29 दिसंबर 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2021 जारी की
आज, आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 24वां अंक जारी किया, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
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कोविड-19 संक्रमण के पुनः बढ़ने, नए वेरिएंट ओमिक्रोन, आपूर्ति व्यवधानों और बाधाओं, मुद्रास्फीति के उच्च स्तर और मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव तथा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में कार्रवाई की पृष्ठभूमि में वैश्विक आर्थिक सुधार, 2021 की दूसरी छमाही में गति को खो रहा है।
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घरेलू मोर्चे पर, टीकाकरण में प्रगति ने हाल ही में गति के धीमा होने के संकेतों के बावजूद महामारी की दूसरी लहर के कमजोर होने के बाद कर्षण हासिल करने में बहाली को सक्षम बनाया है; कॉर्पोरेट क्षेत्र मजबूत हो रहा है और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार हो रहा है।
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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) 16.6 प्रतिशत के नए शिखर पर पहुंच गया और सितंबर 2021 में उनका प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 68.1 प्रतिशत था।
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क्रेडिट जोखिम के लिए समष्टि तनाव जांच यह दर्शाता है कि एससीबी का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (जीएनपीए) अनुपात, बेसलाइन परिदृश्य के तहत सितंबर 2021 में 6.9 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2022 तक 8.1 प्रतिशत और गंभीर तनाव परिदृश्य के तहत 9.5 प्रतिशत हो सकता है। हालांकि, एससीबी के पास तनाव की स्थिति में भी समग्र और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर पर्याप्त पूंजी होगी।
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ-साथ सूक्ष्म वित्त खंड में भी तनाव के उभरते संकेतों से, आगे, इन पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होगी।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1441 |