आरबीआई/2014-15/260
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 659 /02.10.002 /2014-2015
10 अक्टूबर 2014
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
महोदय / महोदया,
एटीएम का उपयोग – नि:शुल्क लेनदेनों की संख्या का यौक्तिकीकरण - स्पष्टीकरण
उपर्युक्त विषय पर दिनांक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 316 / 02.10.002 / 2014-2015 का संदर्भ लें। इस परिपत्र में अन्य बातों के साथ यह सूचित किया गया है कि, छ: महानगरीय केन्द्रों अर्थात मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में स्थित एटीएम पर बचत खाता ग्राहकों के लिए अन्य बैंकों के एटीएम से प्रति माह अनिवार्य नि:शुल्क लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) करने की संख्या को मौजूदा पाँच से घटाकर तीन कर दिया गया है।
2. हमें विभिन्न हितधारकों की ओर से इस संबंध में अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि हम 1 नवंबर, 2014 से बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को अन्य बैंकों के एटीएम पर उपलब्ध कराई जाने वाली अनिवार्य नि:शुल्क लेनदेनों की कुल संख्या के संबंध में स्पष्टीकरण दें। इस संबंध में स्पष्टीकरण निम्नलिखित है:
नवीनतम निर्देशों के जारी किए जाने से पूर्व, बैंकों को यह आदेश दिया गया था कि वे अपने बचत बैंक खाता धारकों से अन्य बैंकों के एटीएम पर एक माह में किए गए पाँच लेनदेनों (वित्तीय और गैर-वित्तीय सहित) चाहे एटीएम किसी भी स्थान पर क्यों न स्थित हो के संबंध में कोई भी शुल्क वसूल न करें। नवीनतम अनुदेशों के जारी होने के साथ जबकि, समग्र अंतिम सीमा अपरिवर्तित रहेगी, छ: महानगरीय केन्द्रों यथा मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में स्थित अन्य बैंकों के एटीएम में किए गए तीन लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय सहित) नि: शुल्क होंगे। तदनुसार, यदि लेनदेन छ: महानगरीय केन्द्रों और अन्य स्थानों पर किए जाते हैं तब अन्य बैंक के एटीएम पर नि: शुल्क लेनदेनों की कुल संख्या (वित्तीय और गैर-वित्तीय सहित) पाँच ही रहेगी।
3. तथापि, उपर्युक्त दिनांक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र में दर्शाए गए अनुसार, बैंकों को इस बात की स्वतन्त्रता है कि, वे किसी भी भौगोलिक स्थान पर अन्य बैंक के एटीएम पर अथवा स्वयं के एटीएम पर निर्धारित सीमा से अधिक के प्रति माह नि:शुल्क लेनदेन प्रदान कर सकते हैं। बैंक न्यूनतम आवश्यकताओं का पालन करते हुए नि:शुल्क लेनदेनों को समूहित (महानगरीय और गैर-महानगरीय स्थानों के लिए) करने का निर्णय लेने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
4. इसके अतिरिक्त, दिनांक 01 जुलाई 2014 के भारतीय रिज़र्व बैंक के मास्टर परिपत्र (बैंकों में ग्राहक सेवा पर) आरबीआई / 2014-15 / 72 डीबीओडी संख्या एलईजी.बीसी. 21/09.07.006/2014-15 के पैरा 4.1(iv) का संदर्भ लें जो कि एक माह के भीतर एटीएम आहरणों सहित छोटे/नो फ्रिल/ बुनियादी बचत बैंक जमा खातों में आहरणों की संख्या में कतिपय प्रतिबंध के संबंध में है। यह स्पष्ट किया जाता है कि हमारे दिनांक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र में यथा विनिर्दिष्ट छोटे/नो फ्रिल/ बुनियादी बचत बैंक जमा खाता धारकों को अन्य बैंकों के एटीएम पर नि: शुल्क लेनदेनों (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) की प्रयोजनीयता समय-समय पर संशोधित किए जाने वाले उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के प्रावधानों के अधीन है।
5. दिनांक 14 अगस्त 2014 के परिपत्र के अन्य प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया जा रहा है।
भवदीय
(विजय चुग)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
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