आरबीआई/2019–20/41
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.377/02.10.002/2019-20
14 अगस्त 2019
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक /
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / लघु वित्त बैंक /
पेमेंट बैंक / व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स
महोदया/महोदय,
एटीएम का उपयोग – नि:शुल्क एटीएम लेनदेन - स्पष्टीकरण
कृपया, इस विषय पर हमारे दिनांक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 316/02.10.002/2014-2015 और दिनांक 10 अक्टूबर 2014 के डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 659/02.10.002/2014-2015 का संदर्भ लें।
2. हमारे संज्ञान में यह बात आई है कि ऐसे लेनदेन जो तकनीकी कारणों, एटीएम में नकदी की अनुपलब्धता इत्यादि के कारण विफल हुए हैं, उन्हें भी नि:शुल्क एटीएम लेनदेन की संख्या में शामिल कर लिया जाता है।
3. अत: एतदद्वारा, यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे लेनदेन जो तकनीकी कारणों जैसे कि हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, संचार संबंधी समस्याओं; एटीएम में करेंसी नोटों की अनुपलब्धता; और अन्य विफल लेनदेन जिनके लिए बैंक / सेवा प्रदाता को सीधेतौर पर / पूर्णतया उत्तरदायी ठहराया जा सकता है; अमान्य पिन / सत्यापन; इत्यादि को ग्राहक के लिए वैध एटीएम लेनदेन के रूप में नहीं गिना जाएगा। परिणामतया कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
4. गैर- नकद आहरण लेनदेन (जैसे कि बैलेंस एनक्वायरी, चेक बुक संबंधी अनुरोध, करों का भुगतान, निधि अंतरण आदि), जो 'ऑन-अस' लेनदेन कहलाता है (अर्थात, जब कार्ड का उपयोग उसी बैंक के एटीएम में किया जाता है जिसने वह कार्ड जारी किया है) वह भी नि:शुल्क एटीएम लेनदेन की संख्या का हिस्सा नहीं होगा।
5. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 के अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।
भवदीय,
(पी. वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक
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