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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के अध्यक्षों, निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों का सम्मेलन 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया

6 अप्रैल 2024

उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के अध्यक्षों, निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों का
सम्मेलन 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय था 'यूसीबी में अभिशासन: जोखिम प्रबंधन, अनुपालन और लेखापरीक्षा'। श्री एम. राजेश्वर राव, उप गवर्नर, श्री रोहित जैन, कार्यपालक निदेशक और भारतीय रिज़र्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्मेलन को संबोधित किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इससे पहले क्रमशः अगस्त 2023 और जनवरी 2024 को मुंबई और हैदराबाद में यूसीबी के निदेशकों के साथ वार्तालाप की थी।

श्री राव, उप गवर्नर ने अपने मुख्य भाषण में, यूसीबी द्वारा विशेष रूप से बैंक- रहित क्षेत्रों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने मजबूत बैंकिंग परिचालन सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और व्यापक जोखिम प्रबंधन ढांचे के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रभावी अभिशासन की आवश्यकता, अनियमितताओं का शीघ्र पता लगाने में आंतरिक लेखापरीक्षा कार्य के महत्व और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यपालक निदेशक श्री जैन ने अपने विशेष संबोधन में एक मजबूत और स्वतंत्र आश्वासन कार्य के महत्व और बैंक की समग्र निगरानी और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों और यूसीबी में साइबर सुरक्षा और परिचालनगत आघात सहनीयता को और मजबूत करने की आवश्यकता के बारे में भी विस्तार से बताया।

सम्मेलन में, अंवेक्षण और आश्वासन कार्य तथा आघात-सह जोखिम प्रबंधन प्रणालियों की स्थापना में यूसीबी से अपेक्षाओं संबंधी सत्र शामिल थे। प्रतिभागियों और भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक ओपन हाउस वार्तालाप सत्र के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/58

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