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अधिसूचनाएं


भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति ऋण) निदेश-2023

भारिबैं/2023-24/97
एफएमआरडी.डीआईआरडी.सं:05/14.03.061/2023-2024

27 दिसंबर 2023

सभी सहभागी-सरकारी प्रतिभूति बाजार

महोदया/महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति ऋण) निदेश-2023

कृपया सरकारी प्रतिभूतियों में प्रतिभूतियाँ उधार देने और लेने की शुरुआत के संबंध में 08 फरवरी 2023 को वर्ष 2022-23 के लिए द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 1 का संदर्भ ग्रहण करें। घोषणा के अनुवर्तन में, बैंकों, बाजार सहभागियों और अन्य इच्छुक पार्टियों से टिप्पणियां आमंत्रित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति ऋण) निदेश, 2023 का मसौदा 17 फरवरी 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जारी किया गया था।

2. प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर, निदेशों को अंतिम रूप दिया गया है और इसके साथ जारी किया जा रहा है।

3. ये निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45यू के साथ पठित अधिनियम की धारा 45डब्ल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे सक्षम करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।

4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
9वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट
मुंबई – 400 001

अधिसूचना सं: एफ़एमआरडी.डीआईआरडी.सं:06/14.03.061/2023-2024 दिनांक 27 दिसंबर 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति ऋण) निदेश, 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे 'अधिनियम' कहा जाएगा) की धारा 45-यू के साथ पठित अधिनियम की धारा 45-डब्ल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे 'रिज़र्व बैंक' कहा जाएगा) इसके द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन करने वाली सभी एजेंसियों को निम्नलिखित निदेश जारी करता है।

1. संक्षिप्त शीर्षक, निदेशों का प्रारंभ और प्रयोज्यता

(1) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति ऋण) निदेश, 2023 कहा जाएगा और ये निदेश 27 दिसंबर 2023 से लागू होंगे।

(2) ये निदेश ओवर-दि-काउंटर बाजार में किए गए सभी सरकारी प्रतिभूति ऋण लेनदेन पर लागू होंगे।

2. परिभाषा

(1) इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो:

(ए) "केंद्रीय प्रतिपक्ष" का अर्थ एक प्रणाली प्रदाता है, जो निपटान के लिए स्वीकार किए गए लेनदेन में प्रणाली सहभागियों के बीच नवप्रवर्तन के माध्यम से हस्तक्षेप करता है, जिससे प्रत्येक विक्रेता के लिए खरीदार और प्रत्येक खरीदार के लिए विक्रेता बन जाता है, ताकि उनके लेनदेन के निपटान को प्रभावी किया जा सके।

(बी) “सुपुर्दगी बनाम सुपुर्दगी“ का अर्थ एक निपटान तंत्र है जो यह निर्धारित करता है कि प्रतिभूतियों के उधारकर्ता से प्रतिभूतियों का हस्तांतरण प्रतिभूतियों के उधारदाता द्वारा प्रतिभूतियों के हस्तांतरण के साथ-साथ किया जाता है।

(सी) “इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी)” का अर्थ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 की धारा 2(1)(iii) के तहत परिभाषित एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है।

(डी) “एक्सचेंज“ का अर्थ प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत परिभाषित एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज है।

(ई) “सरकारी प्रतिभूति” अर्थात सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 की धारा 2(एफ़) के तहत परिभाषित प्रतिभूति।

(एफ़) “सरकारी प्रतिभूति ऋण (जीएसएल) लेनदेन” अर्थात सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन, जिसमें उन प्रतिभूतियों के मालिक (ऋणदाता) द्वारा एक शुल्क के लिए, अन्य सरकारी प्रतिभूतियों के संपार्श्विक पर, एक निर्दिष्ट अवधि के लिए, इस करार के साथ, पात्र सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देना शामिल है कि उधारकर्ता, उधार ली गई प्रतिभूति ऋणदाता को वापस कर देगा और ऋणदाता सहमत अवधि के अंत में संपार्श्विक के रूप में प्राप्त प्रतिभूति वापस कर देगा।

(जी) “सरकारी प्रतिभूति ऋण शुल्क (जीएसएल शुल्क)” अर्थात लेन-देन करने के लिए उनके बीच पारस्परिक सहमति के अनुसार सरकारी प्रतिभूति के ऋणदाता को उधारकर्ता द्वारा भुगतान किया गया शुल्क।

(एच) “ओवर दि काउंटर (ओटीसी) बाजार“ अर्थात ऐसे बाजार जहां लेनदेन एक्सचेंजों के अलावा किसी भी तरीके से किए जाते हैं और इसमें ईटीपी पर निष्पादित लेनदेन शामिल होंगे।

(2) इन निदेशों में प्रयुक्त लेकिन परिभाषित नहीं किए गए शब्दों और अभिव्यक्तियों का वही अर्थ होगा जो उसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में दिया गया है।

3. पात्र प्रतिभूतियाँ

(1) खजाना बिलों को छोड़कर केंद्र सरकार द्वारा जारी सरकारी प्रतिभूतियां जीएसएल लेनदेन के तहत उधार देने/लेने के लिए पात्र होंगी। रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा सहित रिपो लेनदेन के तहत प्राप्त या किसी अन्य जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई प्रतिभूतियां भी जीएसएल लेनदेन के तहत ऋण देने के लिए पात्र होंगी।

(2) केंद्र सरकार (खजाना बिल सहित) और राज्य सरकारों द्वारा जारी सरकारी प्रतिभूतियां को जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में रखा जा सकता है। रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा सहित रिपो लेनदेन के तहत प्राप्त या किसी अन्य जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई प्रतिभूतियां को भी जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में रखा जा सकता है।

4. पात्र प्रतिभागी

(1) निम्नलिखित संस्थाएँ प्रतिभूति ऋणदाताओं के रूप में जीएसएल लेनदेन में भाग लेने के लिए पात्र हैं:

(ए) दिनांक 24 जुलाई, 2018 का पुन: खरीद लेनदेन (रिपो)(रिज़र्व बैंक) निदेश 2018, समय-समय पर यथा संशोधित, के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों में रिपो लेनदेन करने वाली संस्था पात्र होंगी।

(बी) इस उद्देश्य के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित अन्य कोई संस्था।

2. दिनांक 25 जुलाई 2018 का मंदड़िया बिक्री (शॉर्ट सेल) (रिज़र्व बैंक) निदेश 2018, समय-समय पर यथा संशोधित, के अनुसार मंदड़िया बिक्री लेनदेन के लिए पात्र संस्था जीएसएल लेनदेन के तहत प्रतिभूति ऋण लेने के लिए पात्र होंगी।

5. अवधि

जीएसएल लेनदेन की न्यूनतम अवधि एक दिन होगी और अधिकतम अवधि 25 जुलाई, 2018 के 'सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन - शॉर्ट सेलिंग' पर दिशानिर्देशों के अनुसार अधिविक्रय को कवर करने के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि होगी।

6. ट्रेडिंग प्रक्रिया/प्लेटफ़ॉर्म

जीएसएल लेनदेन को किसी भी पारस्परिक रूप से सहमत ट्रेडिंग प्रक्रिया/प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अनुबंधित किया जा सकता है, जिसमें द्विपक्षीय या बहुपक्षीय, उद्धरण संचालित या ऑर्डर संचालित प्रक्रिया, अज्ञात या अन्यथा शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।

7. व्यापारों का निपटान

(1) सभी जीएसएल लेनदेन डिलीवरी बनाम डिलीवरी के आधार पर तय किए जाएंगे।

(2) सभी जीएसएल लेनदेन का पहला चरण या तो टी+0 या टी+1 आधार पर तय किया जाएगा।

(3) सभी जीएसएल लेनदेन भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) या किसी अन्य केंद्रीय प्रतिपक्षकार या इस उद्देश्य के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित समाशोधन व्यवस्था के माध्यम से निपटाए जाएंगे।

8. प्रतिभूतियों/संपार्श्विक का मूल्य निर्धारण, हेयरकट और मार्जिनिंग

(1) जीएसएल लेनदेन के तहत प्रतिभूतियों/संपार्श्विक का मूल्य लेनदेन के पहले चरण में प्रचलित बाजार कीमतों पर पारदर्शी रूप से किया जाएगा।

(2) जीएसएल लेनदेन से संबंधित हेयरकट/मार्जिन लेनदेन का निपटान करने वाले केंद्रीय प्रतिपक्षकार द्वारा तय किया जाएगा।

9. उधार ली गई प्रतिभूतियों का उपयोग और संपार्श्विक का प्रतिस्थापन

(1) जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई प्रतिभूतियां :

(ए) या तो एकमुश्त या रेपो लेनदेन के माध्यम से बेचा जाए या अधिविक्रय में वितरण दायित्व को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाए; अथवा

(बी) रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपयोग किया जाए; अथवा

(सी) किसी अन्य जीएसएल लेनदेन के तहत उधार दिया जाए; अथवा

(डी) किसी अन्य जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में रखा जाए।

(2) संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को उधारकर्ता द्वारा केंद्रीय प्रतिपक्षकार के नियमों के अनुसार अन्य पात्र प्रतिभूतियों के साथ प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

10. व्यापारों की रिपोर्टिंग

(1) सभी जीएसएल लेनदेन निष्पादन के 15 मिनट के भीतर, लेनदेन के दोनों प्रतिपक्षकारों द्वारा या संबंधित ईटीपी ऑपरेटर द्वारा, जैसा भी मामला हो, सीसीआईएल, या रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किसी अन्य एजेंसी को सूचित किया जाएगा।

(2) किसी प्रतिपक्षकार द्वारा एक ही ओटीसी बाजार सौदे की एकाधिक रिपोर्टिंग या किसी भी गलत रिपोर्टिंग को, जैसा भी मामला हो तुरंत सीसीआईएल या उपरोक्त पैरा 10(1) में निर्दिष्ट एजेंसी के ध्यान में लाया जाएगा।

11. रिजर्व बैंक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने की बाध्यता

रिज़र्व बैंक पात्र प्रतिभागियों और ईटीपी ऑपरेटरों सहित जीएसएल लेनदेन करने वाले व्यक्तियों या एजेंसियों से अपनी आवश्यकतानुसार कोई भी जानकारी या विवरण या कोई स्पष्टीकरण मांग सकता है और ऐसे व्यक्तियों/एजेंसियों को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट समय के भीतर ऐसी जानकारी, विवरण या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।

12. डेटा प्रकाशन

रिज़र्व बैंक या रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत कोई अन्य व्यक्ति, जीएसएल लेनदेन से संबंधित कोई भी अज्ञात डेटा प्रकाशित कर सकता है।

13. लेखांकन और प्रकटीकरण

(1) जीएसएल लेनदेन का हिसाब अनुबंध में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं द्वारा किया जाएगा।

(2) अन्य पात्र प्रतिभागी लागू लेखांकन मानकों के अनुसार जीएसएल लेनदेन का हिसाब रख सकते हैं।

14. सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) की गणना

(1) जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई एसएलआर पात्र प्रतिभूतियां उधारकर्ता द्वारा एसएलआर के लिए गणना के योग्य होंगी। तदनुसार, जीएसएल लेनदेन के तहत उधार दी गई ऐसी प्रतिभूतियां ऋणदाता द्वारा एसएलआर के लिए विचार किए जाने के योग्य नहीं होंगी।

(2) जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में प्राप्त एसएलआर पात्र प्रतिभूतियां ऋणदाता द्वारा एसएलआर के लिए गणना के योग्य होंगी। तदनुसार, जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में रखी गई ऐसी प्रतिभूतियां उधारकर्ता द्वारा एसएलआर के लिए गणना के योग्य नहीं होंगी।

15. दस्तावेज़ीकरण:

जीएसएल लेनदेन करने वाले प्रतिभागियों को एफ़आईएमएमडीए द्वारा निर्दिष्ट दस्तावेज़ के अनुसार, अपने प्रतिपक्षकार के साथ एक मानक द्विपक्षीय मास्टर जीएसएल करार निष्पादित करना होगा। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2018 के अनुसार अधिकृत ईटीपी पर कारोबार किए गए जीएसएल लेनदेन के मामले में, सहभागी उस प्लेटफॉर्म, जहां इसका कारोबार होता है, के नियमों और विनियमों द्वारा नियंत्रित होंगे।

16. निर्देशों का उल्लंघन

किसी भी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा इन निर्देशों के किसी भी प्रावधान या किसी अन्य लागू कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने की स्थिति में, रिज़र्व बैंक, कानून के अनुसार कोई दंडात्मक या नियामक कार्रवाई करने के अलावा, उस व्यक्ति या एजेंसी को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के बाद, एक बार में एक महीने से अधिक की अवधि के लिए जीएसएल लेनदेन करने से रोक सकता है और ऐसी कार्रवाई को रिज़र्व बैंक द्वारा सार्वजनिक किया जा सकता है।

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं के लिए सरकारी प्रतिभूति ऋण (जीएसएल) लेनदेन हेतु लेखांकन
दिशानिर्देश

सरकारी प्रतिभूति ऋण लेनदेन पर निम्नलिखित लेखांकन दिशानिर्देश लागू होंगे:

1. पात्र पोर्टफोलियो: बाजार सहभागी किसी भी श्रेणी के निवेश से पात्र प्रतिभूतियां उधार दे सकते हैं।

2. ट्रीटमेंट ऑफ सेक्यूरिटीज: जीएसएल लेनदेन का आर्थिक सार, अर्थात, ऋणदाता के पास संपार्श्विक के रूप में अन्य पात्र प्रतिभूतियों को रखकर पात्र प्रतिभूतियों को उधार लेना, सहमत शर्तों पर संपार्श्विक उधार लेनदेन के रूप में लेखांकन करके लेन-देन करने वाले पक्षों की बहियों में परिलक्षित होगा। तदनुसार,

ए) प्रतिभूति ऋणदाता जीएसएल लेनदेन के तहत उधार दी गई प्रतिभूतियों को अपवर्जित नहीं करेगा, लेकिन ऋण अवधि के दौरान प्रतिभूतियों में उसके निरंतर आर्थिक हित को दर्शाते हुए उसे अपने निवेश खाते में रखना जारी रखेगा। दूसरी ओर, प्रतिभूति उधारकर्ता को अपने तुलन-पत्र में जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई प्रतिभूतियों को शामिल नहीं करेगा;

बी) प्रतिभूति उधारकर्ता ऋण अवधि के दौरान जीएसएल लेनदेन के तहत ऋणदाता के साथ संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को अपने निवेश खाते में रखेगा; और प्रतिभूति ऋणदाता जीएसएल लेनदेन के तहत संपार्श्विक के रूप में प्राप्त प्रतिभूतियों को अपने तुलन-पत्र में शामिल नहीं करेगा; और

सी) उधार दी गई प्रतिभूतियों को प्रतिभूति ऋणदाता से प्रतिभूति उधारकर्ता को हस्तांतरित कर दिया जाएगा और संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को सामान्य एकमुश्त बिक्री/खरीद लेनदेन के मामले में प्रतिभूति उधारकर्ता से प्रतिभूति ऋणदाता को हस्तांतरित कर दिया जाएगा और प्रतिभूतियों का ऐसा संचलन मेमोरेंडम खातों का उपयोग करके परिलक्षित किया जाएगा।

3. खाते: निम्नलिखित खातों का रखरखाव किया जा सकता है:

ए) जीएसएल शुल्क आय खाता;

बी) जीएसएल शुल्क व्यय खाता;

सी) जीएसएल शुल्क प्राप्य खाता; और

डी) जीएसएल शुल्क देय खाता।

उपरोक्त के अलावा, निम्नलिखित मेमोरेंडम खातों का भी रखरखाव किया जा सकता है:

ए) जीएसएल-उधार दिया गया प्रतिभूति खाता;

बी) जीएसएल-उधार लिया गया प्रतिभूति खाता;

सी) जीएसएल-प्राप्य प्रतिभूति खाता;

डी) जीएसएल-चुकौती योग्य प्रतिभूति खाता;

ई) जीएसएल- संपार्श्विक के रूप में रखा गया खाता;

एफ) जीएसएल-संपार्श्विक प्राप्त खाता;

जी) जीएसएल-संपार्श्विक प्राप्य खाता; और

एच) जीएसएल-संपार्श्विक चुकौती योग्य खाता।

इन मेमोरेंडम खातों का उपयोग उधार दी गई/उधार ली गई या संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा और तुलन-पत्र की प्रस्तुति पर इसका कोई असर नहीं होगा।

4) प्रतिभूति का कीमत निर्धारण और आय एवं व्यय की रिकॉर्डिंग:

ए) जीएसएल लेनदेन में, प्रतिभूतियों को पहले चरण में बाजार से संबंधित कीमतों पर उधार (संपार्श्विक के रूप में राखी गई) दिया जाना चाहिए और दूसरे चरण में उसी कीमत पर प्राप्त किया जाना चाहिए। दूसरे चरण में प्रतिफल राशि, अर्थात उधारकर्ता द्वारा प्रतिभूति के ऋणदाता को भुगतान किया जाने वाला जीएसएल शुल्क, शामिल होगी।

बी) जीएसएल आय/व्यय की गणना उपचय आधार पर की जाएगी। जीएसएल शुल्क आय खाते और जीएसएल शुल्क व्यय खाते में बकाया शेष राशि को लाभ और हानि खाते में अंतरित किया जाना चाहिए। जहां तक तुलन-पत्र की तारीख पर बकाया जीएसएल लेनदेनों का संबंध है, तुलन-पत्र की तारीख तक केवल उपचित आय/व्यय को ही लाभ और हानि खाते में लिया जाना चाहिए। शेष अवधि के लिए किसी भी जीएसएल आय/व्यय को अगली लेखा अवधि में गिना जाना चाहिए। लेखांकन अवधि के अंत में बकाया जीएसएल लेनदेन के संबंध में आय के उपचय को परिलक्षित करने के लिए, ऋणदाता/उधारकर्ता की बहियों में क्रमशः जीएसएल शुल्क आय/व्यय को परिलक्षित करने हेतु जीएसएल शुल्क प्राप्य खाते और जीएसएल शुल्क देय खाते में तदनुरूपी प्रविष्टियों के साथ, लाभ और हानि खाते में उचित प्रविष्टियां पारित की जानी चाहिए। पारित की गई ऐसी प्रविष्टियों को अगली लेखा अवधि के पहले कार्य दिवस पर रिवर्स किया जाना चाहिए।

(एक उदाहरण परिशिष्ट-1 में दिया गया है)

a. ट्रीटमेंट ऑफ कूपन/डिस्काउंट:

ए) ऋणदाता ऋण अवधि के दौरान उधार दी गई प्रतिभूतियों पर कूपन/छूट उपचित करना जारी रखेगा। इसी प्रकार, उधारकर्ता ऋण अवधि के दौरान संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों पर कूपन/छूट उपचित करना जारी रखेगा।

बी) यदि जीएसएल लेनदेन के तहत उधार दी गई प्रतिभूतियों (संपार्श्विक के रूप में रखी गई) की ब्याज भुगतान तिथि ऋण अवधि के भीतर आती है, तो प्रतिभूति के उधारकर्ता (ऋणदाता) द्वारा प्राप्त कूपन प्राप्ति की तिथि पर, मूल्य तिथि के आधार पर, क्योंकि दूसरे चरण में उधारकर्ता द्वारा देय नकद प्रतिफल में कोई भी हस्तक्षेप करने वाला नकदी प्रवाह शामिल नहीं है, ऋणदाता (उधारकर्ता) को भेज दिया जाना चाहिए।

6) बाजार भाव पर दर्शाना: लेन-देन करने वाले पक्ष लागू विनियमों/लेखा मानकों के अनुसार जीएसएल लेनदेनों के तहत उधार दी गई या संपार्श्विक के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को बाजार भाव पर दर्शाना/मूल्यांकन करना जारी रखेंगे।

7) खातों का वर्गीकरण: वाणिज्यिक बैंक जीएसएल शुल्क आय खाते और जीएसएल शुल्क व्यय खाते में शेष को क्रमशः अनुसूची 14 (मद I) और अनुसूची 16 (मद XII) के तहत अपने लाभ और हानि खाता विवरण में वर्गीकृत करेंगे। अन्य सहभागियों के लिए तुलन-पत्र वर्गीकरण लागू सांविधिक प्रावधानों/दिशानिर्देशों द्वारा शासित होगा।

8) प्रकटीकरण: रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएँ तुलन-पत्र के "नोट्स ऑन अकाउंट्स" में परिशिष्ट - 2 में निर्धारित प्रकटीकरण करेंगे:

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
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