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मास्टर निदेशों

मास्टर निदेश – अन्य विप्रेषण सुविधाएं (03 अप्रैल 2024 को अद्यतन)

आरबीआई/एफ़ईडी/2015-16/4
एफ़ईडी मास्टर निदेश सं. 8/2015-16

1 जनवरी 2016
(03 अप्रैल 2024 को अद्यतन)
(06 नवंबर 2018 को अद्यतन)
(11 फरवरी 2016 को अद्यतन)

विदेशी मुद्रा कारोबार से जुड़े सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया / महोदय,

मास्टर निदेश – अन्य विप्रेषण सुविधाएं

भारत सरकार की दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं जी.एस.आर 381 (ई) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 5 के अनुसार निवासियों के लिए विविध विप्रेषण सुविधाओं की अनुमति है। विनियामक फ्रेमवर्क में परिवर्तनों को शामिल करने के लिए इन नियमों/ विनियमों में समय-समय पर संशोधन किए जाते हैं और उन्हें अधिसूचनाओं के माध्यम से प्रकाशित किया जाता है।

2. नियमों/ विनियमों की परिधि के भीतर, भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 की धारा 11 के अधीन प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। प्राधिकृत व्यक्ति अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ विदेशी मुद्रा का कारोबार किस प्रकार करें, इस संबंध में इन निदेशों में कार्यविधियां निर्धारित की जाती हैं ताकि बनाए गए विनियमों को लागू किया जा सके।

3. निवासियों के लिए विप्रेषण सुविधाओं के संबंध में जारी किए जा चुके अनुदेश इस मास्टर निदेश में संकलित कर लिए गए हैं। अंतर्निहित परिपत्र/ अधिसूचनाएँ, जो इस मास्टर निदेश का आधार हैं, की सूची परिशिष्ट में दी गई है। रिपोर्टिंग संबंधी अनुदेश रिपोर्टिंग पर जारी मास्टर निदेश में (मास्टर निदेश सं 18 दिनांक 1 जनवरी, 2016) दिए गए हैं।

4. यह ध्यान में रखा जाए कि जब भी आवश्यक हो, विनियमों में या प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ सबंधित लेनदेन के तरीकों में किसी परिवर्तन के बारे में रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यक्तियों को ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्रों के माध्यम से अनुदेश जारी करेगा। इसके साथ जारी किए जा रहे मास्टर निदेश में भी तदनुसार यथोचित संशोधन साथ-साथ किए जाएँगे।

भवदीय

(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक


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