Click here to Visit the RBI’s new website

सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

प्रेस प्रकाशनी


(386 kb )
राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम योजना की समीक्षा

8 अक्तूबर 2021

राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम योजना की समीक्षा

राज्यों और संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए), विशेष आहरण सुविधा (एसडीएफ) और ओवरड्राफ्ट (ओडी) योजनाओं के माध्यम से वित्तीय समायोजन की सीमा की समीक्षा की गई है। निम्नानुसार यह निर्णय किया गया है:

अर्थोपाय अग्रिम

जैसा कि सलाहकार समिति (अध्यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) ने राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डब्ल्यूएमए सीमाओं की समीक्षा करने की सिफारिश की थी, रिज़र्व बैंक ने महामारी के दौरान उनके सामने आने वाली कठिनाइयों से निपटने के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों की मदद के लिए कुल 51,560 करोड़ की बढ़ी हुई अंतरिम डब्ल्यूएमए सीमा को 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया था। चल रही महामारी से संबंधित अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय किया गया है कि सभी राज्यों के लिए 51,560 करोड़ की मौजूदा डब्ल्यूएमए सीमा को और छह महीने अर्थात 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया जाए (राज्य/संघ शासित प्रदेश-वार डब्ल्यूएमए सीमाएं अनुलग्नक में दी गई हैं)। इसके बाद रिज़र्व बैंक महामारी की अवधि और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के आधार पर अर्थोपाय अग्रिम सीमा की समीक्षा करेगा।

विशेष आहरण सुविधा (एसडीएफ)

राज्य सरकारों / संघशासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त एसडीएफ को भारत सरकार द्वारा जारी किए गए बाजार योग्य प्रतिभूतियों में उनके निवेश की मात्रा से संबद्ध रहना जारी रहेगा, जिसमें नीलामी खजाना बिल (एटीबी) भी शामिल हैं। सीएसएफ और जीआरएफ में शुद्ध वार्षिक वृद्धिशील निवेश किसी भी ऊपरी सीमा के बिना एसडीएफ के लाभ के लिए पात्र होंगे। दैनिक आधार पर एसडीएफ की परिचालन सीमा निर्धारित करने के लिए, प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य पर 5 प्रतिशत की एक समान कटौती की जाएगी।

ओवरड्राफ्ट

ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए प्रदान की गई छूट को छह महीने की अवधि के लिए, अर्थात 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने का निर्णय किया गया है ताकि राज्यों को नकदी प्रवाह में उनकी विसंगति से निपटने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान किया जा सके। विवरण नीचे दिया गया है:

अ. लगातार दिनों की संख्या में वृद्धि जिस पर राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश 14 दिनों से 21 दिनों तक ओवरड्राफ्ट का लाभ उठा सकते हैं; तथा

आ. एक तिमाही में दिनों की अधिकतम संख्या में वृद्धि जिस पर राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश 36 दिनों से 50 दिनों तक ओवरड्राफ्ट में बने रह सकते हैं।

एसडीएफ, डब्‍ल्‍यूएमए और ओडी पर ब्याज दर

एसडीएफ, डब्‍ल्‍यूएमए और ओडी पर ब्‍याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक की नीति दर, अर्थात रेपो दर से जुड़े रहना जारी रहेगा। जितने दिनों के लिए अग्रिम बकाया रहते हों, उन सभी दिनों के लिए ब्‍याज प्रभारित किया जाएगा।

प्रचलित दरें नीचे दी गई हैं:

योजना सीमा ब्याज दर
एसडीएफ यदि सीएसएफ और जीआरएफ में शुद्ध वार्षिक वृद्धिशील निवेश का लाभ लेकर प्राप्त किया गया है रेपो दर से 2 प्रतिशत कम
यदि जी-सेक / एटीबी में निवेश का लाभ लेकर प्राप्त किया गया है रेपो दर से 1 प्रतिशत कम
डब्‍ल्‍यूएमए यदि अग्रिम लेने की तारीख से 3 महीने तक बकाया है रेपो दर
यदि अग्रिम लेने की तारीख से 3 महीने से ज्यादा तक बकाया है रेपो दर से 1 प्रतिशत अधिक
ओडी डब्‍ल्‍यूएमए सीमा के 100 प्रतिशत तक आहरित होने पर रेपो दर से 2 प्रतिशत अधिक
डब्‍ल्‍यूएमए सीमा के 100 प्रतिशत से अधिक रेपो दर से 5 प्रतिशत अधिक

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1015

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष