक अन्य नियामक निकायों द्वारा निर्धारित शर्तों का अनुपालन करेगा जो उसकी भूमिका के लिए प्रासंगिक हो सकती हैं।

2. आईआईबीएक्स के विशेष श्रेणी ग्राहक (एससीसी)

मौजूदा विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत, रिज़र्व बैंक सोना/चांदी के आयात के लिए बैंकों को वार्षिक आयात प्राधिकरण प्रदान करता है। ऐसे अधिकृत बैंकों को, घरेलू टैरिफ क्षेत्र में कंसाइनमेंट मॉडल के अलावा, सोना/चांदी के आयात के लिए आईआईबीएक्स पर एससीसी के रूप में प्रचालन की अनुमति दी जाती है।

क) एससीसी ग्राहकों की ओर से केवल खरीद ट्रेड निष्पादित करेंगे।

ख) बैंक दिनांक 01 जुलाई 2015 को जारी मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध (समय-समय पर अद्यतन) में निहित मौजूदा आरबीआई अनुदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

ग) एससीसी एक आईएफएससी बैंकिंग इकाइ (आईबीयू) को क्लियरिंग सदस्य के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त करेंगे।

घ) बैंक अन्य नियामक निकायों द्वारा निर्धारित शर्तों का अनुपालन करेगा जो उसकी भूमिका के लिए प्रासंगिक हो सकती हैं।

ख. जोखिम प्रबंधन

क) एक्सचेंज पर बैंक द्वारा ग्राहकों की ओर से निष्पादित ट्रेड बुलियन (मात्रा और गुणवत्ता विनिर्देश) के 110% अपेक्षित मूल्य का बैंक के खाते में अग्रिम भुगतान (खरीद ट्रेड) अथवा प्रतिभूतियों का बैंक के खाते में अग्रिम भुगतान के विरुद्ध होंगे (विक्रय ट्रेड)|

ख) मास्टर निदेश - जोखिम प्रबंधन तथा अंतर-बैंक लेनदेन दिनांक 05 जुलाई 2016 (समय-समय पर अद्यतन) में निर्धारित बैंक के लिए नेट ओपन ओवरनाइट पोजीशन लिमिट (एनओओपीएल) के संदर्भ में, बोर्ड सोना/चांदी में नेट ओवरनाइट ओपन पोजीशन के लिए एक वैश्विक उप-सीमा निर्धारित करेंगे, जो एक टन सोने के समकक्ष से अधिक नहीं होगी।

ग. आरबीआई को आवेदन की प्रक्रिया

क) मूल बैंक ('बैंक') जो दिनांक 26 मई 2016 के मास्टर निदेश - डीबीआर.एफ़एसडी.सं.101/24.01.041/2015-16 (समय-समय पर अद्यतन) के पैरा 21 में निर्धारित विवेकपूर्ण अपेक्षाओं को पूरा करते है, जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत अपनी शाखा/अनुषंगी कंपनी/संयुक्त उद्यम के आईआईबीएक्स की टीएम/टीसीएम सदस्यता लेने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए आवेदन करें। पात्र बैंक, अपने बोर्ड के पूर्व अनुमोदन से, भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन विभाग को टीएम/टीसीएम के रूप में अपनी प्रस्तावित व्यवसाय योजना और जोखिम प्रबंधन व्यवस्था के विवरण के साथ आवेदन करें।

[बैंक जिन्हे जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत अपनी शाखा को आईआईबीएक्स के प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य (पीसीएम) के रूप में कार्य करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा (आज की तारीख में) एनओसी प्रदान किया जा चुका है, उन्हें अपनी शाखा के आईआईबीएक्स पर टीएम/ टीसीएम सदस्यता के लिए रिज़र्व बैंक से अलग से एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, उन्हें आईआईबीएक्स से टीएम/टीसीएम सदस्यता लेने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग को पूर्व सूचना देनी होगी।]

ख) सोना/चांदी आयात करने के लिए अधिकृत बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग को पूर्व सूचना भेजकर एससीसी की गतिविधियां प्रारंभ कर सकते हैं।

ग) आईआईबीएक्स के टीएम/टीसीएम/एससीसी के रूप में कार्य करने वाले बैंक को इस परिपत्र द्वारा अनुमति दी गई आईआईबीएक्स में उनकी भूमिका या गतिविधियों के दायरे में किसी भी बदलाव के मामले में विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक से अतिरिक्त अनुमोदन प्राप्त करना होगा।


1 जैसा कि आईएफ़एससीए के दिनांक 11 दिसंबर 2023 के परिपत्र एफ़.सं.329/आईएफ़एससीए/बुलियन एमआईआईएस /2023-24/02 में परिभाषित किया गया है।

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