Click here to Visit the RBI’s new website

प्रेस प्रकाशनी


(288 kb )
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जलगांव पर मौद्रिक दंड लगाया

26 सितंबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जलगांव
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 20 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा दि जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जलगांव (बैंक) पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले’ (आईआरएसी मानदंड), ‘जमा खातों का रख-रखाव’ तथा ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 50.00 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट तथा उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने (i) आईआरएसी मानदंडों के अनुसार कतिपय खातों को गैर-निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, (ii) ग्राहकों को सूचित किए बिना और खातों में न्यूनतम शेष राशि की बहाली के लिए एक महीने का समय प्रदान किए बिना एसबी खातों में न्यूनतम शेष राशि का रखरखाव न करने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाया गया है, और (iii) दावेदारों को भुगतान करते समय मृतक व्यक्तिगत जमाकर्ताओं / एकल स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों के चालू खातों में पड़ी शेष राशि पर ब्याज का भुगतान नहीं किया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अननुपालन के लिए दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/941

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष